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नागपुर यूनिवर्सिटी में शुरू होगा "बीएससी इन फायनांस' पाठ्यक्रम
डिजिटल डेस्क, नागपुर। यूनिवर्सिटी ने अगले साल (2020-21) में अपने यहां "बीएससी इन फायनांस" नामक पाठ्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है। मुंबई और पुणे जैसे शहरों में इस पाठ्यक्रम की बढ़ती मांग को देखते हुए यूनिवर्सिटी ने अपने यहां भी ये पाठ्यक्रम शुरू करने की तैयारी की है।
रोजगार होंगे उपलब्ध
दरअसल, आगामी पांच वर्षों के प्रोस्पेक्टिव मंे कौशल विकास पर आधारित पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहा है। बीएससी फायनांस पाठ्यक्रम में विज्ञान और कामर्स के साथ साथ अन्य शाखाओं के पाठ्यक्रमों का निचोड़ होगा। कैरियर की दृष्टि से यह पाठ्यक्रम विद्यार्थियों के सामने कई क्षेत्रों में विकल्प खोलेगा, ऐसी उम्मीद विवि को है। इस तीन वर्षीय पाठ्यक्रम को अपने यहां शुरू करने के लिए एक कॉलेज ने विवि से अनुमति भी मांगी है। ऐसे में एक साल तक विवि इससे जुड़ा पाठ्यक्रम तैयार करेगा और फिर अगले साल इसे शुरू किया जाएगा। इस दिशा में सोमवार को विवि की बोर्ड ऑफ डीन्स की बैठक में फैसला लिया गया। इसके अलावा विवि टाइगर टूरिज्म, फ्लाय एेश यूटिलाइजेशन, बांबू टेक्नोलॉजी, स्पोर्ट्स मेडिसिन, ऑनर्स इन सायकोलॉजी, कॉमर्स, स्पोर्स्ट्स मैनेजमेंट, एमए इन इंवायरमेंट इकोनॉमिक्स जैसे करीब 150 पाठ्यक्रम शुरू करने की भी तैयारी कर रहा है। विद्यार्थियों में कौशल विकास करके उन्हें रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध कराने की दृष्टि से यह निर्णय लिया गया है।
इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस में अतिरिक्त शिक्षकों के सहारे पढ़ाई
यूनिवर्सिटी ने 129 कॉलेजों के 250 से अधिक पाठ्यक्रमों में नियमित शिक्षक न होने से उनमें प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया है। लेकिन यूनिवर्सिटी की इस सूची के अलावा भी कुछ कॉलेज हैं, जिनके पाठ्यक्रम में नियमित शिक्षक न होने के बावजूद उनके प्रवेश प्रतिबंधित नहीं किए गए हैं। सिविल लाइंस स्थित नागपुर विवि के प्रशासकीय परिसर में ही इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस है। यहां का एमएससी इन इन्वायरमेंटल साइंस पाठ्यकम भी बगैर नियमित शिक्षकों के चल रहा है। यह पाठ्यक्रम कॉलेज में वर्ष 1990 से चल रहा है। फिलहाल कॉलेज ने बॉटनी विभाग की डॉ.सुष्मा नरखेड़े को एमएससी इन इन्वायरमेंटल साइंस के प्रमुख का प्रभार दिया है।
यहां कुल 11 विद्यार्थी हैं। 9 विजिटिंग शिक्षक, जिनमें कुछ सेवानिवृत्त पर्यावरण वैज्ञानिक भी शामिल हैं। इसके अलावा यहां 9 पार्ट टाइम शिक्षक हैं, लेकिन पाठ्यक्रम में एक भी नियमित शिक्षक नहीं हैं, जबकि कॉलेज के ही केमेस्ट्री, फिजिक्स, बॉटनी, जूलॉजी, मैथ्स और स्ट्रैटिस्टिक पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में पर्याप्त नियमित शिक्षक हैं। लंबे समय से लटकी पदभर्ती के कारण एमएससी इन इन्वायरमेंटल साइंस में नियमित शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की जा सकी है। अन्य कॉलेजों की ही तरह नियमित शिक्षक न होने से विवि की एलईसी कमेटी ने यहां भी प्रवेश प्रतिबंधित करने की सिफारिश विवि से की थी, लेकिन विवि ने यहां प्रवेश प्रतिबंधित नहीं किए। मामले में संस्था संचालक डॉ.आर.जी.आत्राम ने कहा है कि सरकारी अनुमति नहीं होने के कारण पाठ्यक्रम में नियमित शिक्षक न होने का तर्क दिया गया है।
Created On :   22 May 2019 3:32 PM IST