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बिल्डर डी. एस. कुलकर्णी पर दामाद ने ठोका 100 करोड़ की मानहानि का दावा
डिजिटल डेस्क, पुणे। जानेमाने बिल्डर डी. एस. कुलकर्णी पर उनके भाई के दामाद ने 100 करोड़ रूपए की मानहानि का दावा ठोक दिया है। जिसके बाद डीएसके की अड़चने और बढ़ गई है। गौरतलब है कि निवेशकों के कराेड़ों रूपए न लौटाने के कारण कुलकर्णी दंपति पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ था। इस मामले में अपना पक्ष रखने के लिए कुलकर्णी ने कुछ दिन पहले मीडिया में कहा था कि उनके भाई का दामाद केदार वांजपे उनके बारे में सूचना अधिकार कार्यकर्ता विजय कुंभार को गलत जानकारी दे रहा है। इन्हीं आरोपों के चलते वांजपे ने कुलकर्णी के विरोध में 100 करोड़ रूपए की मानहानि का दावा दाखिल किया है। इसका नोटिस भी कुलकर्णी को भेजा गया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में कुलकर्णी को 19 जनवरी तक की मोहलत दे चुका है।
कौन है वांजपे?
वांजपे कुलकर्णी के भाई के दामाद हैं। पहले वांजपे डीएसके समूह में ही काम करते थे। कुलकर्णी के महत्वकांक्षी योजना ड्रीम सिटी के लिए जगह खरीदी करने की जिम्मेदारी वांजपे पर थी। लेकिन दोनों में आर्थिक वजह को लेकर विवाद हुआ। उसके बाद वांजपे कुलकर्णी से अलग हो गए थे।
सुप्रीम कोर्ट से 19 जनवरी तक मोहलत
इसके पहले डीएस कुलकर्णी और उनकी पत्नी हेमंती कुलकर्णी की गिरफ्तारी टल गई। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उन्हें 19 जनवरी तक 50 करोड़ रूपए भरने का आदेश दिए। कुलकर्णी दंपति ने अंतरिम जमानत के मुंबई हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट ने उन्हें 19 दिसंबर तक 50 करोड़ रूपए जमा करने का आदेश दिया था, लेकिन कुलकर्णी रूपए जमा नहीं कर सके। इसलिए उनकी अंतरिम जमानत की अर्जी कोर्ट ने खारिज की थी। अर्जी खारिज होने के कारण कुलकर्णी दंपति की गिरफ्तारी होनी थी। गिरफ्तारी के डर से दोनों लापता भी हुए थे। इसी बीच उन्होंने हाईकोर्ट के निर्णय के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें 19 जनवरी तक मोहलत दे दी।
Created On :   25 Dec 2017 8:05 PM IST