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सीएम हेल्पलाइन : लापरवाह अधिकारियों पर नहीं हुई अनुशासनात्मक कार्रवाई
डिजिटल डेस्क, शहडोल। तमाम सख्ती के बाद भी CM हेल्पलाइन की शिकायतों को अधिकारी गंभीरता से नहीं लेते हैं। कलेक्टर हर बैठक में विभागीय अफसरों को चेताते हैं। कमिश्नर शिकायतें के जल्द से जल्द निराकरण के लिए निर्देश देते रहते हैं। विभागीय अधिकारी भी समय-समय पर इसकी समीक्षा करते हैं। इसके बावजूद शिकायतों का निराकरण नहीं हो पा रहा है। आज की स्थिति में विभिन्न विभागों की 1792 शिकायतें पेंडिंग हैं। कलेक्टर कार्यालय में बुधवार को हुई कलेक्टर कांफ्रेंस में कमिश्नर को एक बार फिर अधिकारियों को CM हेल्पलाइन की शिकायतों का निराकरण प्राथमिकता के आधार पर करने के निर्देश दिए थे।
जिले में सबसे ज्यादा लंबित 318 शिकायतें मरनेगा से संबंधित हैं। इनमें मजदूरी भुगतान प्रमुख है। इसके अलावा संस्थागत वित्त की 245, लीड बैंक संस्थागत वित्त की 183, राजस्व विभाग की 178, पंचायती राज की 117 और वन विभाग की 103 शिकायतें लंबित हैं। ये सभी ऐसे विभाग हैं जो सीधे जन सामान्य से जुड़े हैं। किसी का पेंशन प्रकरण अटका है, किसी को बैंक से लोन नहीं मिल रहा तो किसी का पीएम आवास नहीं बना है। इसके बावजूद अधिकारी इन समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
कुछ अधिकारियों को एक से ज्यादा नोटिस जारी
CM हेल्पलाइन की शिकायतों पर लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ अभी तक सिर्फ नोटिस जारी हुए हैं। किसी भी अधिकारी के खिलाफ किसी तरह की अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं हुई। कुछ अधिकारी तो ऐसे हैं, जिनके खिलाफ एक से ज्यादा बार नोटिस जारी किया जा चुका है। उनके जवाब को कलेक्टर ने संतोषजनक नहीं पाया है। वहीं कुछ अधिकारी तो शिकायतों को देखने के लिए पोर्टल पर लॉगइन तक नहीं करते हैं।
समाधान ऑनलाइन में आई थी शिकायत
समाधान ऑनलाइन में भी पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह CM हेल्पलाइन से संबंधित एक शिकायत आई थी। इसमें आवेदन करने वाली लड़की को कन्यादान योजना के तहत लाभ नहीं मिला था। CM ने इस पर काफी नाराजगी जताई थी। बाद में कमिश्नर ने सीईओ जिला पंचायत उमरिया, उपसंचालक सामाजिक न्याय विभाग उमरिया, सीईओ जनपद पंचायत करकेली और सीईओ जनपद पंचायत जयसिंहनगर को नोटिस जारी किया था।
कमिश्नर के पास भेजी सूची
कलेक्टर की ओर से पिछले दिनों विभिन्न विभाग के दो दर्जन से अधिक अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए कमिश्नर से अनुशंसा की गई थी। इनमें नपा CMO, जनपद पंचायत सीईओ, वनमंडलाधिकारी, इंजीनियर, पुलिस SI समेत विभिन्न विभागों के कर्मचारी और अधिकारी शामिल हैं। ये वही अधिकारी हैं, जो CM हेल्पलाइन की शिकायतों के निराकरण में लगातार लापरवाही बरत रहे हैं। इनको कमिश्नर कार्यालय से नोटिस भी जारी हो गया था, लेकिन अभी तक एक भी अधिकारी या कर्मचारी पर किसी तरह की कर्रवाई नहीं की गई।
Created On :   28 April 2018 2:22 PM IST