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एसिडिटी की दवा रेनिटिडिन में कैंसरकारी तत्व, फिर भी बाजार में हो रही बिक्री

डिजिटल डेस्क, नागपुर। एसिडिटी के उपचार के लिए दी जाने वाली दवा रेनिटिडिन में कैंसरकारी तत्व होने की चेतावनी के बाद राज्य के स्वास्थ्य सेवा निदेशालय ने भले ही सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में दवा के उपयोग पर पाबंदी का आदेश दिया, लेकिन बाजार में यह दवा अब भी धड़ल्ले से िबक रही है। दवा की ब्रिकी पर रोक नहीं लगाए जाने की दलील देते हुए राज्य के एफडीए असिस्टेंट कमिश्नर (ड्रग) डी.आर. गहाणे का कहना है कि, ड्रग कंट्रोलर जनरल आॅफ इंडिया की ओर से विभाग को दवा की ब्रिकी रोकने संबंधी कोई अधिसूचना अब तक नहीं मिली है। उल्लेखनीय है कि, गत 13 सितंबर को यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से इस दवा में कारसियोजेनिक कारक होने की चेतावनी जारी की गई थी। हालांकि, गहाणे ने कहा कि, एच शेडयूल्ड यह ड्रग कई ब्रांड नाम से ओरल टैबलेट और इंजेक्शन के रूप में बाजार में उपलब्ध है। इनमें सबसे सामान्य और लोकप्रिय रानटैक और जिनटैक हैं। हम बाजार से विभिन्न ब्रांड के सैंपल जमाकर जांच के लिए भेजने वाले हैं।
जांच के लिए कमेटी गठित
रेनिटिडिन में कैंसरकारी तत्व को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चेतावनी जारी होने के बाद सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल अथॉरिटी आर्गनाइजेशन ने इसकी विस्तृत जांच के लिए कमेटी का गठन किया है। रेनिटिडिन गैस की समस्या के अलावा पेट संबंधी कई अन्य बीमारियों के उपचार के लिए दिया जाता है।
ब्रिकी रोकने का कोई आदेश नहीं
नार्थ वेस्ट केमिस्ट एसोसिएशन के मुंबई शाखा अध्यक्ष हाकिम कापसी के अनुसार ग्लैक्सोस्मिथ ने रेनिटिडिन आधारित दवा के स्टॉक को वापस मंगवा लिया है। हालांकि, अन्य कंपनियों की दवा बाजार में उपलब्ध है। एफडीए की सूचना के बाद ही इस विषय में फैसला लिया जाएगा। स्थानीय दवा विक्रेताओं के अनुसार उन्हें रेनिटिडिन की ब्रिकी रोकने के लिए अब तक कोई आदेश नहीं प्राप्त हुआ है। धंतोली के दवा विक्रेता ने कहा कि, जब तक हमें बताया नहीं जाएगा कि, यह दवा नहीं बेचनी है, हम कैसे ब्रिकी रोक सकते हैं, अगर प्रिस्क्रिप्शन में दवा लिखी होगी तो दे ही देंगे।
दवा में है एनडीएमए
अमेरिका में हुए लैब टेस्ट में रेनिटिडिन में थोड़ी मात्रा में नाइट्रोसेमाइन संबंधी अशुद्धता एन नाइट्रोसोडीमैथीसेमाइन (एनडीएमए) मिला है। एनडीएमए को मानव के लिए कैंसरकारक पाया गया है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।