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आदेशों की अनदेखी का खामियाजा, भिवंडी मनपा आयुक्त की कुर्सी-टेबल जब्त
डिजिटल डेस्क, मुंबई। आदेश की अनदेखी पर भिवंडी मनपा आयुक्त की कुर्सी समेत कई दूसरे सामान जब्त कर लिए गए हैं। पांच हजार का मुआवजा न देने के चलते भिवंडी मनपा के अधिकारियों को यह किरकिरी झेलनी पड़ी। अदालत के नोटिस, समन के बाद भी जब अधिकारियों ने ढुलमुल रवैया जारी रखा तो कोर्ट ने जब्ती का आदेश दे दिया। गुरुवार को घाडगे और कोर्ट कर्मचारी मनपा मुख्यालय पहुंचे और आयुक्त के कार्यालय से दो सोफा, सात कुर्सियां और एक प्रिंटर अपने साथ ले गए। यह सामान घाडगे को मुआवजा के तौर पर सौंप दिया गया है। अब अधिकारी सफाई दे रहे हैं कि उन्हें अदालत के आदेश की प्रति ही नहीं मिली।
क्या है मामला : दरअसल भिवंडी के ठानगे अली इलाके में रामभाऊ घाडगे नाम के एक शख्स की किराने की दुकान थी। साल 1992 में महानगर पालिका ने सड़क विस्तारीकरण के दौरान दुकान तोड़ दी। घाडगे ने मामले में अदालत का दरवाजा खटखटाया तो वहां से वैकल्पिक व्यवस्था का आदेश मिला। इसके बाद भिवंडी मनपा ने एसटी स्टैंड के पास एक केबिन उन्हें दुकान के लिए दिया। लेकिन धीरे-धीरे यहां अतिक्रमण बढ़ा। कई लोगों ने अवैध दुकानें खोल ली। अवैध दुकानों के खिलाफ तोड़क कार्रवाई के दौरान घाडगे की भी दुकान तोड़ दी गई। इसके बाद वे फिर अदालत में गए। भिवंडी कोर्ट ने मनपा को पांच हजार रुपए नुकसान भरपाई देने का आदेश दिया।
मामला लगभग 15 साल पुराना है। भिवंडी कोर्ट ने अक्टूबर 2017 को मनपा प्रशासन को आखिरी नोटिस जारी की, लेकिन मनपा का कोई जिम्मेदार अधिकारी कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ. अंततः कोर्ट ने नाराजगी प्रकट करते हुए मनपा आयुक्त कार्यालय की कुर्सी-टेबल सहित सभी सामग्री जब्त करने का आदेश दिया. गुरुवार को कोर्ट का आदेश लेकर कोर्ट कर्मचारी मनपा मुख्यालय पहुंचे और जब्ती की कार्रवाई की। इस,संदर्भ में मनपा आयुक्त डॉ. योगेश म्हसे का कहना है कि मेरे सवा साल के कार्यकाल में कोई नोटिस नहीं मिला है। फिर भी दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
Created On :   1 Dec 2017 5:54 AM GMT