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बीएसएनएल पर उठे सवाल : अबसेंट रहकर भी 150 कर्मचारियों का वेतन कैसे निकला
डिजिटल डेस्क, नागपुर। भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) प्रबंधन ने इस बार पेमेंट का भुगतान तो समय पर कर दिया, लेकिन आंदोलन में शामिल सैकड़ों अधिकारी-कर्मचारियों का 3 दिन का वेतन काट दिया। करीब 150 कर्मचारी ऐसे निकले जो आंदोलन के दौरान कार्यालय में अनुपस्थित रहने के बावजूद उनका पूरा वेतन निकला। बीएसएनएल कर्मचारी यूनियन ने इसकी शिकायत प्रधान महाप्रबंधक से कर दी। याद रहे बीएसएनएल कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर 18, 19 व 20 फरवरी को जोरदार प्रदर्शन किया था।
बीएसएनएल कर्मचारियों ने फोर जी तकनीक व वेतन संबंधी सुधार की मांग को लेकर आंदोलन किया था। आंदोलन में अधिकारी भी शामिल हुए थे। बीएसएनएल नागपुर में करीब 1150 अधिकारी-कर्मचारी हैं और लगभग 800 कर्मचारी आंदोलन में शामिल हुए थे। बीएसएनएल प्रबंधन ने नो वर्क नो पेमेंट के तहत कार्यालय से अनुपस्थित रहकर आंदोलन में शामिल कर्मचारियों का तीन दिन का वेतन काट दिया। कर्मचारियों के बैंक खाते में 30 मार्च को पेमेंट जमा हुआ।
चौंकाने वाली बात यह है कि करीब 150 कर्मचारी ऐसे हैं, जो 18, 19 व 20 फरवरी को कार्यालय से अनुपस्थित थे, लेकिन इनका पूरा वेतन बैंक में जमा हुआ। यह खबर अन्य कर्मचारियों तक पहुंचते ही बीएसएनएल एम्प्लाइज यूनियन के पदाधिकारियों ने प्रधान महाप्रबंधक ए. के. वाजपेयी से मुलाकात की। अनुपस्थित कर्मचारियों को पूरा वेतन मिलने की जानकारी दी गई। पीजीएम ने तुरंत संबंधित अधिकारियों को इसकी जांच करने को कहा। सेक्शन प्रमुखों को संबंधित तारीख का प्रेजेंटी रजिस्टर देखने को कहा। आरोप सही साबित होने पर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई का भरोसा दिया गया।
वेतन काटने पर आपत्ती नहीं, पर सभी के साथ एक जैसा व्यवहार हो
पंचम गायकवाड, जिलाध्यक्ष बीएसएनएल एम्प्लाइज यूनियन का कहना है कि नो वर्क नो पेमेंट की तर्ज पर आंदोलनकारी कर्मचारियों का वेतन काटा, इस पर आपत्ती नहीं है। कई ऐसे कर्मचारी है जो उसी दैारान कार्यालय में अनुपस्थित थे आैर उनका वेतन नहीं काटा गया। सभी कर्मचारियों से एक जैसा व्यवहार होना चाहिए। पीजीएम को मामले की जानकारी दी गई है। जांच कर उचित कार्रवाई करने का भरोसा दिया गया है।
Created On :   1 April 2019 6:39 PM GMT