- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- यूरोप की तरह दिखेगा बाजार, ऑरेंज...
Nagpur News: यूरोप की तरह दिखेगा बाजार, ऑरेंज स्ट्रीट ने पकड़ी रफ्तार, 6 प्लॉट हुए विकसित

- प्लॉट-19 पर स्वच्छ सब्जी-फल-मटन मार्केट बनेगा
- 6 भूखंडों से मनपा को 591 करोड़ रुपए की आमदनी
Nagpur News. उपराजधानी में यूरोप के प्रमुख शहरों की तरह प्रोजेक्ट निर्माण की दिशा में प्रगति हुई है। ऑरेंज स्ट्रीट परिसर के 31 हेक्टेयर क्षेत्र को खास व्यावसायिक रूप से विकसित किया जा रहा है। मनपा के प्रोजेक्ट विभाग ने लगभग दस साल पहले यह महत्वाकांक्षी योजना बनाई थी। इसके 6 भूखंड पूरी तरह से विकसित हो गए हैं। प्लॉट 19 पर स्वच्छ सब्जी-फल-मटन मार्केट बनाया जा रहा है। इस इलाके में 24 भूखंडों को विकसित किया जा रहा है। इसके लिए मुंबई के हफीज कान्ट्रैक्टर को प्राेजेक्ट सलाहकार बनाया गया है। डेवलपर के रूप में प्रफुल्ल देशमुख और पराग सराफ को जिम्मेदारी दी गई है। पिछले 4 सालों में आरेंज स्ट्रीट के 6 भूखंड (डिजाइन, बिल्ड, फायनांस, ऑपरेट और सेल) मॉडल में मनपा को 591 करोड़ रुपए की आमदनी हुई है।
शहर की उम्मीदें बढ़ीं : हाल ही में भूखंड क्रमांक 3 के लिए नीलामी प्रक्रिया आरंभ हुई है। इस दौरान शहर के सबसे महंगे भूखंड के रूप में 18,784 रुपए प्रति वर्ग फीट की दर से मूल्यांकन हुआ है। करीब 11,622.83 वर्गमीटर के क्षेत्र के लिए मनपा से 235 करोड़ रुपए का बेस वैल्यू तय किया गया है। सबसे मंहगे भूखंड के साथ जल्द ही आरेंज स्ट्रीट प्रोजेक्ट के बतौर नागपुर का अत्याधुनिक व्यावसायिक मॉडल बन जाने की उम्मीद बढ़ी है।
प्रयास सफल नहीं हुए
मनपा ने साल 2008 में शहर के बाजार को व्यावसायिक रूप से विकसित करने का प्रयास किया गया था। लेकिन बिल्डर्स और डेवलपर्स से व्यापक प्रतिसाद नहीं मिल पाया। विशेषज्ञों के मुताबिक शहर और जिले में औद्योगिक बढ़ोत्तरी नहीं होने से शहर के अत्याधुनिक व्यावसायिक बाजार के मॉडल को सफलता नहीं मिल पा रही थी। ऐसे में साल 2008 से लंदन स्ट्रीट प्रोजेक्ट भी अधर में अटका हुआ था। साल 2014-15 में नए मॉडल के रूप में सभी भूखंडों को एक साथ विकसित करने का प्रयास किया गया। लेकिन इन महंगे भूखंडों को खरीदने के लिए कोई भी सामने नहीं आया। इसके बाद पीएमसी के रूप में मुंबई के हफीज कान्ट्रैक्टर ने पूरे भूखंडों को 4 हिस्सों में विभाजित कर विकसित करने का प्रयास किया। लेकिन इस प्रोजेक्ट को भी प्रतिसाद नहीं मिला।
नाम बदला, तो दाम भी बढ़ा
साल 2019 में मनपा ने महामेट्रो को विकास करने के लिए दिया गया था, लेकिन साल 2020 में तत्कालीन आयुक्त तुकाराम मुंढे द्वारा आक्षेप उठाने के बाद प्रोजेक्ट को बंद कर दिया गया था। साल 2021-22 में पूरे हिस्से को 24 प्लॉट में तब्दील कर दोबारा से विकसित करना आरंभ किया है। पूर्व महापौर दयाशंकर तिवारी ने लंदन स्ट्रीट की बजाय ऑरेंज स्ट्रीट नामकरण कराया है। आरेंज स्ट्रीट के रूप में मशहूर प्राेजेक्ट में 6 भूखंड पूरी तरह से विकसित हो गए हैं। इससे दाम भी बढ़ गया।
अत्याधुनिक शहर के रूप में मॉडल
अनिल गेडाम, कार्यकारी अभियंता, प्रोजेक्ट विभाग के मुताबिक उपराजधानी में लंदन स्ट्रीट को अब आरेंज स्ट्रीट के रूप में पहचाना जा रहा है। इस इलाके को शहर के अत्याधुनिक और सुनियोजित रूप में विकास कर देश के प्रथम श्रेणी शहरों में शुमार करने का प्रयास हो रहा है। प्लॉट क्रमांक 19 को स्वच्छ और हाइजेनिक सब्जी, फल और मटन मार्केट बनाया जाएगा। अब तक आरेंज स्ट्रीट के करीब 6 प्लॉट विकसित हो चुके हैं।
अब तक विकसित भूखंड बेस वैल्यू
प्लॉट क्रमांक 1 (बी) वेस्टसाइड मॉल 55 करोड़ रुपए
प्लॉट क्रमांक 2 (ए) - 51 करोड़ रुपए
प्लॉट क्रमांक 3 - 235 करोड़ रुपए
प्लॉट क्रमांक 4 - 91 करोड़ रुपए
प्लॉट क्रमांक 5- 111.75 करोड़ रुपए
प्लॉट क्रमांक 18- 48 करोड़ रुपए
प्लॉट क्रमांक 19 - प्रस्तावित सब्जी, फल आर मटन बाजार
Created On :   12 May 2025 7:31 PM IST