डॉक्टर और अस्पताल की लापरवाही से बच्ची की मौत का मामला

child died due to lack of treatment
डॉक्टर और अस्पताल की लापरवाही से बच्ची की मौत का मामला
डॉक्टर और अस्पताल की लापरवाही से बच्ची की मौत का मामला

डिजिटल डेस्क, शहडोल। डिण्डौरी जिले के शहपुरा के जमगांव निवासी जयप्रकाश गुप्ता की चार वर्षीय बेटी अमृता की सोमवार को मौत हो गई थी। बच्ची की मौत पर पिता जयप्रकाश गुप्ता ने सोहागपुर थाने में लिखित शिकायत देकर परम आनंद अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया था। इलाज के अभाव में हुए मासूम की मौत को लेकर विभिन्न संगठनों ने जहां प्रशासन को ज्ञापन सौंपे। वहीं पुलिस ने एक दिन में जांच कर अस्पताल की लापरवाही पर मुहर लगा दी। पुलिस द्वारा की गई जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि अस्पताल प्रबंधन ने बच्ची के इलाज में तत्परता नहीं बरती। पुलिस जांच में यह बात भी स्पष्ट हुई है कि बच्ची को लेकर परिजन सुबह 8.05 बजे अस्पताल में आए और पर्ची कटाई जबकि डॉ.सत्येश विशनदासानी 9.07 बजे अस्पताल पहुंचे थे। पुलिस अधीक्षक ने अग्रिम कार्यवाही के लिए लिए प्रतिवेदन कलेक्टर को भेज दिया है अब कार्रवाई की जिम्मेदारी जिला प्रशासन पर है। कलेक्टर मुकेश शुक्ला ने प्रतिवेदन मिलने की पुष्टि करते हुए प्राइवेट अस्पतालों की जांच के लिए टीम गठित करने की बात कही है।

CCTV फुटेज खंगाले

 बच्ची की मौत पर पिता जयप्रकाश गुप्ता ने सोहागपुर थाने में लिखित शिकायत देकर परम आनंद अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया था। इस आवेदन में सोहागपुर पुलिस ने बच्ची के परिजनों के बयान लिए व अस्पताल के CCTV कैमरों के फुटेज की जांच की। जिसमें यह स्पष्ट हुआ है कि बच्ची के परिजन काउंटर में डॉक्टर के बारे में पूछताछ कर रहे थे। पुलिस ने संभावना जताई कि डॉक्टर के नहीं आने पर 9.04 बजे परिजन बच्ची को लेकर अन्य अस्पताल चले गए होंगे। डॉ. विशनदासानी सुबह 9.07 बजे अस्पताल पहुंंचे और बच्ची की मां से बात की। परिजन 9.16 बजे परिजन मृत बच्ची को लेकर परम आनंद अस्पताल पहुंचे।

पुलिस ने जांच में माना है कि बच्ची अमृता को समय पर इलाज नहीं मिली। बच्ची के पिता ने अपने कथन में पुलिस को बताया कि रिसेप्शन काउंटर में पहुंंचने पर बताया गया कि 10 मिनट में डॉक्टर आएंगे। पिता ने अपने कथन में यह भी बताया कि उसे दी गई पर्ची भी अस्पताल की नर्स ने वापस ले ली थी।


लापरवाही पर लगाम लगाने के लिए सौंपे ज्ञापन

निजी अस्पतालों में बढ़ रही लापरवाहियों पर लगाम लगाने विभिन्न संगठनों ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपे। छात्रों ने रैली निकाली और कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा। जिसमें प्राइवेट अस्पतालों में व्याप्त लापरवाही पर लगाम लगाने का अनुरोध किया है। ज्ञापन में मांग की गई है कि डॉक्टर गंभीर मरीजों को पहले देखें। प्राइवेट अस्पतालों में शासन के नियमों का सख्ती से पालन कराया जाए। अखिल भारतीय उपभोक्ता उत्थान संगठन ने कमिश्नर के नाम सौंपे ज्ञापन में कहा है कि निजी चिकित्सालयों में घोर लापरवाही की जा रही है। परम आनंद अस्पताल के डॉक्टर द्वारा लापरवाहीपूर्ण कृत्य किया गया। उसकी जांच कराकर दोषी के विरुद्ध कार्यवाही की जाए।

 यह है मामला

जिला डिण्डौरी के थाना शहपुरा अंतर्गत ग्राम जमगांव निवासी जयप्रकाश गुप्ता व उनकी पत्नी गिरिजा गुप्ता अपनी चार वर्षीय बेटी अमृता को लेकर सोमवार सुबह यहां पहुंचे थे। जयप्रकाश ने बताया कि बेटी को कुछ दिनों से बुखार आ रहा था। जिसका इलाज कराने सर्किट हाउस के सामने स्थित परम आनंद हॉस्पिटल सुबह 7 बजे पहुंच गए। पर्ची काटने के बाद कर्मचारियों ने बताया कि डॉक्टर बस 10 मिनट में आते हैं। कुछ बाद फिर वही जवाब मिला। उधर बच्ची की हालत खराब होती जा रही थी। पिता ने कर्मचारियों से डॉक्टर को जल्दी आने का आग्रह किया। डॉ. सत्येश विशनदासानी करीब 9.15 बजे पहुंचे, तब तक अमृता की मौत हो चुकी थी।

लापरवाही का आरोप

बच्ची की मौत होते ही माता-पिता व अन्य परिजन विलख-विलख कर रोने लगे। इनका कहना था कि यदि समय पर डॉक्टर आ जाते तो जान बच सकती थी। अस्पताल में हंगामे की स्थिति बनती देख 100 डॉयल तथा सोहागपुर थाने को सूचना दी गई। मौके पर टीआई तथा पुलिस बल पहुंच गया। परिजनों ने लिखित शिकायत में कहा कि अस्पताल प्रशासन की लापरवाही और लेट लतीफी के कारण बच्ची की मौत हुई है।

पर्ची लेकर फीस लौटाई

अस्पताल के काउंटर में इन्ट्री कराने के साथ ही कर्मचारियों ने 200 रुपये फीस लेकर पर्ची दी थी। पिता ने बताया कि जब बच्ची की मौत हो गई तो कर्मचारियों ने उक्त पर्ची वापस ले ली तथा फीस की रकम लौटा दी। 

शव लेकर मंदिर पहुंचे 

जिस बच्ची को हंसते खेलते यहां लाये थे, उसकी मौत हो चुकी है, इसका विश्वास माता-पिता को नहीं हो रहा था। शहडोल में रहने वाले बच्ची अमृता के मामा अनिल गुप्ता अस्पताल पहुंचे। उन्हें लगा कि भांजी में कुछ जान बाकी है, नवरात्रि चल रही है मां दुर्गा कुछ चमत्कार कर सकती हैं। वह बच्ची का शव लेकर दुर्गा मंदिर पहुंचे। मंदिर प्रांगण में रखकर प्रार्थना करने लगे। इस मंजर को जिसने भी देखा आंखे भर आईं। मौके पर कोतवाली टीआई सतीश सिंह पहुंचे और विलखते परिजनों को ढाढ़स बंधाते हुए मंदिर से रवाना किया।

 

Created On :   25 Sept 2017 8:28 PM IST

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