NSEL घोटाले में 63 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र

Charge sheet filed against 63 accused in the NSEL scam
NSEL घोटाले में 63 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र
NSEL घोटाले में 63 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्लू) ने बहुचर्चित नेशनल स्पाट एक्सचेंज घोटाला (एनएसईएल) मामले में  63 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है। 28 हजार 300 पन्ने के इस आरोपपत्र में 27 व्यक्तियों व 36 कंपनियों को आरोपी बनाया गया है। आरोपपत्र में 22 जीबी डेटा का भी समावेश किया गया है। शुरुआत में साल 2014 में ईओडब्लू ने इस मामले में  सात आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था। लेकिन आगे की अपनी जांच को जारी रखा था। इस प्रकरण को लेकर अब तक तीन आरोपपत्र दायर किए जा चुके है। आरोपपत्र में 520 लोगों को गवाह बनाया गया है और 509 बैंक खातों का ब्यौरा दिया गया है। पुलिस ने मामले से जुड़े तथ्यों को समझने व जांच में मदद के लिए सरकार द्वारा नामित किए गए दो फोरेंसिक विशेषज्ञों से सहयोग लिया है। 

नकली नोट से सामान खरीदने वाले की सजा बरकरार
    
बांबे हाईकोर्ट ने नकली नोट रखने व उससे समान खरीदनेवाले आरोपी को सुनाई गई सजा को बरकरार रखा है। सत्र न्यायालय ने आरोपी मोहम्मद गुलाम रब्बानी को इस मामले में सात साल के कारावास की सजा सुनाई थी। रब्बानी ने निचली अदालत के इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी। न्यायमूर्ति एएम बदर के सामने मामले की सुनवाई हुई।

सुनवाई के दौरान आरोपी के वकील ने दावा किया कि अभियोजन पक्ष ने कोई ऐसा चश्मदीद गवाह नहीं पेश किया है जो दर्शाए की मेरे मुवक्किल ने नकली नोट से समान खरीदा था। इसके अलावा छापेमारी की कार्रवाई के दौरान भी पुलिस को मेरे मुवक्किल के घर में कोई आपत्तिजनक समान नहीं मिला है।

इसके विपरीत अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि आरोपी ने चर्चगेट के सबवे के पास दुकान लगाने वाले अशोक मंडल की दुकान से 13 जनवरी 2013 को चार टी शर्ट खरीदे थे। बदले में एक हजार का नोट दिया था। टी शर्ट का दाम लेने के बाद मंडल ने उसे 600 रुपए वापस किए थे। लेकिन जब मंडल अपने कारोबार के लिए व्यापारी के पास समान खरीदने गया तो व्यापारी ने उस एक हजार के नोट को नकली कहते हुए लेने से इंकार कर दिया। इसके बाद 14 जनवरी 2013 को आरोपी फिर मंडल की दुकान पर आया और उसने 12 टी शर्ट खरीदे और एक हजार के दो नोट दिए।

इस दौरान मंडल एक दिन पहले नकली नोट देने वाले आरोपी को पहचान गया। साथी दुकानदारों के साथ मिलकर  आरोपी को पकड़ा और उसे आजाद मैदान पुलिस स्टेशन ले गए। छानबीन के दौरान पुलिस को आरोपी के पास से तीन हजार के नोट मिले। जिन्हें जांच के लिए नाशिक की करंसी नोट की पहचान से जुड़ी सरकारी लैब में भेजा गया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 489(बी व सी) के तहत मामला दर्ज किया। रिपोर्ट में आरोपी के पास मिले नोटों के नकली होने की पुष्टि की गई।

मामले से जुड़े तथ्यों व सबूतों पर गौर करने के बाद न्यायमूर्ति ने कहा कि आरोपी को पता था कि उसके पास नकली नोट है। फिर भी उसने उससे समान खरीदा। अभियोजन पक्ष ने आरोपी पर लगे आरोपों को पूरी तरह से साबित किया है। इसलिए उसे दी गई सजा को बरकरार रखा जाता है। 
 

Created On :   27 Dec 2018 9:25 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story