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अफसरों का इजराइल दौरा रद्द करने की मांग, मुंडे बोले- मंत्रालय में सीएम वैद्यकीय सहायता निधि कक्ष फिर हो शुरू
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के विधायक धनंजय मुंडे ने राज्य सरकार के सूचना और जनसंपर्क निदेशालय के अफसरों के विदेश दौरे को लेकर आपत्ति जताई है। गुरुवार को मुंडे ने राज्य के मुख्य सचिव अजोय मेहता को पत्र लिखकर सूचना और जनसंपर्क निदेशालय के अफसरों के इजराइल के दौरे को रद्द करने की मांग की है। मुंडे ने कहा कि प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता है। राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है। बेमौसम बारिश के कारण किसान परेशान है। राज्य सरकार की आर्थिक स्थिति बदहाल है। ऐसी स्थिति में सूचना और जनसंपर्क निदेशालय के 2 निदेशक व 5 वरिष्ठ अधिकारी अध्ययन दौरे के लिए इजराइल दौरे पर जा रहे हैं। मुंडे ने कहा कि अध्ययन दौरे में नियमों को ताक पर रखते हुए ऐसे अधिकारियों को शामिल किया गया है जिनके खिलाफ अदालत में मामला प्रलंबित है। मुंडे ने कहा कि किसानों की गंभीर स्थिति को देखते हुए अधिकारियों का विदेश दौरा रद्द किया जाना चाहिए। वहीं सूचना और जनसंपर्क निदेशालय के अधिकारियों के बीच भी विदेश दौरे को लेकर नाराजगी है। उनका कहना है कि विदेश दौरे में उन्हीं अधिकारियों के नाम शामिल किए गए हैं जो बार-बार अध्ययन दौरे पर जाते रहे हैं।
मंत्रालय में मुख्यमंत्री वैद्यकीय सहायता निधि कक्ष फिर से शुरू हो
इसके अलावा प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू होने के कारण मंत्रालय में स्थित मुख्यमंत्री वैद्यकीय (चिकित्सा) सहायता निधि कक्ष बंद होने से मरीजों के परिजन बेहाल हो गए हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के विधायक धनंजय मुंडे ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुख्यमंत्री वैद्यकीय सहायता निधि कक्ष को दोबारा शुरू करने की मांग की है। इस संबंध में गुरुवार को मुंडे ने राज्यपाल को पत्र भी लिखा है। मुंडे ने राज्यपाल से इस मामले का संज्ञान लेने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति शासन लागू होने से प्रशासन के कामकाज की जिम्मेदारी राज्यपाल के पास है। इसलिए राज्यपाल मुख्यमंत्री वैद्यकीय सहायता निधि कक्ष को दोबारा शुरू करने की अनुमति दें। इधर, राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र के अनुसार मंत्रालय में 6 वीं मंजिल पर स्थित मुख्यमंत्री वैद्यकीय सहायता निधि कक्ष को बंद कर दिया गया है। लेकिन मरीजों के परिजनों को बंद होने की जानकारी नहीं है। इस कारण राज्य भर से कई मरीजों के परिजन आर्थिक मदद की मांग के लिए मंत्रालय पहुंच रहे हैं। पर मंत्रालय में कक्ष बंद होने के कारण उनकी परेशानी को सुनने वाला कोई अधिकारी नहीं है। इससे मरीजों के परिजनों को बिना मदद के वापस लौटना पड़ रहा है। राज्य में एक लाख रुपए तक की वार्षिक आय वाले परिवार के मरीजों को ह्दयरोग, किडनी ट्रांसप्लांट, कैंसर जैसे रोगों के इलाज के लिए मुख्यमंत्री वैद्यकीय सहायता निधि कक्ष के माध्यम से आर्थिक मदद की जाती है।
Created On :   14 Nov 2019 10:32 PM IST