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बसें तो दौड़ रहीं लेकिन नहीं मिल रहे यात्री - सभी रूटों पर शुरु हुआ संचालन, यात्रियों की कमी बनी परेशानी
डिजिटल डेस्क शहडोल । जिले में बसों का संचालन लगभग सभी रूटों पर शुरु हो चुका है, लेकिन अपेक्षा के अनुरूप यात्री नहीं मिल रहे हैं। जिसके कारण बस मालिकों की चिंता बढ़ गई है। निर्धारित रूटों पर 2-3 बसों को दौड़ाया जा रहा है लेकिन उनमें 30 प्रतिशत सवारियां ही मिल पा रही हैं। मुख्यालय के राजीव गांधी बस स्टैण्ड में बसों की आवा जाही शुरु होने के बाद भी पुरानी रौनक अभी गायब है। जो यात्री अपने गंतव्य तक जाने के लिए स्टैण्ड तक पहुंच रहे हैं उनकी संख्या बहुत ही कम है। शासन ने लोगों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए बस मालिकों को करों में छूट देकर संचालन तो शुरु कराया परंतु लगता है अभी भी कोरोना संक्रमण को देखते हुए यात्री बसों में यात्रा करने से बच रहे हैं। हालांकि बस मालिकों द्वारा शासन की गाइड लाइन के अनुसार सीनेटाइजर, मॉस्क व टम्पे्रचर मशीन का उपयोग किया जा रहा है।
200 में 60 बसों का संचालन
परिवहन विभाग के अनुसार शहडोल से होकर चलने वाली 200 बसों को परमिट मिला हुआ है। कोरोना संक्रमण काल के चलते 5-6 माहीने बाद बीते शनिवार से इक्का दुक्का बसें ही शुरु हो पाई थीं। इसके बाद बुधवार तक की स्थिति में विभिन्न रूटों पर करीब 60 बसें चलने लगी हैं। शुरुआती दिनों में कम दूरी केशवाही, जैतपुर और ब्यौहारी आदि के लिए बसें शुरू हुई। इसके बाद अब रीवा, सीधी, ब्यौहारी, कटनी, अनूपपुर आदि स्थानों के लिए हर रूट पर बसें चलने लगी हैं। वहीं दूसरे प्रदेशों के लिए बस सेवा शुरु नहीं हो पाई है। जानकारी के अनुसार छग ने मंजूरी दी है वहीं महाराष्ट्र और यूपी सरकारों से अनुमति नहीं मिल पाई है।
इसलिए नहीं मिल रहे यात्री
कई महीनों बाद बसों का संचालन शुरु होने के बाद भी 50 सीटर की बस में आधे यात्री भी नहीं मिल रहे हैं। अनेक बस मालिकों ने बताया कि डीजल का खर्च निकालना भी मुश्किल हो रहा है। रूटों वाले छोटे स्थानों से भी यात्री नहीं बैठ रहे क्योंकि वे आटो आदि से आते जाते हैं। बस ऑनर्स के अध्यक्ष महंत गौतम के अनुसार इन दिनों पितरा चल रहे हैं। ऐसे में लोगों का निकलना कम ही होता है। वहीं कटनी, शहडोल अनूपपुर से ट्रेनें नहीं चल रही हैं। इसलिए यात्री नहीं मिल रहे हैं। इसके अलावा कोरोना का डर लोगों में अभी बना हुआ है। किराया को लेकर भी संशय बना हुआ है। शासन की ओर से दर नहीं बढ़ाया गया है लेकिन घाटा पूर्ति के लिए कई बसों में निर्धारित से 10-20 रुपया अधिक लिए जाने की जानकारी मिल रही है।
कुछ दिनों में होगा सुधार
परिवहन विभाग व बस मालिकों के अनुसार आगामी कुछ दिनों में बस सेवा पटरी पर लौट आएगी। विगत कई महीनों से बसों के खड़े रहने के कारण टायर, बैटरी आदि पर प्रभाव पड़ा है। जिनके मेंटिनेंस के लिए समय लग रहा है। वहीं कई बसों के परमिट, बीमा आदि की मियांद समाप्त हो चुकी है। इनके दस्तावेज दुरुस्त होने के बाद ही इनका संचालन शुरू हो सकेगा। यही कारण है कि अभी 60 बसें ही दौड़ पा रही हैं। आरटीओ आशुतोष भदौरिया के अनुसार ट्रेन नहीं चलने के कारण कटनी रूट के लिए एक बस को एक महीने के लिए पृथक से अस्थायी परमिट जारी किया गया है।
Created On :   10 Sept 2020 6:31 PM IST