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खरीद-फरोख्त करने वाला गिरोह गिरफ्तार, अमीरों को बेचते थे गरीबों के बच्चे
डिजिटल डेस्क, मुंबई। अपराध शाखा ने बच्चों की खरीद फरोख्त से जुड़े एक गिरोह का पर्दाफाश करते हुए सात महिलाओं समेत नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों में एक डॉक्टर, एक नर्स और एक लैब टेक्नीशियन है। छानबीन में खुलासा हुआ है कि आरोपी पिछले छह सालों से इस काम में लिप्त थे। आरोपी बच्चे की असली मां को 60 हजार से डेढ़ लाख रुपए देते थे जबकि खरीदने वालों से ढाई से तीन लाख रुपए में सौदा करते थे।
गिरफ्तार 58 वर्षीय डॉक्टर का नाम धनंजय बोगे है। बोगे बीएचएमएस डॉक्टर है और उसका लोअर परेल में क्लीनिक है। इसके अलावा गीतांजली गायकवाड नाम की नर्स और आरती सिंह नाम की लैब टेक्नीशियन को भी गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार आरोपियों को सोमवार को कोर्ट में पेश किया गया जहां से उन्हें 21 जनवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। दरअसल अपराध शाखा को इस गिरोह के बारे में गुप्त सूचना मिली थी कि मुंबई में रहने वाली रुख्सर शेख नाम की एक महिला ने अपने दो बच्चों को तीन महिला एजेंटों की मदद से मुंबई और पुणे में बेंचा हैं। इसके बाद पुलिस ने रुपाली वर्मा, निशा अहिरे और हिना खान नाम के तीन बिचौलियों को दबोचा। इसके बाद संजय पदम और शाहजहां जोगिलकर नाम के आरोपियों पर भी शिकंजा कसा गया। बच्चे बेचने वाली महिला ने स्वीकार किया कि
लड़की की कीमत 60 हजार, लड़के की डेढ़ लाख
उसने अपनी बेटी 60 हजार में जबकि बेटा डेढ़ लाख रुपए में बेंचा था। पुलिस के मुताबिक आरोपी झुग्गी बस्तियों में रहने वाली गर्भवती महिलाओं पर नजर रखते थे और उनसे सौदा करते थे। इसके बाद उन लोगों से संपर्क किया जाता था जिन्हें बच्चे नहीं हो रहे हैं और वे बच्चे गोंद लेने के लिए लालायित हैं। बच्चा गोंद लेने की प्रक्रिया बेहद पेंचीदा और मुश्किलों भरी है इसलिए अभिभावक पैसे देकर बच्चे खरीद लेते थे। आरोपियों ने कितने बच्चों का सौदा किया है, पुलिस इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है। गिरफ्तार आरोपियों को सोमवार को कोर्ट में पेशी के बाद पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।
Created On :   18 Jan 2021 7:24 PM IST