Nagpur News: मनपा लापरवाह : जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने विभाग पर जुर्माना लगाया

मनपा लापरवाह : जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने विभाग पर जुर्माना लगाया
  • शिकायतकर्ता का कनेक्शन पूर्ववत करने का दिया आदेश
  • जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने विभाग पर जुर्माना लगाया

Nagpur News मनपा के जल आपूर्ति विभाग को लापरवाही महंगी पड़ी। न्यू नंदनवन निवासी एक व्यक्ति का नल कनेक्शन बंद होने के बावजूद उसे अतिरिक्त बिल भेज दिया था। लिहाजा, जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने विभाग पर जुर्माना लगाया है। शिकायतकर्ता को हुए शारीरिक और मानसिक कष्ट के लिए मुआवजे के रूप में 10 हजार रुपये और शिकायत खर्च के रूप में 5 हजार रुपये देने का आदेश जल आपूर्ति विभाग को दिया गया। साथ ही, नल का उपयोग न किए गए बिल की राशि वापस करने और नल कनेक्शन पूर्ववत करने का भी आदेश दिया है। आयोग के अध्यक्ष सचिन शिंपी, सदस्य बी. बी. चौधरी और प्रभारी सदस्य शीतल पेटकर की खंडपीठ ने यह फैसला दिया।

यह है पूरा मामला : प्रेम कुमार कोहले द्वारा यशवंत तुलशीकर ने जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में यह शिकायत दाखिल की थी। शिकायत के अनुसार, न्यू नंदनवन में शिकायतकर्ता के पिता के नाम से 1979 से जलापूर्ति मीटर है। इस जलापूर्ति का जुलाई 2020 तक का 1130 रुपए बिल शिकायतकर्ता ने 19 अगस्त 2020 को जलापूर्ति कार्यालय में जमा किया था। इसके बाद 28 अगस्त 2020 को शिकायतकर्ता ने जलापूर्ति मीटर का उपयोग नहीं करने के संबंध में जल आपूर्ति विभाग को लिखित सूचना दी थी तथा 4 सितंबर 2020 को विभाग को सूचना पत्र भी भेजा था। हालांकि, उसके बाद भी विभाग की ओर से कोई जवाब नहीं आया। इसलिए शिकायतकर्ता ने सूचना अधिकार के तहत इस संदर्भ में विभाग से जानकारी मांगी थी। शिकायतकर्ता ने 1 अगस्त 2020 से 30 अप्रैल 2022 तक जल आपूर्ति विभाग से प्राप्त बिल की 1765 रुपए राशि विभाग में जमा करा दी। इसके बाद भी 12 मई 2022 को जल आपूर्ति विभाग ने शिकायतकर्ता को पत्र भेजकर अवगत कराया कि पानी का भुगतान 4244 रुपए बकाया है तथा लिखित चेतावनी दी कि 3 दिन में यह राशि जमा नहीं कराने पर जलापूर्ति बंद कर दी जाएगी। इसके खिलाफ शिकायतकर्ता ने उपभोक्ता आयोग में गुहार लगाई।

आयोग ने यह पाया : इस मामले में सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद उपभोक्ता आयोग ने यह पाया कि, शिकायतकर्ता का नल बंद था। साथ ही, पानी के बिल पर कोई पुराना बकाया नहीं था, फिर भी जल आपूर्ति विभाग ने नल का उपयोग न होने के बावजूद शिकायतकर्ता को अतिरिक्त बिल भेजा। इसलिए आयोग ने शिकायतकर्ता की शिकायत को आंशिक रूप से स्वीकार किया। जल आपूर्ति विभाग को आदेश दिया कि शिकायतकर्ता द्वारा उपयोग न किए गए बिल की 4244 रुपये की बकाया राशि के संबंध में दिया गया बिल रद्द किया जाए, उपयोग न किए गए बिल की राशि 1765 रुपये शिकायतकर्ता को वापस की जाए, और नल कनेक्शन को पूर्ववत शुरू किया जाए। साथ ही, शिकायतकर्ता को हुए शारीरिक और मानसिक कष्ट के लिए मुआवजे के रूप में 10 हजार रुपये और शिकायत खर्च के रूप में 5 हजार रुपये देने का आदेश जल आपूर्ति विभाग को दिया।

Created On :   13 May 2025 12:09 PM IST

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