बौद्ध कर रहे स्वंतत्र कानून की मांग, शरद पवार और आठवले का भी समर्थन, सुप्रिया ने उठाया धनगड़ समाज के आरक्षण का मुद्दा

Buddhists demanded independent law, Pawar and Athavale in support
बौद्ध कर रहे स्वंतत्र कानून की मांग, शरद पवार और आठवले का भी समर्थन, सुप्रिया ने उठाया धनगड़ समाज के आरक्षण का मुद्दा
बौद्ध कर रहे स्वंतत्र कानून की मांग, शरद पवार और आठवले का भी समर्थन, सुप्रिया ने उठाया धनगड़ समाज के आरक्षण का मुद्दा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ऑल इंडिया एक्शन कमेटी फॉर बुद्धिस्ट लॉ एक बार फिर दिल्ली में बौद्धों के स्वतंत्र कानून की मांग को लेकर हुंकार भरेगा। कमेटी के संयोजक एड मुकुंद खैरे के नेतृत्व में 11 फरवरी को यहां जंतर-मंतर पर महामोर्चा का आयोजित किया गया है। महामोर्चा में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली सरकार के सामाजिक न्याय मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम और गुजरात से विधायक जिग्नेश मेवानी शामिल रहेंगे। एड खैरे ने बताया कि यह महामोर्चा भारतीय बौद्ध महासभा , बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया और ऑल इंडिया एक्शन कमेटी फॉर बुद्धिस्ट लॉ के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया है। बौद्धों के स्वतंत्र कानून की मांग को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रमुख शरद पवार, केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास आठवले और उत्तरप्रदेश से भाजपा की पूर्व सांसद सावित्रीबाई फुले ने अपना समर्थन जताया है। उन्होने बताया कि इन्होने इस मांग के संबंध में इन्होने अपनी ओर से विधि मंत्रालय को पत्र लिखा है। उन्होने कहा कि एम एन वेंकटचलैया की रिपोर्ट के अनुसार संविधान के अनुच्छेद 25 (2) (ब) में संशोधन करके बौद्ध धर्म को एक स्वतंत्र धर्म के रुप में मान्यता देने की मांग को लेकर पिछले साल 24 जुलाई 2018 में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया था। इसके बाद बौंद्धों के स्वतंत्र कानून के बिल का मसौदा विधि मंत्रालय को सौंपा था। इस पर विधि मंत्रालय ने उन्हे  1 सिंतबर 2018 को पत्र लिखकर यह बताया कि इस बिल के मसौदे को विधि आयोग के पास भेजा गया है। साथ ही कहा कि सरकार संविधान के प्रावधानों के मुताबिक हर धर्म का व्यक्तिगत कानून बनाने की संवैधानिक जिम्मेदारी है। इसलिए अब सरकार को बौद्धों का स्वतंत्र कानून बनाना अनिवार्य हो गया है।  

Created On :   8 Feb 2019 1:45 PM GMT

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