मानव तस्करी रोकने विशेष पुलिस अधिकारी की नियुक्ति पर हैरानीभरा है केंद्र सरकार का रवैया - हाईकोर्ट 

Central governments attitude on appointment of special police officer to stop human trafficking is not well
मानव तस्करी रोकने विशेष पुलिस अधिकारी की नियुक्ति पर हैरानीभरा है केंद्र सरकार का रवैया - हाईकोर्ट 
मानव तस्करी रोकने विशेष पुलिस अधिकारी की नियुक्ति पर हैरानीभरा है केंद्र सरकार का रवैया - हाईकोर्ट 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने मानव तस्करी रोकने के लिए विशेष पुलिस अधिकारी नियुक्ति करने के मुद्दे पर केंद्र सरकार के रुख को हैरानी व निराशाभरा बताया है। इससे पहले राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में दावा किया कि मानव तस्करी प्रतिबंधक कानून के लिए विशेष  पुलिस अधिकारी की नियुक्ति को लेकर केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव भेजा है। इस प्रस्ताव में केंद्र सरकार से सहायक पुलिस आयुक्त, पुलिस उपअधीक्षक व सहायक पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी को ट्रैफिकिंग पुलिस अधिकारी के रुप में अधिसूचित करने का निवेदन किया गया है।    

पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को राज्य सरकारी की ओर से भेजे गए प्रस्ताव पर लिए गए निर्णय की जानकारी देने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट में रेस्क्यु फाउंडेशन नामक संस्था की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका में राज्य सरकार को मानव तस्करी को रोने के लिए ट्रैफिकिंग पुलिस अधिकारियों की नियुक्ति के लिए निर्देश देने की मांग की गई है।     

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ के सामने केंद्र सरकार की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता डीपी सिंह ने कहा कि केंद्र ने राज्य सरकार से उसकी ओर से भेजे गए प्रस्ताव से जुड़े औचित्य को लेकर जवाब मांगा है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि केंद्र सरकार का यह जवाब हमारे लिए हैरानी भरा है। क्या वाकई में इस विषय पर केंद्र को सरकार से जवाब मांगना चाहिए। क्योंकि मानव तस्करी को रोकने के लिए ट्रैफिकिंग पुलिस अधिकारी की नियुक्ति करना मानव तस्करी प्रतिबंधक कानून 1956 के तहत जरुरी है। कानून में इसके लिए प्रावधान किया गया है। यह कानून एक अच्छे उद्देश्य को ध्यान में रख बनाया गया है। ऐसे में मामले को लेकर केंद्र सरकार का जवाब हैरानी व निराशा भरा लगा रहा है। क्योंकि अदालत ने इस संबंध में न्यायिक आदेश जारी किया था। 

एडवोकेट सिंह के इस जवाब के बाद खंडपीठ ने एडिशनल सालिसिटर जनरल अनिल सिंह को पैरवी के लिए बुलाया। सुनवाई के दौरान सिंह ने खंडपीठ को आश्वस्त किया कि दो सप्ताह के भीतर इस मामले को लेकर सही दिशा में कदम उठाए जाएंगे। इसके बाद खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 3 मार्च 2021 तक के लिए स्थगित कर दी। 

 

Created On :   18 Feb 2021 8:40 PM IST

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