मानसून कनेक्ट, हेल्पलाइन नॉट कनेक्ट, 234 स्थानों पर बाढ़ का खतरा

Callers are facing problem in calling weather help line number
मानसून कनेक्ट, हेल्पलाइन नॉट कनेक्ट, 234 स्थानों पर बाढ़ का खतरा
मानसून कनेक्ट, हेल्पलाइन नॉट कनेक्ट, 234 स्थानों पर बाढ़ का खतरा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में मानसून कनेक्ट हो चुुका है जबकि जिला प्रशासन की हेल्प लाइन अभी तक नॉट कनेक्ट है।  बता दें कि हर साल प्रशासन प्राकृतिक आपदा से बचने के उपाय करता है लेकिन तेज बारिश एवं बाढ़ के दौरान हालात बद-से-बदतर हो जाते हैं। समय रहते उचित उपाय नहीं किए जाने का खामियाजा नागरिकों को भुगतना पड़ता है।

सारी उपाय योजनाएं हर जाती है धरी की धरी
शहर में बारिश पूर्व नालों की उचित ढंग से सफाई नहीं किए जाने के कारण वर्षा होते ही अधिकांश इलाकों में एवं लोगों के घरों में पानी भर जाता है। सभी उपाय योजनाएं धरी की धरी रह जाती हैं। ग्रामीण इलाकों में भी समय पर संसाधन नहीं पहुंच पाते। नदी किनारे बसे गांवों को बाढ़ से अधिक नुकसान सहना पड़ता है। जिले में नागपुर शहर की बस्तियों समेत कुल 234 गांवों को बाढ़ का खतरा होने की जानकारी है। इसके लिए प्रशासन ने इस बार भी प्लान तैयार कर लिया है, लेकिन हैरत की बात है कि इन 234 स्थानों पर आपदा से निपटने के लिए प्रशासन के पास प्रशिक्षित व अधिकृत केवल 46 तैराक ही उपलब्ध हैं। इन 46 में से मात्र 25 तैराक सरकारी हैं और 18 निजी तैराकों को सहायता सूची में शामिल किया गया है।

11 जून को शाम 7.50 बजे बाढ़ नियंत्रण कक्ष के फोन क्रमांक- 0712-2564431 पर संपर्क कर जिले की स्थिति का जायजा लेने की कोशिश की गई। साथ ही इस हेल्पलाइन नंबर पर संकट के समय कैसे प्रतिसाद दिया जाता है, इसकी पूछताछ करने के लिए कॉल किया गया, परंतु अनेक बार फोन लगाने के बावजूद किसी ने कॉल रिसीव नहीं किया। इस स्थिति को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि आपदा व बाढ़ प्रबंधन को लेकर संबंधित प्रशासन कितना सजग है।

सैकड़ों गांवों के लिए मात्र 10 नाव
भले ही जिले के सभी 234 स्थानों पर एक साथ बाढ़ का खतरा निर्माण नहीं हो सकता, लेकिन इन गांवों की संख्या एवं नदियों से घिरे क्षेत्रों को देखते हुए राजस्व विभाग के पास मात्र 10 नाव उपलब्ध होना नाकाफी है। 5 फायबर बोट एवं 5 ओवीएम बोट आपदा प्रबंधन के लिए उपलब्ध हैं। वहीं मात्र 150 लाइफ जैकेट एवं अन्य सामग्री उपलब्ध होने की जानकारी है, जबकि जिले के बाढ़ संबंधित बीते वर्षों की घटनाओं पर गौर किया जाए, तो अनेक स्थानों पर संकट की स्थिति बन जाती है। ऐसे में पर्याप्त मात्रा में साधन-सामग्री का उपलब्ध होना अनिवार्य है।

Created On :   13 Jun 2018 8:55 AM GMT

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