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केन्द्र ने कहा - घर-घर जाकर नहीं दे सकते कोरोना टीका, बताया यह कारण
डिजिटल डेस्क, मुंबई। केंद्र सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि घर घर जाकर लोगों को कोरोना का टीका दे पाना सम्भव नहीं है। क्योंकि इससे टीके के प्रदूषित व अपव्यय होने का भय है। केंद्र सरकार के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग ने हलफनामा दायर कर कोर्ट को यह जानकारी दी है। यह हलफनामा पेशे से वकील धृति कपाड़िया व कुणाल तिवारी की ओर से दायर जनहित याचिका के जवाब में दायर किया गया है। याचिका में मांग की गई है कि 75 साल के ऊपर, दिव्यांगों और ऐसे लोग जो बिस्तर पर हैं, के लिए घर पर टीका लगाने की सुविधा तैयार करने का निर्देश दिया जाए। इस पर केंद्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सतेन्द्र सिंह ने हलफनामा दायर कर ऐसे सुविधा उपलब्ध कराने से इंकार किया है। इसके लिए उन्होंने कई कारण बताए हैं। हलफनामे के मुताबिक यदि घर पर टीकाकरण के बाद किसी पर उसका विपरीत असर हुआ तो उसे समय पर अस्पताल पहुंचने में दिक्कत आएगी। इसके अलावा टीका देने के बाद 30 मिनट तक टीका लेने वाले व्यक्ति पर निगरानी रखने का प्रोटोकॉल है।घर पर इस प्रोटोकॉल के पालन में दिक्कत आएगी। क्योंकि वहां जरुरी सुविधाएं नहीं होगी और विपरीत परिस्थिति में अस्पताल पहुंचने में परेशानी होगी। इसके अलावा घर-घर जाने से टीके के दूषित व उसके प्रभाव पर असर होने की भी आशंका है। क्योंकि वैक्सीन कन्टेनर को घर-घर ले जाना पड़ेगा। इसके अलावा इससे टीकाकरण में विलंब होगा जिससे टीके का अपव्यय होने की भी आशंका है।
हलफनामा में कहा गया है कि वरिष्ठ नागरिकोंके मद्देनजर राज्य सरकार के आग्रह पर ज्यादा टीकाकरण केंद्रों को मंजूरी दे दी है। जहां लोग टीके के लिए अग्रिम पंजीयन करा सकते हैं। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की खंडपीठ के सामने गुरुवार को भी इस याचिका पर सुनवाई होगी।
Created On :   21 April 2021 9:51 PM IST