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मंत्रिमंडल फैसले : शहीद जवानों को परिजन को मिलेंगे 1 करोड़, औरंगाबाद विधि विश्वविद्यालय के लिए और 33 एकड़ जमीन
डिजिटल डेस्क, मुंबई। देश में युद्ध, युद्धजन्य परिस्थिति सहित राष्ट्रीय सुरक्षा अभियानों में शहीद होने वाले महाराष्ट्र के जवानों-अधिकारियों के परिजनों को प्रदेश सरकार अब 25 लाख की बजाय 1 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद देगी। जबकि जख्मी जवानों को 20 से 60 लाख रुपए की मदद दी जाएगी। मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल ने युद्ध व युद्धजन्य परिस्थिति और देश की सुरक्षा मुहिम में शहीद हुए प्रदेश के अधिकारियों और जवानों के परिजनों को दी जाने वाली एकमुश्त आर्थिक मदद में बढ़ोतरी को मंजूरी दी है। अनुदान वृद्धि का फैसला 1 जनवरी 2019 से लागू माना जाएगा। इसके साथ ही जवानों को 1 से 25 प्रतिशत दिव्यांगता आने पर अब 5 लाख की बजाय 20 लाख रुपए और 26 से 50 प्रतिशत दिव्यांगता होने पर 8.50 लाख की जगह 35 लाख रुपए दिए जाएंगे। जबकि दिव्यांगता का प्रमाण 51 से 100 प्रतिशत होने पर दी जाने वाली राशि 15 लाख को बढ़ाकर 60 लाख रुपए कर दिया गया है। राज्य सरकार की ओर से युद्ध, युद्धजन्य परिस्थिति और देश अंतर्गत सुरक्षा संबंधी मुहिम में प्राण गवाने वाले सैनिकों के परिजनों और सीमा सुरक्षा बल, अन्य अर्धसैनिक बलों के जवानों के शहीद होने पर परिजनों को सरकार की ओर से यह अनुदान दिया जाता है।
गोंदिया शासकीय तंत्र निकेतन के लिए 3 पदों को मंजूरी
गोदिंया स्थित शासकीय तंत्र निकेतन और सतारा के कराड सरकारी अभियांत्रिकी महाविद्यालय के लिए 8 पद सृजित करने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। गोंदिया तंत्र निकेतन में विद्युत व स्थापत्य इंजीनियरिंग के लिए दो नए डिग्री पाठ्यक्रम शुरु किए गए हैं। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरिय समिति ने 21 शिक्षकिय पदों को मंजूरी दी थी। इनमें से 7600 अथवा इससे अधिक ग्रेड वेतन वाले पदों के लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी जरूरी होती है। इसके तहत गोंदिया शासकिय तंत्रनिकेशन के लिए 3 और कराड इंजिनीयरिंग कालेज के लिए 5 पदों की निर्मिति को मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दी गई।
औरंगाबाद में विधि विश्वविद्यालय के लिए मिली और 33 एकड़ जमीन
औरंगाबाद के ‘महाराष्ट्र राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय’ को कांचनवाडी इलाके में 33 एकड़ जमीन देने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। यह जमीन प्रदेश सरकार के मृद व जलसंरक्षण विभाग के जल व भूमि प्रबंधन (वाल्मी) संस्था ने दी है। मंत्रिमंडल ने वाल्मी की जमीन को बिना मूल्य कब्जा अधिकार हस्तांतरण करने के लिए स्वीकृति दी है। फिलहाल यह विधि विश्वविद्यालय 2017 से औरंगाबाद के पदमपुरा स्थित शासकीय अध्यापक महाविद्यालय में अस्थायी रूप से चल रहा है। प्रदेश के युवाओं को कानून विषयक व्यावसायिक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए बेंगलुरु के नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी की तर्ज पर औरंगाबाद में विधि विश्वविद्यालय की स्थापना करने का निर्णय सरकार ने लिया था। राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय को इससे पहले कांचनवाडी के गट क्रमांक 19 की 17 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई जा चुकी है। राज्य मंत्रिमंडल के फैसले के अनुसार अब कांचनवाडी के गट क्रमांक 18 की 33 एकड़ जमीन मिलेगी। विश्वविद्याय के स्थापना के लिए अब कुल 50 एकड़ जमीन उपलब्ध होगी।
