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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार की नीतियों का जमकर किया विरोध
डिजिटल डेस्क, नागपुर। केंद्र सरकार के कृषि सुधार के दावों को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों को गुमराह करनेवाला कहा है। उन्होंने कहा है कि संसद में जो 3 विधेयक पारित कराए गए वे किसान हित में नहीं है। वे विधेयक काला कानून है। कानून बनने के बाद भी जरुरी नहीं है कि उसे लागू ही किया जाए। कांग्रेस की मांग है कि केंद्र सरकार इन विधेयकों को वापस लें। ये विधेयक हस्ताक्षर के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेजे जा रहे हैं। लिहाजा राष्ट्रपति से भी निवेदन है कि वे इन विधेयकों पर हस्ताक्षर न करें। बघेल ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सरकार देश में हर वर्ग को झटका दर झटका दे रही है। कृषि विधेयक भी किसानों को दिया गया झटका है। केंद्र की नीतियां ठीक नहीं है। कृषि विधेयक को लेकर कांग्रेस हर स्तर पर विरोध करेगी। आवश्यक हो तो न्यायालय में जाएगी। जिन राज्यों में कांग्रेस के नेतृत्व की सरकार है उनमें इसे लागू नहीं होने दिया जाएगा।
गुरुवार को प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता में मुख्यमंत्री बघेल बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सामंती के जैसे कार्य कर रही है। विमानतल, रेलवे स्टेशन का निजीकरण किया जा रहा है। नोटबंदी, जीएसटी व अचानक लाकडाऊन के तौर पर देश को पहले ही झटका दिया जा चुका है। जो एक्ट बनाए जाते हैं उनका तो पालन भी नहीं हो पाता है। जीएसटी के मामले में केंद्र सरकार ने ही राज्यों की भागीदारी तय की है। लेकिन राज्यों को उचित तरह से जीएसटी की लाभांस नहीं मिल पाता है। छत्तीसगढ़ में जीएसटी की 2 किश्त नहीं मिली। जीएसटी के तौर पर मिलनेवाले 3000 करोड रुपये का इंतजार सरकार को है। साफ है केंद्र सरकार जीएसटी एक्ट का पालन नहीं कर रही है।
अधिकारों पर हमला
बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार संवैधानिक अधिकारों पर भी हमला कर रही है। यह राज्य सरकारों के अधिकार पर हमला है। किसानों की स्वायत्ता पर हमला है। किसानों को मजदूर बनाने का प्रयास है। 6 मुख्यमंत्रियों की सहभागिता से टास्क फोर्स बनाने व उसकी सिफारिश के आधार पर विधेयक तैयार करने को लेकर बघेल ने कहा कि विधेयक तैयार करने के लिए किसानों से बात करना था। टास्क फोर्स में सभी मुख्यमंत्रियों को शामिल नहीं किया गया। कांट्रेक्ट फार्मिंग के बारे में अध्ययन नहीं किया गया। कृषि सुधार के लिए कांग्रेस ने चुनाव घोषणा पत्र में 20 सूत्रीय बात रखी थी। उसमें से केवल दो को शामिल करते हुए यह कह देना कि इस तरह का कानून कांग्रेस बनाना चाहती थी,उचित नहीं है। कृषि मंडियों को बचाना होगा। बिहार में 2006 में कृषि मंडी एक्ट लागू होने के बाद वहां से नागरिकों का पलायन बढ़ा है। पत्रकार वार्ता में राज्य की महिला व बालविकास मंत्री यशोमति ठाकुर, विधायक विकास ठाकरे, अतुल लोंढे, विशाल मुत्तेमवार उपस्थित थे।
Created On :   24 Sept 2020 8:52 PM IST