कैबिनेट फैसले : लोकायुक्त कार्यालय के लिए 6 पद, जाति प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए खुलेंगे 7 नए कार्यालय

Cabinet decision: 6 posts for Lokayukta office
कैबिनेट फैसले : लोकायुक्त कार्यालय के लिए 6 पद, जाति प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए खुलेंगे 7 नए कार्यालय
कैबिनेट फैसले : लोकायुक्त कार्यालय के लिए 6 पद, जाति प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए खुलेंगे 7 नए कार्यालय

डिजिटल डेस्क, मुंबई। लोकायुक्त और उपलोकायुक्त कार्यालय के लिए उपप्रबंधक पद सहित 6 पदों के सृजन को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। महाराष्ट्र के उपलोकायुक्त के रूप में राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक दत्तात्रय पडसलगीकर की नियुक्ति की गई है। उन्होंने पदभार भी स्वीकार कर लिया है। पडसलगीकर की नियुक्ति से उपलोकायुक्त की संख्या दो हो गई है। इसके मद्देनजर लोकायुक्त और उपलोकायुक्त कार्यालय में अधिकारी व कर्मचारियों के जरूरी नए पदों को मंजूरी दी गई है। 

जाति प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए खुलेंगे सात नए कार्यालय

प्रदेश में अनुसूचित जनजाति के लिए सात अतिरिक्त जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति कार्यालय के निर्माण को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। चंद्रपुर, गोंदिया, यवतमाल, नाशिक, धुलिया, किनवट और पालघर इन सात जगहों पर नए समिति कार्यालय के स्थापना को मंजूरी दी गई है। साथ ही मौजूदा नागपुर, औरंगाबाद, अमरावती, गडचिरोली, ठाणे, पुणे, नाशिक और नंदूरबार स्थित इन आठ समिति कार्यालयों के कार्यक्षेत्र की पुनर्रचना कि जाएगी। समिति कार्यालय के लिए 70 नियमित तथा 70 ठेके के पद सहति कुल 140 पदों का निर्माण किया जाएगा। प्रदेश में महाराष्ट्र अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, विमुक्त जाति, घुमंतु जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग व विशेष पिछड़ वर्ग के जाति प्रमाण पत्र अधिनियम-2000 के अधिनियम को 18 अक्टूबर 2001 से लागू किया गया है। इस अधिनियम के प्रावधानों के तहत शैक्षणिक संस्था, नगर निकाय चुनाव व शासकीय सेवाओं में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित पदों का लाभ लेने के लिए उम्मीदवारों को जाति प्रमाण पत्र व वैधता प्रमाण पत्र जमा करना अनिवार्य है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार विभिन्न व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए आरक्षित सीटों का लाभ लेने के लिए उम्मीदवारों को प्रवेश के समय जाति प्रमाणपत्र व वैधता प्रमाण पत्र देना आवश्यक होता है। अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति के पास बड़े पैमाने पर प्रलंबित प्रकरण हैं। इस संबंध में शिकायतें व न्यायालयीन प्रकरण और नए प्राप्त होने वाले शैक्षणिक, सेवा, चुनाव और अन्य प्रकरणों के जल्द गति से निपटारे के लिए अतिरिक्त समिति कार्यालय बनाने का फैसला किया गया है। 

आश्रम स्कूलों के लिए शिक्षकों के 111 पदों को मान्यता 

आदिवासी उच्च माध्यमिक आश्रम स्कूलों में विज्ञान शिक्षकों के अतिरिक्त पदों के निर्माण के लिए राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। मंत्रिमंडल ने 111 शासकीय उच्च माध्यमिक आश्रम स्कूलों के लिए 111 पदों और 143 अनुदानित उच्च माध्यमिक आश्रम स्कूलों के लिए 143 पदों कुल 254 पदों के सृजन को मंजूरी दी है। इससे आश्रम स्कूलों में कक्षा 11 वीं तथा 12 वीं के विज्ञान संकाय में पढ़ाई करने वाले 25 हजार से अधिक आदिवासी विद्यार्थियों को लाभ मिल सकेगा। इसके साथ ही एनईईटी, जेईई, सीईटी व संबंधित परीक्षा द्वारा इंजीनियरिंग, मेडिकल और अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में विद्यार्थियों के प्रवेश के लिए फायदा मिल सकेगा। उच्च माध्यमिक आश्रम स्कूलों के उन्नयन के बाद स्कूलों में गणित, भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीवविज्ञान विषय के लिए शिक्षा विभाग की मौजूदा नीति के अनुसार 3 के बजाय अब 4 विज्ञान शिक्षकों के पदों को मंजूरी दी गई है। संशोधित आश्रम स्कूल संहिता के अनुसार स्टॉफ पैटर्न में संशोधन करके विज्ञान संकाय के लिए अब कुल चार शिक्षकों की नियुक्ति का प्रावधान करने का फैसला किया गया है। इस फैसले से प्रत्येक विषय के लिए स्नातकोत्तर डिग्री धारक शिक्षक उपलब्ध हो सकेंगे। उच्च माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्ति नियमानुसार प्रशिक्षित पात्रता धारक उम्मीदवारों में से सरकार द्वारा निर्धारित कार्य पद्धति के अनुसार की जाएगी। राज्य में आदिवासी विकास विभाग के माध्यम से 502 शासकीय व 556 अनुदानित स्कूलों चलाए जाते हैं। जिसमें से 121 शासकीय आश्रम स्कूलों और 154 अनुदानित आश्रम स्कूलों में उच्च माध्यमिक कक्षा 11 वीं और 12 वीं की कला और विज्ञान संकाय की पढ़ाई होती है। इसके अलावा 10 शासकीय माध्यमिक आश्रम स्कूल और 11 अनुदानित माध्यमिक आश्रम स्कूलों का दर्जा बढ़ाकर कक्षा 11 वीं और कक्षा 12 वीं में कला और विज्ञान संकाय की मंजूरी पहले ही दी जा चुकी है। अब इन माध्यमिक आश्रम स्कूलो को छोड़कर सभी शासकीय व अनुदानित उच्च माध्यमिक आश्रम स्कूलों के लिए विज्ञान विषय के लिए एक अतिरिक्त पद मंजूर किए गए हैं।

 

गुरुतागद्दी त्रिशताब्दी के लिए दी गई राशि अनुदान में तब्दील 

प्रदेश सरकार की ओर से नांदेड़ गुरुद्वारा बोर्ड के गुरुता-गद्दी त्रिशताब्दी सम्मेलन के लिए बिना ब्याज के दी गई 61 करोड़ रुपए की राशि को अनुदान में रुपांतरित करने का फैसला लिया गया है। मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी। श्री गुरु गोविंदसिंगजी महाराज के गुरु ग्रंथ साहिब ग्रंथ के 300 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में नांदेड़ शहर में साल 2008 में गुरु-त्ता-गद्दी त्रिशताब्दी सम्मेलन आयोजित हुआ था। इस सम्मेलन के लिए गुरुद्वारा बोर्ड, गुरुद्वारा तख्त सचखंड श्री हजुर अबचलनगर साहिब, नांदेड़ को बिना ब्याज के 61 करोड़ रुपए दिए गए थे। अब मंत्रिमंडल ने इस राशि को अनुदान के रूप में बदलने को मंजूरी दी है। 

Created On :   3 Sep 2019 3:49 PM GMT

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