केन्द्रीय मंत्री ने जताया पवार के बयान पर एतराज, कहा- नहीं खत्म होने देंगे जातिगत आरक्षण

Caste based reservation will not end in the Country-Athavale
केन्द्रीय मंत्री ने जताया पवार के बयान पर एतराज, कहा- नहीं खत्म होने देंगे जातिगत आरक्षण
केन्द्रीय मंत्री ने जताया पवार के बयान पर एतराज, कहा- नहीं खत्म होने देंगे जातिगत आरक्षण

डिजिटल डेस्क, मुंबई। इस देश में जब तक जाति है, तब तक जाति आधारित आरक्षण रहेगा। किसी को भी दलित, आदिवासी और ओबीसी समाज को मिले आरक्षण को ठेस पहुंचाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। जाति आधारित आरक्षण पर बात करने से पहले लोगों को जाति व्यवस्था खत्म करनी चाहिए। यदि कोई आरक्षण आर्थिक आधार पर बनाने की कोशिश करेगा, तो इसे असफल कर दिया जाएगा। रिपब्लिकन पार्टी के अध्यक्ष और केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्यमंत्री रामदास आठवले ने यह बयान दिया है।

केंद्रीय राज्य मंत्री को राकांपा सुप्रीमो के बयान पर एतराज

मनसे प्रमुख राज ठाकरे द्वारा लिए गए इंटरव्यू में राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने आने वाले समय में जाति के बजाय आर्थिक आधार पर आरक्षण होने की बात कही थी। अब इसको लेकर राजनीति शुरु हो गई है। आठवले ने आर्थिक आधार पर आरक्षण दिए जाने का कड़ा विरोध किया है।

दलित आदिवासियों का साथ दे चुके हैं पवार

आठवले ने कहा कि शरद पवार वरिष्ठ नेता हैं, कई बार वे विभिन्न मुद्दों पर दलित आदिवासियों का साथ दे चुके हैं। वे आधुनिक समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष विचारों वाले नेता हैं। आठवले के मुताबिक आरक्षण संविधान निर्माता डॉ. बाबसाहेब भीमराव आंबेडकर द्वारा दलित, आदिवासियों को दिया गया कवच कुंडल है। इसीलिए जाति आधारित आरक्षण को हम कभी खत्म नहीं होने देंगे। आठवले के इस बयान से सियासत फिर गर्मा गई है।

आर्थिक आरक्षण के लिए बढ़ाई जाए सीमा 

उन्होंने कहा कि दलित, आदिवासी और ओबीसी समाज का आरक्षण बरकरार रखते हुए मराठा, ब्राह्मण, लिंगायत जैसे सवर्ण समाज के गरीब लोगों को आरक्षण दिया जाना चाहिए। इसके लिए आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 75 फीसदी कर दी जानी चाहिए। 50 फीसदी आरक्षण सामाजिक जबकि 25 फीसदी आरक्षण आर्थिक आधार पर दिया जाना चाहिए। इससे सभी को आरक्षण मिल जाएगा और इसके लिए होने वाले झगड़े खत्म हो जाएंगे। आठवले के मुताबिक इसके लिए संसद में कानून बनाया जाना चाहिए।   

Created On :   22 Feb 2018 2:58 PM GMT

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