बाल विवाह के मामलों में आ रही धीरे-धीरे कमी, क्राई का दावा उसकी जागरूकता मुहिम हो रही कामयाब

Child marriage cases are slowly coming down
बाल विवाह के मामलों में आ रही धीरे-धीरे कमी, क्राई का दावा उसकी जागरूकता मुहिम हो रही कामयाब
दावा बाल विवाह के मामलों में आ रही धीरे-धीरे कमी, क्राई का दावा उसकी जागरूकता मुहिम हो रही कामयाब

डिजिटल डेस्क, मुंबई। जागरूता बढ़ने के साथ बाल विवाह के मामलों में धीरे-धीरे कमी आ रही है। गैर सरकारी संस्था चाइल्ड राइट्स एंड यू (क्राई) के मुताबिक खासतौर पर राज्य के मराठवाडा के कई इलाकों में बाल विवाह के मामलों में कुछ कमी आई है। राज्य के स्तर पर भी बाल विवाह के मामले कम हुए हैं। क्राई द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है गरीबी, आजीविका के लिए पलायन, शैक्षणिक पिछड़ापन, पुराने रीति रिवाज के चलते बेटियों को आर्थिक बोझ के तौर पर देखा जाता है। इसीलिए अभिभावक बेटियों का जल्द से जल्द विवाह करना चाहते हैं। लड़कियां किसी से प्रेम विवाह को लेकर भी अभिभावक डरे हुए रहते हैं। लेकिन लोगों के बीच अब धीरे-धीरे जागरूकता बढ़ रही है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ सर्वेक्षण 4 और 5 के तुलनात्मक अध्ययन से पता चलता है कि राज्य में बाल विवाह के मामलों में कमी आ रही है। सर्वे के मुताबिक साल 2015-16 में महाराष्ट्र में 26.3 फीसदी लड़कियों का बाल विवाह हो रहा था जो साल 2019-20 में कम होकर 21.9 हो गया। जबकि इस दौरान लड़कों का बाल विवाह 11.4 से घटकर 10.5 हुआ है। हालांकि कुछ जिले ऐसे भी हैं जहां कुछ मामले बढ़े हैं।  आंकड़े बताते हैं कि साल 15-16 के दौरान औरंगाबाद में बाल विवाह के मामले 46.2 फीसदी थे जो साल 19-20 में घटकर 35.8 फीसदी हुए हैं। अहमदनगर में भी बाल विवाह के मामले 39 से घटकर 26.9 फीसदी हुए हैं। लातूर, मुंबई, पुणे जिलों में भी बाल विवाह के मामलों में कुछ कमी आई है लेकिन गढचिरोली, नंदुरबार, उस्मानाबाद जिलों में बाल विवाह के मामले बढ़े हैं।  क्राई-वेस्ट के क्षेत्रीय निदेशक क्रिएन रबाडी ने बताया कि बाल विवाह रोकने के लिए संगठन लगातार कदम उठा रहा है। इसी के तहत प्रभावित क्षेत्रों में जागरुकता के लिए लड़के, लड़कियों के साथ बैठक की जाती है। पुलिस, शिक्षकों और अभिभावकों को भी साथ लाकर विचार विमर्श किया जाता है। गांव वालों से संपर्क बढ़ाने के लिए क्राई की टीम साप्ताहिक बाजारों में लोगों से मेल जोल बढ़ाती है। स्थानीय भाषाओं में लोगों को बाल विवाह के दुष्परिणामों के बारे में जानकारी दी जाती है। रबाडी ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने भी बाल विवाह पर अंकुश लगाने के लिए नियमों में संशोधन किया है जो स्वागत योग्य कदम है। इसके अलावा लगातार जागरूकता अभियान चलाने से लड़कियां अपने अधिकारों को लेकर ज्यादा सजग हो रहीं हैं और वे बाल विवाह से इनकार कर रहीं हैं। 
कम हो रहे बाल विवाह

जिला                  2019-20          2015-16              

अहमदनगर            26.9                  39   
औरंगाबाद             35.8                46.2
गडचिरोली             10.1                 8.8
लातूर                    31                   37.1
मुंबई                     4.5                  10.3
नंदुरबार                 24                   22.9
उस्मानाबाद           36.6                 31.1
पुणे                       24                   24.5
 

Created On :   13 Nov 2022 9:28 PM IST

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