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चंद्रकांत पाटील बोले - मैंने और फडणवीस ने पंकजा को टिकट दिलाने की बहुत कोशिश की-नहीं मिली उम्मीदवारी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधान परिषद चुनाव में टिकट पाने के लिए इच्छुक भाजपा की राष्ट्रीय सचिव पंकजा मुंडे को एक बार फिर झटका लगा है। भाजपा ने पंकजा को विधान परिषद की उम्मीदवारी नहीं दी है। इससे पंकजा के समर्थकों को एक बार फिर से मायूसी हाथ लगी है। बुधवार को राजनीतिक गलियारों में भाजपा के विधान परिषद के उम्मीदवारों के नामों के ज्यादा पंकजा को टिकट न मिलने की चर्चा ज्यादा रही। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने कहा कि पंकजा की उम्मीदवारी के लिए मैंने और फडणवीस ने काफी प्रयास किए। लेकिन भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने पंकजा को कुछ और विचार किया होगा।
पंकजा फिलहाल राष्ट्रीय सचिव के साथ ही मध्यप्रदेश की पार्टी की सह प्रभारी हैं। पाटील ने कहा कि टिकट न मिलने से पंकजा के समर्थकों में नाराजगी स्वभाविक है। लेकिन भाजपा में नाराजगी क्षण भर की होती है। पाटील ने दावा किया कि पंकजा विधान परिषद चुनाव में भाजपा उम्मीदवार उमा खापरे के नामांकन के समय गुरुवार को मौजूद रहेंगी। इससे पहले विधान परिषद चुनाव की घोषणा होने के बाद पंकजा ने अप्रत्यक्ष रूप से उम्मीदवारी को लेकर इच्छा जताई थी। पंकजा ने कहा था कि मैंने पार्टी से कुछ मांगा नहीं है लेकिन यदि मौका मिलता है तो मैं उसको अवसर में बदल दूंगी। जबकि पंकजा की दावेदारी पर विधान सभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि वह किसी भी पद के लिए सक्षम हैं। इसलिए चुनावों के समय उनके नाम की चर्चा स्वभाविक है।
भाजपा ने मेटे और खोत को भी दिया झटका
महाराष्ट्र में सत्ता गंवाने के ढाई साल बाद अब भाजपा ने सहयोगी दलों को झटका देना शुरू कर दिया है। भाजपा ने विधान परिषद चुनाव में सहयोगी दल शिवसंग्राम के अध्यक्ष विनायक मेटे और रयत क्रांति संगठन के अध्यक्ष सदाभाऊ खोत को फिर से विधान परिषद की उम्मीदवारी नहीं दी।
भाजपा ने दिया धोखाः मेटे
भाजपा ने मेटे और खोत को दोबारा प्रत्याशी नहीं बनाया है। टिकट कटते ही मेटे के सुर भाजपा विरोधी हो गए हैं। मेटे ने कहा कि भाजपा की नीति इस्तेमाल करके छोड़ देने वाली है। भाजपा ने सहयोगी दलों को धोखा दिया है। मुझे दोबारा टिकट देने का वादा किया गया था। लेकिन उम्मीदवारों की सूची देखकर ऐसा लगता है कि भाजपा को सहयोगी दलों की जरूरत नहीं है। मेटे ने कहा कि मेरे समर्थकों की भावना है कि भाजपा ने हमारे साथ विश्वासघात किया है। मेटे ने कहा कि मैं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील और विधानसभा में विपक्ष के नेता फडणवीस से मुलाकात करूंगा। इसके बाद मैं अगला फैसला करूंगा। इसके पहले पूर्व की भाजपा सरकार में मेटे को दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री बनाया गया था। जबकि खोत फडणवीस सरकार में कृषि राज्य मंत्री थे। मेटे पिछले दो दशकों से सत्ताधारी दल राकांपा अथवा भाजपा की मदद से विधान परिषद में पहुंचते रहे हैं। लेकिन इस बार उनका जुगाड़ तंत्र काम नहीं आया।
Created On :   8 Jun 2022 8:57 PM IST