मुख्यमंत्री ने कहा - फडणवीस और महाजन को जेल में डालने की साजिश रची गई थी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार में तत्कालीन विपक्ष के नेता तथा वर्तमान उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राज्य के वर्तमान ग्रामीण विकास मंत्री गिरीश महाजन को जेल में डालने की साजिश रची गई थी। महाजन के खिलाफ मकोका लगाने की तैयारी थी। इसके जरिए भाजपा को बैकफुट पर डालने और नुकसान पहुंचाने की कोशिश थी। मैं इसका गवाह हूं। लेकिन हमने यह मौका आने नहीं दिया। हमने सरकार को ही पलट दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि फडणवीस और महाजन के खिलाफ साजिश को लेकर यदि जरूर पड़ी तो सरकार जांच कराएगी। रविवार को राज्य अतिथिगृह सह्याद्री में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इसके बाद पत्रकारों से बातचीत मुख्यमंत्री ने विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार के महाराष्ट्र द्रोह वाले बयान पर पलटवार किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अजित ने कहा है कि यदि विपक्ष सरकार के चायपान में गया होता तो महाराष्ट्र द्रोह होता। लेकिन फिलहाल जेल में बंद राकांपा विधायक तथा पूर्व मंत्री नवाब मलिक दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर को चेक दिया था। मलिक ने द्रेश द्रोह किया है। उस समय अजित तो महाविकास आघाड़ी सरकार में मलिक का इस्तीफा लेने की हिम्मत भी नहीं दिखा पाए थे। अच्छा हमारी मलिक के साथीदार अजित के साथ चाय पीने की नौबत नहीं आई। मुख्यमंत्री ने सवाल करते हुए कहा कि महाराष्ट्र द्रोह बड़ा है अथवा देश द्रोह बड़ा है? मुख्यमंत्री ने कहा कि अजित कई सालों तक सत्ता में रहे हैं। इसलिए सत्ता से बाहर जाने के बाद छटपटा रहे हैं। अजित मुझ पर निष्ठा बदलने का आरोप लगा रहे हैं। लेकिन मैं दिन में तीन बार निष्ठा नहीं बदलता हूं। अजित ने 23 नवंबर 2019 को देवेंद्र फडणवीस के साथ शपथ ली थी। फिर राकांपा के साथ चल गए। मैं तो शिवसेना प्रमुख दिवंगत बालासाहेब ठाकरे के विचारों को आगे बढ़ा रहा हूं। मैंने देवेंद्र फडणवीस के साथ मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। मैं अपने फैसले पर कायम हूं। इसलिए बाजार में मेरा थोड़ा वजन है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अजित कहते हैं कि शिवसेना को छोड़ने वाले चुनाव हार जाते हैं। लेकिन अजित कब से निष्ठावान शिवसैनिक बन गए हैं? मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में बहुमत का महत्व है। हमें केंद्रीय चुनाव आयोग ने शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह दिया है। इसलिए सरकार को असंवैधानिक कहना उचित नहीं है।
अजित ने तो 70 हजार करोड़ रुपए पानी में बहा दिए
मुख्यमंत्री ने कहा कि अजित ने मेरे सरकारी आवास वर्षा पर चायपान के लिए 2 करोड़ रुपए खर्च का मुद्दा उठा रहे हैं। लेकिन अजित ने आघाड़ी सरकार में सिंचाई मंत्री रहते हुए 70 हजार करोड़ रुपए पानी में बहा दिए थे। राज्य में 70 हजार करोड़ रुपए खर्च होने के बाद भी 0.1 प्रतिशत सिंचाई क्षमता नहीं बढ़ पाई है। कभी तो अजित को इसका हिसाब देना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे सरकारी आवास वर्षा बंगले पर हर दिन हजारों लोग आते हैं। हम लोग वर्षा पर आने वालों को बिरयानी नहीं खिलाते हैं। केवल चाय और पानी पिलाते हैं। महाविकास आघाड़ी सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ऑनलाइन काम करते थे। तब हर महीने 35 से 40 लाख रुपए खर्च हो रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार में वित्त मंत्री रहते हुए अजित ने ही सरकारी विज्ञापनों के लिए 245 करोड़ रुपए का प्रावधान बजट में किया है। अजित ने अपने सोशल मीडिया के लिए 6 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था। लेकिन हंगामा होने के बाद उन्होंने फैसला रद्द कर दिया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने मेरा परिवार, मेरी जिम्मेदारी अभियान पर कितना पैसा खर्च किया था? मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने 7 महीने में सरकारी विज्ञापनों पर केवल 50 करोड़ रुपए खर्च किया है। इस बीच मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने 75 हजार नौकरी देने का फैसला लिया है। इसके तहत सरकार ने पद भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है।
औरंगाबाद और उस्मानाबाद जिले का नाम बदलने जारी होगी अधिसूचना
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि केंद्र सरकार ने औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलने के लिए मंजूरी दी है। इसके तहत अब राज्य सरकार के राजस्व विभाग और नगर विकास विभाग की ओर से अधिसूचना जारी की जाएगी। इसके जरिए औरंगाबाद और उस्मानाबाद जिला, महानगर पालिका और नगर पालिका का नाम बदल जाएगा।
Created On :   26 Feb 2023 9:40 PM IST