केंद्र सरकार तो बुजुर्गों को घर जाकर टीका देने को तैयार नहीं, मनपा करे तो देते हैं मंजूरीः हाईकोर्ट

Central government is not ready to give vaccines to elderly at home : High Court
केंद्र सरकार तो बुजुर्गों को घर जाकर टीका देने को तैयार नहीं, मनपा करे तो देते हैं मंजूरीः हाईकोर्ट
केंद्र सरकार तो बुजुर्गों को घर जाकर टीका देने को तैयार नहीं, मनपा करे तो देते हैं मंजूरीः हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि केंद्र सरकार बुजुर्गों को घर घर जाकर कोरोना का टीका देने की इच्छुक नहीं नजर आ रही है। इस बारे में केंद्र सरकार के पक्ष को सुनने के बाद प्रतीत होता है कि जैसे वह बुजुर्गों को कोरोना का टीका पाने के लिए पात्र ही नहीं मानती। अदालत ने कहा कि आप (सरकार) ऐसे लोगों (बुजुर्गों) की जरूरत को कैसे पूरा करेंगे? इस बीच कोर्ट ने घर घर जाकर बुजुर्गों को टीका देने को लेकर केंद्र सरकार की अनिच्छा को देखते हुए मुंबई महानगपालिका से पूछा कि क्या वह घर-घर जाकर बुजुर्गों को कोरोना का टीका दे सकती है। यदि मनपा की घर से बाहर निकलने में असमर्थ बुजुर्गों को टीका देने की तैयारी हो तो हम केंद्र सरकार की मंजूरी के बिना भी उसे टीकाकरण की मंजूरी देंगे।

कोर्ट ने इस बारे में मनपा आयुक्त को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है और मामले की अगली सुनवाई गुरुवार को रखी है। क्योंकि कोरोना काल में एक एक दिन महत्वपूर्ण है। कोर्ट में बुजुर्गों को घर-घर जाकर टीका दिए जाने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। इससे पहले एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ के सामने कहा कि इस मामले को देखने के लिए विशेषज्ञों की कमेटी बनाई गई है। कमेटी की 18 मई 2021 को एक बैठक हुई है। जिसमें घर से निकल पाने में असमर्थ बुजुर्गों को घर से स्ट्रेचर पर टीकाकरण केंद्र तक लाने संबंधी सुझाव दिए गए हैं। इस बारे में स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) जारी किया जाएगा। इस पर खंडपीठ ने कहा कि सरकार के विशेषज्ञ जानकार हो सकते हैं लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि उन्हें जमीनी हकीकत के बारे में कोई जानकारी नहीं है। देश में ऐसी कई जगहें हैं जहां इमारते बेहद सकरी जगह पर बनी है। वहां से लोगों को स्ट्रेचर पर भी लाना मुश्किल है।

व्यवहारिक बातें नहीं समझ रही समिति

खंडपीठ ने कहा कि मुंबई की कुछ इमारते ऐसी है जिनकी सीढ़िया लकड़ी की है। वहां की गलियां इतनी सकरी हैं कि बुजुर्ग व्हीलचेयर पर भी बाहर नहीं आ सकते। मुंबई के अलावा कोलकता की भी यही हालत है। इस स्थिति में ऐसा लगता है जैसे केंद्र सरकारकह रही है कि बुजुर्ग टीके का हक ही नहीं रखते। पिछली सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने केंद्र सरकार को बुजुर्गों को घर-घर जाकर कोरोना का टीका न देने से जुड़ी अपनी नीति पर पुनर्विचार करने को कहा था। 

    

Created On :   19 May 2021 8:43 PM IST

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