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बीजेपी के पाले में गेंद, सीएम बोले - विपक्ष मेट्रो कारशेड जमीन विवाद सुलझाए, मैं भाजपा को श्रेय देने को तैयार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुंबई मेट्रो-3 परियोजना के लिए कांजुरमार्ग की कारशेड की जमीन के मालिकाना हक को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार में जारी खींचतान के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बातचीत के जरिए विवाद सुलझाने की पहल की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष कारशेड जमीन विवाद का समाधान करे। मैं भाजपा को श्रेय देने के लिए तैयार हूं। उन्होंने भाजपा से विवाद खत्म करने का आह्वान किया। रविवार को सोशल मीडिया के जरिए मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि कांजुरमार्ग की कारशेड की खार जमीन (सॉल्ट लैंड) के मालिकाना हक का दावा करते हुए केंद्र सरकार अदालत में गई है। इस जमीन के राज्य सरकार के पास भी दस्तावेज हैं। केवल विवाद है तो जमीन छोड़ दें क्या? फिर यह जमीन बिल्डर की जेब में चली जाएगी। इससे अच्छा है कि केंद्र और राज्य सरकार ने मिलकर जमीन विवाद का निपटारा किया तो इसका इस्तेमाल परियोजना के लिए हो सकेगा। इसलिए विपक्ष चर्चा के लिए आएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कारशेड का मामला मेरे लिए अहंकार का मुद्दा नहीं है विपक्ष के लिए भी यह अहंकार का विषय नहीं होना चाहिए। कारशेड की जमीन को लेकर जो विवाद चल रहा है वो प्रदेश के हित के लिए नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आरे कॉलोनी में मेट्रो की केवल एक लाइन के लिए कारशेड बनाने हेतु 30 हेक्टेयर की जमीन लगी गई थी। इसमें से 25 हेक्टेयर पर कारशेड प्रस्तावित था। लेकिन भविष्य में जरूरत पड़ने बाकी 5 हेक्टेयर जगह कारशेड के लिए उपयोग करना पड़ेगा। फिलहाल यहां पर जंगल है। इससे जंगल खत्म हो जाएगा। लेकिन महाविकास आघाड़ी सरकार ने जंगल को बचाया है। सरकार ने आरे कॉलोनी के बजाय कांजुरमार्ग में कारेशड बनाने का फैसला किया। कांजुरमार्ग में 40 हेक्टेयर जमीन है। यहां पर एक साथ मेट्रो की तीन परियोजनाओं के लिए कारशेड का निर्माण किया जा सकेगा। यदि कांजुरमार्ग में कारशेड बनाया गया तो अगले 50 से 100 साल तक इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा।
अब राज्य की जनता फैसला बताएं कि सरकार जो कर रही है कि अहंकार है अथवा उपयोगी है। मैं मुख्यमंत्री के रूप में राज्य की जनता के लिए वही फैसला करूंगा जो कि अगले 50 से 100 सालों तक उपयुक्त होगा। लेकिन दुर्भाग्य है कि जमीन पर दावा करते हुए केंद्र सरकार अदालत में चली गई। केंद्र सरकार अदालत में गई। आखिर यह खींचतान क्यों करनी है? मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए कि केंद्र सरकार महाराष्ट्र सरकार की परियोजनाओं को रोके और महाराष्ट्र सरकार केंद्र की परियोजनाओं को रोकने का काम करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बांद्रा-कुर्ला कॉप्लेक्स (बीकेसी) की हजारों करोड़ रुपए की जमीन बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए दी गई। इस परियोजना के तहत बनने वाले इंटरनेशनल फाइनेंशियल सेंटर दूसरे राज्य में चला गया लेकिन हमने उस पर हंगामा नहीं किया। इससे पहले पिछले बुधवार को बाम्बे होईकोर्ट ने मेट्रो कारशेड बनाने के लिए कांजुर मार्ग में 102 एकड़ जमीन आवंटन के मुंबई उपनगर के जिलाधिकारी के आदेश पर रोक लगा दिया था।
श्रेय लेने के लिए काम करना भाजपा का स्वभाव नहीं- फडणवीस
मुख्यमंत्री के बयान पर विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने जवाब दिया। फडणवीस ने कहा कि सवाल श्रेय लेने का नहीं बल्कि मुंबईवासियों की सुख-सुविधाओं का है। श्रेय के लिए काम करना भाजपा का स्वभाव नहीं है। फडणवीस ने कहा कि भविष्य में कारशेड के लिए कोई अतिरिक्त जगह की जरूरत नहीं पड़ेगी। फिर भी भ्रम क्यों फैलाया जा रहा है। फडणवीस ने कहा कि कांजुरमार्ग में कारशेड बनाना है तो भी आरे कॉलोनी में निर्माण कार्य करना पड़ेगा। यह बात क्यों छिपाई जा रही है। फडणवीस ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अब भी महाविकास आघाड़ी सरकार की उच्चाधिकार समिति की रिपोर्ट को पूरा नहीं पढ़ा है। मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सार्वजनिक करना चाहिए। फडणवीस ने कहा कि मुख्यमंत्री से हाथ जोड़कर आग्रह है कि वे इस मामले को प्रतिष्ठा का मुद्दा न बनाए।
Created On :   20 Dec 2020 7:37 PM IST