बदला इस विभाग का नाम
प्रदेश सरकार के विमुक्त जाति घुमंतू जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और विशेष पिछड़ा प्रवर्ग कल्याण विभाग का नाम बदलकर अन्य पिछड़ा वर्ग, सामाजिक व शैक्षणिक पिछड़ा प्रवर्ग, विमुक्त जाति घुमंतू जनजाति और विशेष पिछड़ा प्रवर्ग कल्याण कर दिया गया है। मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल ने इस फैसले को मंजूरी दी। सरकार के 27 दिसंबर 2016 के फैसले के अनुसार विमुक्त जाति घुमंतू जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग व विशेष पिछड़ा प्रवर्ग नाम से स्वतंत्र विभाग बनाया गया था। विभाग के पास 16 विषय सौंपे गए थे इसके बाद सामाजिक न्याय व विशेष सहायता विभाग ने 25 जून 2019 के फैसले के अनुसार मराठा आरक्षण समेत और 6 विषय विभाग को सौपे। पहले और नए सौंपे गए विषय के कामकाज के मद्देनजर विभिन्न वर्गों के आरक्षण के प्रमाण को ध्यान में रखते हुए नाम में बदलाव किया गया है।
21500 रुपए हुआ विशेष शिक्षकों का मानधान
केंद्र सरकार के सर्व शिक्षा अभियान के तहत विकलांग शिक्षा गतिविधियों के लिए विशेष शिक्षकों को मिलने वाले मानधन को 1500 रुपए बढ़कर प्रतिमाह 21500 रुपए करने का फैसला किया गया है। मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल ने मानधन बढ़ाने के फैसले को मंजूरी दी। इसका लाभ 1946 विशेष शिक्षकों को होगा। विकलांग शिक्षा गतिविधियों के तहत शिक्षकों को साल 2017-18 में 21500 प्रतिमाह मानधन मिल रहा था। लेकिन समग्र शिक्षा सुधार प्रारूप के तहत शिक्षकों के मानधन में बीस हजार रुपए की कमी कर दी गई थी। इस कारण साल 2018-19 में केवल 1500 रुपए मानधन मिला। लेकिन अब पहले की तरह 21500 रुपए मानधन के लिए राज्य सरकार की ओर से निधि उपलब्ध कराई जाएगी। इससे राज्य सरकार के खजाने पर प्रतिवर्ष 3 करोड़ 50 लाख 28 हजार रुपए का भार पड़ेगा।
विधि-न्याय विभाग में दो पदों को मंजूरी
राज्य मंत्रिमंडल ने मंत्रालय के विधि व न्याय विभाग के आस्थापना पर दो पदों के सृजन को मंजूरी दी। मंत्रालय में विधि सलाहकार-नि-सह सचिव और प्रारुपकार-नि-सह सचिव पद पर नियुक्ति की जाएगी। मंत्रिमंडल ने पदों के सृजन के लिए आवश्यक खर्च को मंजूरी दी।
प्रदेश में अब ग्राम पंचायतों के सरपंचों को दिलाई जाएगी पद और गोपनीयता की शपथ
इसके अलावा मंत्रियों और विधायकों की तरह प्रदेश में अब ग्राम पंचायतों के सरपंचों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई जाएगी। आगामी ग्रामपंचायत चुनाव के बाद से इसको लागू किया जाएगा। प्रदेश की ग्रामीण विकास मंत्री पंकजा मुंडे ने इससे संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि राज्य चुनाव आयोग से चर्चा के बाद ग्राम विकास विभाग की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है। सरपंच व सदस्यों को शपथ देने संबंधी परिपत्रक जारी कर दिया गया है। पंकजा ने कहा कि ग्राम पंचायत के चुनाव के बाद जिलाधिकारी द्वारा नियुक्त अधिकारी ग्राम पंचायत की पहली सभा का अध्यक्ष का स्थान ग्रहण करेंगे। पहली सभा का कामकाज शुरू होने से पहले अध्यासी अधिकारी सरपंच को शपथ दिलाएंगे। इसके बाद अध्यासी अधिकारी गण संख्या संबंधी कार्यवाही पूरी करेंगे। बाद में सरपंच पहली सभा का अध्यासी अधिकारी के रूप में कामकाज देखेंगे। अध्यासी अधिकारी के रूप में सरपंच ग्राम पंचायत में नवनियुक्त अन्य सदस्यों को सामूहिक शपथ दिलाएंगे। इसके बाद में उपसरंपच पद का चुनाव होगा। पंकजा ने कहा कि जिला परिषद के अध्यक्ष और सदस्य, पंचायत समिति के सभापति और सदस्यों को शपथ दिलाने संबंधी प्रस्ताव विचाराधीन है।
Created On :   16 July 2019 3:19 PM GMT