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सीबीआई कोर्ट का फैसला : बैंक को 2.30 करोड़ का चुना लगाने वाले को उम्रकैद
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बैंक से धोखाधड़ी करने वाले आरोपियों के खिलाफ विशेष सीबीआई अदालत की सख्ती बरकरार है। आंध्र बैंक को 2 करोड़ 30 लाख रुपए चुना लगाने के मामले में अदालत ने मुख्य आरोपी को उम्रकैद के साथ 3 करोड़ 13 लाख रुपए जुर्माने की सजा भी सुनाई है। मामले में कुल पांच लोगों को दोषी करार दिया गया है जिनमें बैंक का पूर्व अधिकारी भी शामिल है उसे 10 साल कैद और जुर्माने की सजा सुनाई गई है। मुंबई स्थित सीबीआई कोर्ट ने मुख्य आरोपी राजेंद्र पाटील को उम्रकैद से साथ 3.13 करोड़ रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। आंध्र बैंक की घोडबंदर रोड स्थित शाखा के तत्कालीन शाखा प्रबंधक बंडलमुडी महिपाल को 10 साल सश्रम कारावास और 3 लाख 40 हजार रुपए जुर्माने की सजा हुई है। मामले के आरोपियों निजामुद्दीन सुर्वे उर्फ मजीद मलिक, रेशमा कुंटे उर्फ रेशमा राजेंद्र पाटील और प्रेमनाथ निकुंबे को भी अदालत ने दोषी करार देते हुए 3-3 साल कैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा तीनों पर जुर्माना भी लगाया गया है।
क्या है मामला
आंध्र बैंक की अंधेरी शाखा के प्रबंध निदेशक ने 30 जनवरी 2010 को पाटील, महिपाल और दूसरे आरोपियो के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत की थी। शिकायत के मुताबिक पाटील ने 15 स्कोडा गाड़ियां खरीदने के लिए बैंक से 2 करोड़ 3 लाख 35 हजार रुपए का कर्ज लिया था। लेकिन इस पैसे से केवल एक कार खरीदी गई और बाकी की रकम दूसरी जगहों पर खर्च कर दिया गया। इसके अलावा पाटील ने बैंक से 1 करोड़ 39 लाख 95 हजार रुपए का ओवरड्राफ्ट भी लिया जिसे उसने वापस नहीं किया। आरोपियों ने मिली भगत के जरिए बैंक को कुल 2 करोड़ 30 लाख रुपए का चूना लगाया था। जांच में साफ हुआ कि धोखाधड़ी में बैंक के शाखा प्रबंधक महिपाल ने भी दूसरे आरोपियों की मदद की थी।
Created On :   3 May 2019 9:32 PM IST