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सुशांत के घर पहुच सीबीआई ने रचा क्राइम सीन
डिजिटल डेस्क, मुंबई। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की छानबीन में जुटी सीबीआई की टीम शनिवार को उस घर में पहुंची जहां अभिनेता ने कथित तौर पर आत्महत्या की। सीबीआई की टीम ने पूरी घटना को फिर से रिक्रिएट करके देखा। करीब 6 घंटे की जांच के दौरान कमरे और आसपास की हर चीज की जांच की गई है। इसके लिए सीबीआई की टीम सुशांत की ऊंचाई और वजन का पुतला लेकर पहुंची थी। पुतला पंखे से लटकाकर जांच की गई।घर के विभिन्न हिस्सों और छत पर जाकर सीबीआई अधिकारियों ने इस बात का मुआयना किया कि क्या सुशांत की की कथित हत्या के बाद कोई बिना कमरा खोले भाग सकता है। सीबीआई की टीम अपने साथ अभिनेेता के कर्मचारियों नीरज सिंह, दीपेश सावंत और सिद्धार्थ पिठानी को भी ले गई थी जो घटना के वक्त वहां मौजूद थे। सीबीआई ने सुशांत के घर के आसपास स्थित सीसीटीवी कैमरों की जांच की। जांच के लिए सुशांत के घर पहुंची सीबीआई की टीम जांच के बाद रात आठ बजे सुशांत के घर से रवाना हुई। इससे पहले नीरज और पिठानी से सीबीआई ने पूछताछ भी की। नीरज ने शुक्रवार को 13 घंटे पूछताछ की गई थी। उसका 40 पन्नो का बयान दर्ज किया गया था। शनिवार को भी उससे पूछताछ का सिलसिला जारी रहा। इसके अलावा सीबीआई ने सुशांत का घर जिस इमारत में है वहां तैनात सुरक्षागार्ड से पूछताछ की और रजिस्टर में वारदात के दिन हुई एंट्री की जांच की।
डॉक्टरों से पूछताछ
सीबीआई की एक टीम शनिवार को कूपर अस्पताल पहुंची और सुशांत के शव का पोस्टमार्टम करने वाले पांच डॉक्टरों से पूछताछ की। पूछताछ के दौरान डॉक्टरों के जवाब में विरोधाभास नजर आए। सीबीआई ने डॉक्टरों ने कोरोना संक्रमण की रिपोर्ट का इंतजार किए बिना रात ही में पोस्टमार्टम करने को लेकर सवाल किया तो उन्होंने बताया कि पुलिस के कहने पर उन्होंने ऐसा किया। सुशांत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट को लेकर बीसीआई एम्स के डॉक्टरों की राय लेगी।
कुछ तो गड़बड़ थी-पड़ोसी
सुशांत के घर के बगल में रहने वाली एक महिला ने मीडिया से बातचीत में खुलासा किया है कि 13 जून की रात यानी सुशांत की मौत से एक रात पहले उनके घर में कोई पार्टी नहीं हुई थी। बल्कि उस रात साढ़े दस से पौने ग्यारह बजे के बीच ही किचन छोड़कर पूरे घर की बत्तियां बंद हो गईं थीं। जबकि सामान्य तौर पर बत्तियां रात चार बजे तक जलतीं रहतीं थीं। महिला ने कहा कि उसे लग रहा है कि यह सामान्य नहीं है और कुछ गड़बड़ है। बता दें कि अगले ही दिन यानी 14 जून की सुबह सुशांत की मौत हो गई थी।
चाबी वाले का खुलासा
सुशांत के कमरे का लॉक तोड़ने वाले मोहम्मद रफीक ने मीडिया से बातचीत में खुलासा किया है कि उसे 14 जून को सिद्धार्थ पिठानी ने दोपहर 1 बजकर 5 मिनट पर फोन कर बुलाया था। उसे बताया गया कि लॉक कंप्यूटरीकृत है तो उसने कहा कि रविवार होने के चलते इसके लिए दो हजार रुपए लेगा। घर पहुंचने पर उसे सिर्फ इतना बताया गया कि अंदर कोई सो रहा है और दरवाजा नहीं खोल रहा। उसे यह भी कहा गया कि अगर अंदर से कोई आवाज करे तो काम तुरंत रोक देने को कहा गया था। उसने पहले चाबी बनाने की कोशिश की लेकिन देर लगने पर उसे लॉक तोड़ने को कहा गया। लॉक खुलने के बाद उसे अंदर देखने की इजाजत नहीं दी गई और सिद्धार्थ ने पैसे देकर उसे तुरंत वहां से जाने को कहा। उसने कहा कि वहां 3-4 लोग मौजूद थे और उनमें से कोई परेशान या हड़बड़ी में नहीं दिख रहा था।
Created On :   23 Aug 2020 3:25 PM IST