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सीबीआई ने कहा - छोटा राजन के मन में कानून का सम्मान नहीं, इसलिए न मिले जमानत
डिजिटल डेस्क, मुंबई। सीबीआई ने बुधवार को बांबे हाईकोर्ट में माफिया सरगना छोटा राजन की जमानत का विरोध किया। सीबीआई की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता प्रदीप घरत ने हाईकोर्ट में दावा किया कि आरोपी के मन में देश के कानून के प्रति कोई सम्मान नहीं है। न्यायमूर्ति अनूजा प्रभुदेसाई के सामने कहा कि आरोपी के खिलाफ अनगिनत मामले प्रलंबित हैं। कई मामलों में उसे दोषी ठहराया गया है और सजा सुनाई गई है। उन्होंने कहा कि आरोपी देशछोड़कर फरार हो चुका है और फर्जी नामों से विदेशष यात्राए कर चुका है।
छोटा राजन को साल 2015 में गिरफ्तार किया गया था और उसे इंडोनेशिया से प्रत्यार्पित करके भारत लाया गया था। आरोपी के खिलाफ सीबीआई ने 71 मामले दर्ज किए हैं। 14 से 15 मामले अभी भी प्रलंबित है। राजन को 12 मामलों में दोषी ठहराया गया है। और एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। फिलहाल वह दिल्ली के तिहाड जेल में है। उसे महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून के तहत भी दोषी ठहराया गया है।
वहीं राजन की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता सुदीप पासबोला ने कहा कि मेरे मुवक्किल पर लगे आरोपों को लेकर कोई ठोस व प्रामाणिक सबूत नहीं हैं। मेरे मुवक्किल को आपराधिक षडयंत्र के आरोप में दोषी ठहराया गया है। मेरे मुवक्किल के साथ रहनेवाले कई आरोपी जमानत पर हैं। इसलिए समानता के आधार पर मेरे मुवक्किल को भी जमानत दी जाए। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति ने सीबीआई को कहा कि वह आरोपी से जुड़ी एफआईआर, राजन के खिलाफ प्रलंबित मामलों की सूची व गवाहों के इकबालिया बयान की प्रति पेश करे। न्यायमूर्ति ने दो सप्ताह बाद इस मामले की सुनवाई रखी है।
Created On :   28 July 2021 10:04 PM IST