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- Case filed against Santosh Ambekar including his two nephews
दैनिक भास्कर हिंदी: संतोष आंबेकर सहित उसके दो भांजों के खिलाफ भी मामला दर्ज

डिजिटल डेस्क,नागपुर। शहर के कुख्यात ठग संतोष आंबेकर और उसके दोनों भांजे और सर्राफा कारोबारी पर हफ्ता वसूली के दो और मामले दर्ज किए गए हैं। आंबेकर और उसके साथियों पर आरोप हैं कि उन्होंने अपने ही रिश्तेदार और एक टाइल्स कारोबारी को ब्याज से पैसे दिलवाए और बाद में पैसे की वसूली के लिए उन्हें धमकाने लगे थे। पुलिस ने आरोपी संतोष आंबेकर, नीलेश केदार, शैलेश केदार और सर्राफा कारोबारी राजेंद्र उर्फ राजा अरमरकर पर हफ्ता मांगने सहित विविध धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
लाखों की टाइल्स ली लेकिन पैसे नहीं दिया
पुलिस के अनुसार वर्ष 2018 में संतोष आंबेकर ने टाइल्स कारोबारी मयूर पटेल से करीब साढ़े 9 लाख रुपए की टाइल्स खरीदी थी, लेकिन पैसे ही नहीं दिया। मयूर उसके खिलाफ जब लकड़गंज थाने में शिकायत करने गया, तब संतोष के कुछ मददगार पुलिसकर्मियों ने उसे सचेत कर दिया। संतोष को मयूर पटेल के लकड़गंज थाने में पहुंचने की भनक लगते ही उसने उसे अपने कार्यालय में फोन कर दारोड़कर चौक में मिलने बुलाया। मयूर जब मिलने गया, तो वहां मयूूर ने नीलेश से 50 हजार रुपए टाइल्स लाने वाले वाहन का किराया देने के लिए मांगा। उस समय वहां शैलेश केदार भी मौजूद था। उसने नीलेश और मयूर के बीच की बातें सुनी। उसके बाद शैलेश ने मयूर से कहा कि वह उसे 50 हजार रुपए दे देगा। जब संतोष मामा उसे पैसे देंगे, तो वह पैसे वापस कर दे। मयूर के सामने कोई विकल्प नहीं होने से शैलेश ने उसे दूसरे दिन स्टाम्प पेपर लेकर बुलाया और 50 हजार रुपए देकर हस्ताक्षर करा लिया।
हफ्ता वसूलने रिश्तेदारों को भी नहीं छोड़ा
संतोष आंबेकर ने कर्ज दिलवाकर उनसे ब्याज के रूप में हफ्ता वसूली करने में अपने रिश्तेदारों को भी नहीं छोड़ा है। उसकी दहशत में जीने वाले उसके रिश्तेदार अरविंद यादव ने भी लकड़गंज थाने में शिकायत दर्ज कराई है कि उसे हफ्ता वसूली के लिए धमकाया जा रहा था। जान से मारने की धमकी दी जा रही थी। अरविंद ने पुलिस को बताया िक संतोष आंबेकर उसका करीबी रिश्तेदार है। अरविंद ने उमरेड रोड पर खेत खरीदा था। कुछ रकम कम थी, तब आंबेकर के पास गया। आंबेकर ने उसे 20 लाख रुपए दिलवाया। इसके बदले में अरविंद से उसने साझेदारी की बात की। 60 और 40 प्रतिशत का सौदा आंबेकर ने किया। अरविंद उस खेत में ले-आउट डालकर और प्लाट बेचकर कर्ज चुकाने लगा। वह करीब साढ़े 22 लाख रुपए दे चुका था।
पैरों तले जमीन खिसक गई
अरविंद के पैरों तले जमीन उस समय खिसक गई, जब संतोष ने कहा कि यह ब्याज के पैसे हैं। यह रकम सराफा कारोबारी राजेंद्र अरमरकर के माध्यम से उसने दिलवाया था। अरविंद से 3 प्रतिशत ब्याज की दर से पैसे की मांग की जाने लगी। राजा अरमरकर के भाई के नाम पर कर्ज की रकम देने का एग्रीमेंट बनाया गया था। इसके लिए अरविंद से हर माह 75 हजार रुपए ब्याज में लिया जाता था। वह ब्याज के पैसे से ज्यादा रकम संतोष आंबेकर को दे चुका था, लेकिन आंबेकर उसे ब्याज के लिए परेशान करता था। इस कार्य में उसके भांजे भी मदद कर रहे थे। संतोष और उसके साथियों की दहशत से अरविंद बीमार पड़ गया था। संतोष की धमकी से उबरने पर उसने लकड़गंज थाने में शिकायत दर्ज कराई है। बता दें कि संतोष आंबेकर पर सीताबर्डी, सोनेगांव और लकड़गंज थानों में पहले भी मामले दर्ज हो चुके हैं।
संपत्ति की जांच में ईडी और आईटी की ली जा सकती है मदद
संतोष आंबेकर ने अकूत संपत्ति जमा कर रखी है। सूत्रों के अनुसार संतोष की संपतियों की जांच में ईडी व आईटी की मदद ली जा सकती है। इस दिशा में पुलिस विभाग के आला अफसरों के बीच विचार मंथन शुरू है। पुलिस आयुक्त डॉ. भूषण कुमार उपाध्याय के मार्गदर्शन में अपराध शाखा पुलिस विभाग के अधिकारी उसके एक-एक कारनामे को उजागर करते जा रहे हैं। अब तक उसके खिलाफ कोई पीड़ित शिकायत करने थाने नहीं पहुंचता था, लेकिन अब पीड़ित थानों में पहुंच रहे हैं। आंबेकर प्रकरण में गुजरात से हवाला रैकेट का संचालन करने वाला बालाजी फर्म के संचालक अरविंद पटेल को हाल ही में गिरफ्तार किया गया। संतोष आंबेकर के बाउंसरों की धरपकड़ शुरू की जाएगी। उन्हें उसकी आपराधिक गतिविधियों के बारे में मालूमात रहने के बाद भी उसके साथ जुड़े हुए थे। आंबेकर के घर और परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे की मदद ली जा रही है। इससे उसके बाउंसरों का रिकार्ड मिलने में मदद मिलेगी।
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।
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