भूलाबाई के मधुर गीतों के साथ मनाया उत्सव, शिव-पार्वती का हुआ पूजन

Celebrated festival with melodious songs of Bhulabai, worship of Shiva-Parvati
भूलाबाई के मधुर गीतों के साथ मनाया उत्सव, शिव-पार्वती का हुआ पूजन
शरद पूर्णिमा भूलाबाई के मधुर गीतों के साथ मनाया उत्सव, शिव-पार्वती का हुआ पूजन

डिजिटल डेस्क, अमरावती। शरदपूर्णिमा यानी कोजागिरी को अनेक घरों में भुलाबाई की स्थापना की गई। शहर के विभिन्न स्थानों पर तथा मंदिरों में कोजागिरी उत्साहपूर्वक मनाई गई। शरद पूर्णिमा का पर्व, भुलाबाई की स्थापना कर तथा भुलाबाई के मधुर गीतों के साथ मनाया गया। इस पर्व को लेकर बालिकाओं एवं युवतियों सहित महिलाओं तथा बच्चों में भी खासा उत्साह देखा गया।  शरद पूर्णिमा के अवसर जिन घरों में कन्याएं है। उन घरों में भुलाबाई की स्थापना की जाती है। इस दौरान घर के आंगन में रंगोली निकाल कर पूजन की तैयारी की गई।  इस समय भुलाबाई की पूजा के लिए जौ के डंठलों से घर (झोपड़ी) बनायी गई तथा वहां भुलाबाई और भुलोजी की प्रतिमा स्थापित की गई। जिससे भुलाबाई की स्थापना वाले क्षेत्रों में उत्साह का माहौल देखा गया। पूजा के मांगलिक चिह्नोंं के बीच भुलाबाई और भुलोजी यानी शंकर पार्वती की मूर्ति की स्थापना कर पूजन किया गया। इसके पश्चात भुलाबाई  के गीत प्रस्तुत किए गए। विविध गीत गायन के बाद आरती कर विभिन्न व्यंजनों का भोग भी अर्पित किया गया। तथा उपस्थित सभी को प्रसाद रूप में वितरित किया गया। 

उत्साह एवं उमंग का माहौल

शरदपूर्णिमा के अवसर पर कोजागिरी का विधान है। शहर में सामाजिक संगठनों की ओर से सामूहिक रूप से तथा पारिवारिक स्तर पर भी कोजागिरी का पर्व शरद पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन चंद्र अपनी अमृत किरणें बिखेरता है। जिसके चलते अधिकांश घरों एवं संगठनों की ओर से छत पर दूध को गर्म किया गया। जैसे ही चंद्र किरणें दूध में दिखाई दी उसे प्रसाद रूप में सभी ने ग्रहण किया। चूंकि चंद्र किरणों को आकाश के मध्य में आने में समय लगता है। इसलिए कोजागिरी के आयोजन में  मनोरंजक खेल एवं गीत गायन जैसे कार्यक्रम हुए। 

Created On :   21 Oct 2021 12:21 PM GMT

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