सरकारी स्कूलों में भी शुरु होगा सीबीएसई पाठ्यक्रम, छात्राओं को मुफ्त बस यात्रा का तोहफा, दिसंबर 2023 तक पूरी होगी गोसीखुर्द परियोजना

CBSE syllabus will also be started in government schools
सरकारी स्कूलों में भी शुरु होगा सीबीएसई पाठ्यक्रम, छात्राओं को मुफ्त बस यात्रा का तोहफा, दिसंबर 2023 तक पूरी होगी गोसीखुर्द परियोजना
सरकारी स्कूलों में भी शुरु होगा सीबीएसई पाठ्यक्रम, छात्राओं को मुफ्त बस यात्रा का तोहफा, दिसंबर 2023 तक पूरी होगी गोसीखुर्द परियोजना

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य में अनुसूचित जाति और नव बौद्ध वर्ग के विद्यार्थियों के लिए हर जिले के एक सरकारी निवासी स्कूल में प्रयोग के तौर पर कक्षा 6 से सीबीएसई पाठ्यक्रम पढाया जाएगा। राज्य के उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री अजीत पवार ने बजट में यह घोषणा की है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने सरकारी आदिवासी आश्रमशालाओं का कायापलट करने के लिए भी बजट में प्रावधान किए हैं। अब सरकारी आदिवासी आश्रमशालाओं को मॉडल रेसिडेंसियल स्कूलों में रूपांतरित किया जाएगा। पहले चरण में 100 आश्रमशालाओं को इसका लाभ मिलेगा। राज्य में फिलहाल 25 एकलव्य मॉडल निवासी स्कूल हैं। इनमें छठी कक्षा से लेकर बारहवीं तक सीबीएसई का पाठ्यक्रम चल रहा है। अब अगले तीन वर्षों में इन स्कूलों में चरणबद्ध तरीके से पहली से लेकर पांचवीं कक्षा तक सीबीएसई का पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा। इस तरह ये स्कूल पूरी तरह से सीबीएसई पाठ्यक्रम वाले हो जाएंगे।

दिसंबर 2023 तक पूरी हो जाएगी गोसीखुर्द सिंचाई परियोजना

विदर्भ की गोसीखुर्द राष्ट्रीय सिंचाई परियोजना के लिए एक हजार करोड़ रुपए दिए जाएंगे। जबकि परियोजना का काम दिसंबर 2023 के आखिर तक पूरा करने का लक्ष्य है। विधानसभा में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री व वित्तमंत्री अजित पवार ने साल 2021-22 का बजट पेश करते हुए यह घोषणा की। राज्य में जलसंसाधन विभाग की 278 परियोजनाओं का काम शुरु है। इससे 26 लाख 88 हजार 576 हेक्टेयर सिंचाई क्षमता निर्माण हो सकेगी। इससे 8 हजार 470 दशलाख घन मीटर जलसंचय हो सकेगा। वहीं प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 26 परियोजनाओं का काम शुरू है। इन परियोजनाओं कि संशोधित कीमत 21 हजार 698 करोड़ रुपए है। साल 2021-22 में 26 में से 13 परियोजनाओं का काम पूरा करने का लक्ष्य है। सरकार की बलिराजा जलसंजीवनी योजना के तहत 91 परियोजनाओं का काम शुरू है। परियोजना की संशोधित कीमत 15 हजार 325 करोड़ 65 लाख रुपए है। इसमें से 19 परियोजनाओं को काम पूरा हो गया है। इसमें 1 लाख 2 हजार 779 हेक्टर सिंचाई क्षमता निर्माण हुई है। साल 2021-22 के बजट में जलसंसाधन विभाग के लिए 12 हजार 951 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

बजट में छात्राओं को मुफ्त बस यात्रा का तोफा

राज्य के ग्रामीण इलाकों में रहनेवाली छात्राओं की पढाई को बढावा देने के लिए क्रांति ज्योति सावित्रीबाई फुले योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत लड़कियों को एसटी की बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा दी गई है। ताकि लड़किया आसानी से अपने गांव से स्कूल पहुंच सके। सोमवार को राज्य का बजट पेश करते हुए राज्य के वित्तमंत्री अजित पवार ने कहा कि राज्य परिवहन महामंडल को प्राथमिकता से इस योजना के लिए डेढ हजार पर्यावरण अनुकूल बसे उपलब्ध कराई जाएंगी। जबकि शहरीय इलाके में रहनेवाली महिलाओं के सुगम व सुरक्षित प्रवास के लिए तेजस्विनी योजना के अंतगर्त अतिरिक्त महिला विशेष बस उपलब्ध  होगी। पवार ने कहा कि महाराष्ट्र महिलाओं को आगे बढाने के मामले में हमेशा से सबसे आगे रहा है। लड़कियों की शिक्षा को लेकर सरकार ने कई कदम उठाए है। कक्षा पहली से लेकर 12 वीं तक पढाई लड़कियों के लिए मुफ्त की गई है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कृषि विकास निधि के तहत  महाराषट्र ग्रामीण महिला उद्यम विकास योजना के लिए 522 करोड़ 98 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है। इस योजना को 6 साल तक चलाया जाएगा। जिसके तहत दस लाख महिलाओं को जीविका के लिए संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। 

गंगूबाई काठियावाड़ी’ का नाम बदलने की मांग 

कांग्रेस विधायक अमीन पटेल ने संजयलीला भंसाली की आगामी फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ का नाम बदलने की मांग की है। दक्षिण मुंबई की मुंबा देवी सीट से विधायक पटेल ने सोमवार को विधानसभा में यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इस नाम से काठियावाड़ शहर की छवि खराब होगी। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार यह भी ध्यान दे कि मुंबई के कमाठीपुरा का नाम भी खराब न हो। आलिया भट्ट अभिनित यह फिल्म फिल्म आगामी 30 जुलाई को प्रदर्शित होनी है। फिल्म लेखक हुसैन जैदी की किताब ‘माफिया क्वींस ऑफ मुंबई’ पर आधारित है। पटेल ने राज्य सरकार के आग्रह किया कि वह हस्तक्षेप कर फिल्म का नाम बदलवाए। पटेल ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में पड़ने वाला कमाठीपुरा अब वैसा नहीं रहा जैसा 50-60 के दशक में होता था। अब वह जगह बदल गई है। वहां की महिलाएं और लड़कियां सम्मानित पेशों में अपना मुकाम बना चुकीं हैं। ऐसे में अगर इलाके की छवि खराब होती है तो वहां की महिलाओं के लिए अच्छा नहीं होगा। बता दें कि गंगूबाई 1960 के दशक में देह व्यापार के लिए बदनाम कमाठीपुरा की सबसे शक्तिशाली महिला में से एक थीं। गंगूबाई मूल रूप से गुजरात के काठियावाड़ की निवासी थीं। उनका असली नाम गंगा हरजीवनदास काठियावाड़ी था। 16 साल की उम्र में उन्होंने प्रेम विवाह किया था और उनके पति ने ही उन्हें धोखा देकर 500 रुपए में वेश्यालय में बेंच दिया था। पटेल ने एक ऐप पर सोमवार को प्रदर्शित होने वाली वेबसीरीज कमाठीपुरा-तीन खून एक रहस्य की भी पुलिस से शिकायत की है। पटेल ने बताया कि उनकी शिकायत के बाद फिलहाल सीरीज की रिलीज स्थगित कर दी गई है। 

 

Created On :   8 March 2021 10:45 PM IST

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