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विकासशील देशों को चीनी निर्यात करे केंद्र सरकार - पवार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। आवश्यकता से अधिक उत्पादन के चलते चीनी उद्योग के सामने आए संकट से निपटने के लिए केंद्र सरकार विकासशील देशों को चीनी निर्यात करे।साथ ही चीनी मिलों को इथेनॉल बनाने और इसे पेट्रोल पंपों पर बेचने की अनुमति प्रदान करे। चीनी उद्योग से जुड़े लोगों के साथ बैठक के दौरान राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि इस उद्योग को मुश्किलों से निकालने के लिए कारगर योजना बनाने की जरूरत है।
अत्याधिक उत्पादन से चीनी उद्योग परेशानी में पड़ा
शुक्रवार को शुगर मिलों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए पवार ने कहा कि चीनी के अत्यधिक उत्पादन से चीनी उद्योग परेशानी में पड़ गया है। उन्होंने कहा कि घरेलु खपत की अपेक्षा इस बार चीनी का उत्पादन अधिक हुआ है। इसका हल निर्यात से निकल सकता है। भारत सरकार विकसित देशों की आर्थिक मदद करती है। इन देशों को यह मदद वस्तुस्वरुप में करनी चाहिए। गेंहू और चावल के साथ चीनी का भी निर्यात किया जाना चाहिए। यदि 50 से 60 लाख टन चीनी का निर्यात किया जाए तो इससे गरीब देशों की मदद के साथ ही यहां बाजार की स्थिति भी सुधरेगी।
बफर स्टॉक से स्थिति नहीं सुधरेगी
पवार ने कहा कि चीनी उद्योग से जुड़े लोगों को इस समस्या से निपटने के लिए एक समिति गठित कर केंद्र सरकार से मदद के लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार करनी चाहिए। पवार ने कहा कि बफर स्टॉक से स्थिति नहीं सुधरेगी। बैठक में मौजूद राज्य की ग्रामीण विकास मंत्री पंकजा मुंडे ने कहा कि अच्छे मानसून के चलते इस बार गन्ने का उत्पादन अच्छा है। लेकिन दुर्भाग्य से कीमतों में गिरावट आ गई है। उन्होंने कहा कि चीनी के लिए उपभोक्ता और वाणिज्यिक दरों को अलग-अलग रखने की जरूरत है
Created On :   4 May 2018 8:52 PM IST