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शहडोल के हॉस्टलों में बच्चोंं को मिलेगा घर जैसा माहौल
डिजिटल डेस्क,शहडोल। घर से दूर रहने वाले बच्चों को घर की कमी महसूस न हो इसके लिए ट्रायबल विभाग अंतर्गत संभाग के सभी 300 आश्रमों व हॉस्टलों में बच्चों को घरेलू परिवेश दिए जाने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए उनकी खान-पान और खेलकूद की गतिविधियों की ओर ध्यान दिया जा रहा है। भोजन को रुचिपूर्ण तथा स्वास्थ्यवर्धक बनाने के लिए किचन गार्डन विकसित किया जा रहा है। साथ ही खेलकूद की सुविधाओं के लिए छोटे-छोटे मैदान और वाटिका भी तैयार कराई जा रही है।
गौरतलब है कि अधिकांश आश्रम व हॉस्टल 50 सीटर हैं। जिनमें प्रायमरी से लेकर कॉलेज स्तर तक के आदिवासी व निर्धन बच्चे रहते हैं। इन हॉस्टलों में अभी तक न तो बच्चों के लिए खेलकूद की सुविधा थी और न वाटिका। सभी हास्टलों में बच्चों के टॉयलेट की सफाई व परिसर की सफाई करने के लिए आउटसोर्सिंग सिस्टम चालू करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा बच्चों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कराने और उनका हेल्थ कार्ड बनवाया जाएगा। ताकि समय रहते उनकी बीमारियों का पता चल सके और त्वरित ढंग से उनका इलाज किया जा सके।
इसके अलावा यहां समय-समय पर सांस्कृति गतिविधियां भी आयोजित की जाएंगी, जिसमें बच्चे नृत्य-गान व अन्य कलात्मक गतिविधियां कर सकेंगे। उपायुक्त के निर्देश के परिपालन से 10 हजार से भी अधिक बच्चों को लाभ मिलेगा। किचन गार्डन के लिए स्थल की साफ-सफाई कर क्यारियां बनाई जा रही हैं। ताकि उनमें निर्धारित दूरियों पर सब्जियां लगाई जा सके और बच्चों को भोजन के साथ ताजी सब्जियों का आहार मिल सके। इसका उद्देश्य बच्चों के खानपान का स्तर सुधारना है। यहां हरी सब्जियां व टमाटर आदि लगाए जाएंगे तथा गोबर व कंपोस्ट खाद व काली मिट्टी का उपयोग किया जाएगा। मेंस व्यवस्था की ओर भी ध्यान दिया जा रहा है। रसोई की साफ-सफाई, भोजन का समय और सामग्री मीनू के साथ निर्धारित की गई है।
इस संबंध में उपायुक्त जेपी सर्वटे ने कहा कि बच्चे अपने घर से दूर रहते हैं इसलिए उनका समुचित ध्यान रखा जाना चाहिए। बच्चों के लिए प्रत्येक हॉस्टल में खेलने के लिए मैदान तैयार किए जा रहे हैं ताकि बच्चे शाम को खेलकूद कर अपना स्वस्थ मनोरंजन कर सकें।
Created On :   30 Aug 2017 12:15 PM IST