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मंत्रिमंडल के फैसले : स्कूली विद्यार्थियों को मुफ्त चश्मा, कर्ज मुक्ति के लिए 10 हजार करोड़, औरंगाबाद में शानदार होंगी सड़कें

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के सभी सरकारी व अनुदानित स्कूलों में 6 से 18 वर्ष आयुवर्ग के विद्यार्थियों में दृष्टि दोष निवारण के लिए मुफ्त में चश्मा उपलब्ध कराने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी। योजना के लिए लगभग 20 करोड़ रुपए गैर आवर्ती खर्च और 5 करोड़ रुपए आवर्ती खर्च अपेक्षित है। राज्य के स्कूलों में 1 करोड़ 21 लाख 67 हजार 585 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। इनमें 8 प्रतिशत विद्यार्थियों में दृष्टि दोष पाए गए हैं। एक चश्मे का औसत मूल्य 200 रुपए है। 25 प्रतिशत विद्यार्थियों का अगले साल चश्मे का नंबर बदलने की आवश्यकता है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग की ओर से दृष्टि दोष पाए जाने वाले बच्चों को उनके अथवा स्कूलों में मुफ्त में चश्मे पहुंचाया जाएगा। फिलहाल केंद्र सरकार के राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत स्कूली बच्चों की साल में एक बार स्वास्थ्य जांच की जाती है। इस साल 1195 चिकित्सा दस्ते कार्यरत हैं। इस दस्ते की जांच में दृष्टि दोष का प्रमाण बढ़ा हुआ पाया गया है। सरकार का कहना है कि बच्चों को चश्मा उपलब्ध कराने से उनकी शैक्षणिक प्रगति में सुधार होगा।
कर्ज मुक्ति योजना के लिए आकस्मिकता निधि से 10 हजार करोड़ रुपए दिए जाएंगे
महात्मा ज्योतिबा फुले किसान कर्ज मुक्ति योजना को लागू करने के लिए 10 हजार करोड़ रुपए की राशि आकस्मिकता निधि उपलब्ध कराने का फैसला राज्य मंत्रिमंडल ने किया है। सरकार ने 22 फरवरी 2020 से योजना को कार्यान्वित करने का निर्णय लिया है। 5 मार्च तक योजना के लिए 10 हजार करोड़ रुपए की आवश्यकता होने के कारण आकस्मिकता निधि उपलब्ध कराने का फैसला किया गया है। इस संबंध में विधि व न्याय विभाग की सलाह के अनुसार राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी की मंजूरी से अध्यादेश जारी किया जाएगा। फिलहाल आकस्मिकता निधि की मर्यादा 1.50 करोड़ रुपए है। इसमें 10 करोड़ रुपए की अस्थायी वृद्धि की गई है। इससे आकस्मिकता निधि 10,150 करोड़ रुपए हो गई है।
औरंगाबाद शहर की सड़कों के लिए डेढ सौ करोड़ रुपए की निधि मंजूर
प्रदेश सरकार ने औरंगाबाद शहर की सड़कों से जुड़े कार्य के लिए डेढ सौ करोड़ रुपए की निधि को मंजूर दी है। बुधवार को प्रदेश के उद्योग मंत्री तथा औरंगाबाद के पालक मंत्री सुभाष देसाई ने यह जानकारी दी है। देसाई ने बताया कि औरंगाबाद में सड़क से जुड़े काम औरंगाबाद महानगरपालिका, राज्य सड़क विकास महामंडल और महाराष्ट्र औद्योगिक विकास महामंडल के मार्फत किए जाएंगे। औरंगाबाद की सड़कों के लिए औरंगाबाद महानगरपालिका ने 263 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भेजा था। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, पालकमंत्री देसाई और नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में इस प्रस्ताव पर चर्चा हुई। इसके बाद सड़कों से जुड़े कार्य के लिए 152.24 करोड़ रुपए की निधि को मंजूरी प्रदान की गई। सारे कार्य शीघ्रता व समय पर पूरे किए जा सके इसके लिए औरंगाबाद महानगरपालिका,महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल(एमएसआरडीसी) व महाराष्ट्र राज्य औद्योगिक विकास महामंडल(एमआईडीसी) को समान रुप से 50-50 करोड रुपए के काम आवंटित किए गए हैं। बैठक में औरंगाबाद महानगरपालिका के आयुक्त आस्तिक कुमार पांडे,एमएसआरडीसी के प्रबंधनिदेशक राधेश्याम मोपलवारव एमआईडीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पी.अन्बलगन सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
नीरा देवघर बांध का बिना इस्तेमाल पानी 8 तहसीलों में होगा वितरित
पुणे स्थित नीरा देवघर और गुंजवणी बांध की नहर कार्यान्वित नहीं होने के कारण बिना इस्तेमाल वाले पानी को एक समान पद्धति से वितरित करने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इसके अनुसार अब अस्थायी रूप से नीरा बांध की दाहिने और बाई नहर के लाभ क्षेत्र में पानी का वितरण हो सकेगा। इससे पश्चिम महाराष्ट्र की 8 तहसीलों में पानी मिल सकेगा। राज्य मंत्रिमंडल के फैसले से 2427 टीएमसी पानी सिंचाई के लिए उपलब्ध हो सकेगा। नीरा बाई नहर का लाभ क्षेत्र पुणे की पुरंदर, बारामती, इंदापुर तहसील होगा. इससे यहां का 37070 हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित हो सकेगा। जबकि नीरा दाहिने नहर के कारण खंडाला, फलटण, मालशिरस, पंढरपुर, सांगोला तहसील की 65506 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई हो सकेगी। इसका फायदा दोनों नहर क्षेत्र के नागरिकों, औद्योगीकरण, कृषि पूरक उद्योग, चीनी कारखाना और फलबागान हो सकेगा।
Created On :   20 Feb 2020 3:20 PM IST