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छिंदवाड़ा को संभाग बनाने की कवायत, पांढुर्ना को बनाया जा सकता है जिला , रिपोर्ट तैयार
![District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli! District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/no-post.png)
डिजिटल डेस्क,छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा को संभाग बनाने की कवायत बहुत पहले शुरू हो चुकी थी किंतु अब इस दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए पांढुर्ना को जिला बनाने की संभावना पर विचार किया जा रहा है । इस तहसील को छिंदवाड़ा से अलग करने की तैयारी शुरू हो चुकी है। शासन ने पांढुर्ना से संबंधित तमाम जानकारियां प्रशासन से पिछले दिनों मांगी थी। जिसमें यहां की भौगोलिक स्थिति, जनसंख्या, जिला पंचायत और जनपद पंचायत क्षेत्रों से लेकर तहसील और राजस्व अमले की तमाम जानकारियां भोपाल भेजी गई हैं। कहा जा रहा है कि जल्द ही बैतूल के कुछ विधानसभाओं को पांढुर्ना से मिलाकर इसे जिला घोषित कर दिया जाएगा। हालांकि पांढुर्ना और मुलताई के लोग सालों से जिला बनाने की मांग कर रहे हैं। अब इन दो विधानसभाओं में से किसे जिला बनने का मौका मिलेगा, ये भी एक बड़ा सवाल बन गया है। हालांकि भोगोलिक दृष्टि से देखा जाए तो सबसे ऊपर नाम पांढुर्ना का ही सामने आ रहा है, लेकिन ये इतना भी आसान नहीं होगा। क्योंकि मुलताई के लोग सालों से जिला बनाने को लेकर आंदोलन करते आ रहे हैं।
ऐसा हुआ तो छिंदवाड़ा का संभाग बनना तय
यदि पांढ़ुर्ना या मुलताई में से किसी एक को जिला बनाया जाता है तो छिंदवाड़ा के संभाग बनने का रास्ता साफ हो जाएगा। दरअसल सिवनी और बालाघाट की आपत्तियों के कारण जिले को संभाग घोषित नहीं किया जा रहा है। यदि पांढुर्ना और मुलताई को छिंदवाड़ा से जोड़ दिया गया तो जिले को आसानी से कमिश्नरी का का दर्जा मिल जाएगा।
छिंदवाड़ा-पांढुर्ना दोनों को होगा फायदा
पांढुर्ना के छिंदवाड़ा से अलग होने पर से दोनों को ही बड़ा फायदा होगा। अभी छिंदवाड़ा से पांढुर्ना की दूरी लगभग 100 किलोमीटर है। ऐसे में तमाम कार्य करवाने के लिए यहां के लोगों को छिंदवाड़ा आना पड़ता है। अब पांढुर्ना में ही काम हो सकेंगे। वहीं छिंदवाड़ा के संभाग बनने का रास्ता भी साफ हो जाएगा।
Created On :   5 Sep 2019 7:24 AM GMT