कैग रिपोर्ट में सरकार की लापरवाही का खुलासा, करोड़ों के यूटिलाईजेशन बिल नही दे सके विभाग

CAG criticised government for failing to deposit Utilisation Bill
कैग रिपोर्ट में सरकार की लापरवाही का खुलासा, करोड़ों के यूटिलाईजेशन बिल नही दे सके विभाग
कैग रिपोर्ट में सरकार की लापरवाही का खुलासा, करोड़ों के यूटिलाईजेशन बिल नही दे सके विभाग

डिजिटल डेस्क, मुंबई। भारत के नियंत्रक व महालेखा निरीक्षक (सीएजी-कैग) ने राज्य सरकार की इस लिए आलोचना कि है कि सरकार 60 हजार 321 करोड़ रुपए के 38,884 उपयोग प्रमाण पत्र (यूटिलाईजेशन बिल) जमा करने में नाकाम रही है। साथ चेतावनी के बावजूद 322 करोड़ के आकस्मिक बिल पास किए गए। कैग ने अपनी पड़ताल में पाया है कि 950 करोड़ के बिलो के बारे में संबंधित विभाग विस्तृत विवरण भी नहीं दे सके। हाल ही में विधानमंडल के दोनों सदनों में पेश कैग की रिपोर्ट के अनुसार नियमों के मुताबिक विशिष्ट प्रयोजनों के लिए जारी अनुदान के लिए उपयोग प्रमाण पत्र प्राप्त करना जरूरी होता है। जिससे यह पता चल सके कि जारी निधि का कहां-किस तरह इस्तेमाल किया गया है। लेकिन 60,321 करोड़ के यूटिलाईजेशन बिल 2014 से लंबित पड़े हुए हैं। कैग रिपोर्ट के अनुसार इस मामले में सबसे फिसड्डी विभाग नगर विकास विभाग है, इस विभाग के 28,952 करोड़ रुपए के उपयोग प्रमाण पत्र नहीं दिए जा सके हैं। इसके अलावा नियोजन विभाग (5,104 करोड़), स्कूल शिक्षा और खेल (4,583 करोड़), आदिवासी  विकास विभाग (4,004 करोड़), उद्योग,ऊर्जा और श्रम विभाग (3,808 करोड़) ग्रामीण विकास और जल संरक्षण (2,986 करोड़), राजस्व और वन (1,813 करोड़), सामाजिक न्याय और विशेष सहायता विभाग (1,668 करोड़), सार्वजनिक स्वास्थ्य (1,569 करोड़) और सहकारिता, विपणन और वस्त्र विभाग ने  (1,167 करोड़) उपयोग प्रमाण पत्र नहीं जमा कर सके हैं। उपयोग प्रमाण पत्र यानि यूटिलाईजेशन बिल लेने का उद्देश्य यह है कि खास प्रायोजन के लिए दी गई रकम का इस्तेमाल किसी अन्य कार्य के लिए न किया जा सके। बगैर इस बिल के इस बात की पुष्टि नहीं होती कि निधि खर्च की जा चुकी है अथवा नहीं। 

       वर्ष

लंबित उपयोग प्रमाण पत्रों की संख्या 

 

लंबित उपयोग प्रमाण पत्रों की धनराशि (करोड़ में) 

2014-15 से

18,881

19,154.82

2015-16

3,685

16,732.72

 

2016-17

16,318

24,434.24

 

कुल

38,884

60,321.78


 

Created On :   30 March 2018 11:45 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story