- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- विपक्ष के हंगामे के साथ शुरू हुआ...
विपक्ष के हंगामे के साथ शुरू हुआ शीत सत्र, कृषि कानून पर कार्यवाही रुकी, धनगर आरक्षण के लिए प्रदर्शन
डिजिटल डेस्क, मुंबई। विपक्ष के भारी हंगामे के बीच महाराष्ट्र विधानमंडल के शीतकालीन अधिवेशन की शुरुआत सोमवार को हुई। विधानमंडल के दोनों सदनों का कामकाज शुरू होने से पहले विपक्ष ने विधान भवन की सीढ़ियों पर मराठा आरक्षण समेत अन्य मुद्दों पर प्रदर्शन किया। विपक्ष के विधायकों ने सरकार के खिलाफ जोरदार घोषणाबाजी की। विपक्षी विधायकों ने मराठा आरक्षण, ओबीसी आरक्षण, बिजली बिल माफी, अधिवेशन की अवधि बढ़ाने समेत कई मुद्दों को उठाया। इसके बाद विधान सभा का कामकाज शुरू होने पर अमरावती के निर्दलीय सदस्य रवि राणा सदन में बैनर पहनकर पहुंच गए। इस बैनर में लिखा हुआ था कि ठाकरे सरकार किसान विरोधी है। विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले के आसन के सामने पहुंचे रवि राणा को देखकर सत्तापक्ष के विधायक नाराज हो गए। संसदीय कार्यमंत्री अनिल परब में राणा को निलंबित किए जाने की मांग की। इस मुद्दे पर सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्य आमने सामने आ गए। राणा जो बैनर पहनकर आए थे उसमें लिखा हुआ था कि किसानों की मौत ही राज्य सरकार की नीति है। उद्धव आपकी सरकार अजीब है। राणा की पोशाक देखकर विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले भी नाराज हो गए उन्होंने राणा को तुरंत सदन से बाहर जाने का निर्देश दिया। राणा के बचाव में उतरे विधानसभा में विरोधी पक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राणा ने जो किया वह ठीक नहीं लेकिन उन्होंने जो मुद्दे उठाए उस पर विचार किया जाना चाहिए राज्य के किसानों के साथ न्याय होना चाहिए। विधानसभा से बाहर जाते-जाते राणा ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी जारी रखी। इसके बाद नाना पटोले ने गेट पर खड़े मार्शल को निर्देश दिए कि अगर इस तरह के परिधान में कोई अंदर आ रहा हो तो उसे गेट पर ही रोक दें।
केंद्र के कृषि कानून पर विधान परिषद में कार्यवाही रुकी
विधान परिषद में शेकाप के सदस्य जयंत पाटील की ओर से केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों का मुद्दा उठाए जाने पर विपक्ष ने सदन में भारी हंगामा किया। पाटील सदन में बोल ही रहे थे कि विपक्ष के सदस्यों ने वेल में आकर मराठा आरक्षण का मुद्दा उठाया। विपक्ष के शोरशराबे के बीच सभापति रामराजे नाईक-निंबालकर ने सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले पाटील ने कहा कि देश में किसानों का आंदोलन चल रहा है। केंद्र सरकार का कृषि कानून किसान विरोधी है। कृषि संबंधी कानून बनाने का अधिकार राज्य सरकार को है। राज्य सरकार ने किसानों के आंदोलन को समर्थन घोषित किया है। इसलिए राज्य सरकार को पंजाब और झत्तीसगढ़ सरकार की तर्ज पर केंद्र के कृषि कानून को रद्द करने के लिए सदन में प्रस्ताव पेश करना चाहिए। साथ ही सरकार को राज्य के लिए नया कानून बनाना चाहिए। जिस पर संसदीय कार्य मंत्री अनिल परब ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से चर्चा के बाद सरकार अपनी भूमिका स्पष्ट करेगी। वहीं सदन में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर ने मराठा आरक्षण के मुद्दे को उठाया। दरेकर ने सदन में मराठा आरक्षण पर चर्चा करने की मांग की। उन्होंने कहा कि मराठा समाज के 2185 उम्मीदवारों को नियुक्त करने का फैसला किया गया है लेकिन इन लोगों को अभी तक सेवा में शामिल नहीं किया गया है। दरेकर ने कहा कि आपदा प्रभावित कसानों, ओबीसी आरक्षण समेत कई मुद्दों पर चर्चा के लिए सदन में पर्याप्त समय मिलना चाहिए। इसके लिए दो दिवसीय अधिवेशन की अवधि बढ़ाई जानी चाहिए। इसी बीच संसदीय कार्य मंत्री अनिल परब ने कहा कि विपक्ष अभी इस मुद्दे को नहीं उठा सकता है। इसके बाद सभापति ने कहा कि विपक्ष पूरक मांगों पर चर्चा के दौरान इन मुद्दों को उठाया सकता है। इस पर सरकार अपनी ओर से जवाब देगी।
इधर, विधान भवन परिसर में पत्रकारों से बातचीत में उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि मराठा आरक्षण का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में प्रलंबित है। ऐसे में राज्य सरकार के सामने यह मुद्दा उठाया जा सकता है क्या? उपमुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा बचा नहीं है। विधान परिषद की पांच सीटों के चुनाव में भाजपा की करारी हार हुई है। इसलिए जनता का ध्यान भटकाने के लिए इस तरीके से हंगामा कर रही है। वहीं प्रदेश के पीडब्लूडी मंत्री तथा मराठा आरक्षण उपसमिति के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने विधानभवन में पत्रकारों से बातचीत में कहा विपक्ष केवल राजनीतिक के लिए मराठा और ओबीसी आरक्षण जैसे समाजिक मुद्दे का इस्तेमाल कर रहा है। मराठा आरक्षण के विधेयक को पारित कराते समय तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि आरक्षण कानून की कसौटी पर खरा उतरेगा। लेकिन फडणवीस के इस बयान के बाद भी सुप्रीम कोर्ट में यह मामला चल रहा है। तो हम क्या समझे कि उस समय फडणवीस ने गलती की थी? चव्हाण ने कहा कि सरकार मराठा आरक्षण को लेकर सरकार गंभीर है। सरकार अदालत में मजबूती से मराठा आरक्षण की लड़ाई लड़ रही है।
वहीं विधान भवन परिसर में पत्रकारों से बातचीत में विधान सभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सरकार मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन करने वाले लोगों के घर में घुसकर मार रही है। इसी बीच फडणवीस ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार की गई आलोचना पर जवाबी हमला बोला। फडणवीस ने कहा कि पहले मुख्यमंत्री बताएं कि उन्होंने महाराष्ट्र में किया दिया लगाया है? मुख्यमंत्री दिल्ली, अमेरिका और रशिया के बारे में बोल रहे हैं लेकिन उन्हें पहले महाराष्ट्र के किसानों के बारे में बोलना चाहिए। दिल्ली में तो किसानों के आंदोलन पर किसी ने रोक नहीं लगाई है।
धनगर आरक्षण के लिए पडलकर का प्रदर्शन
विधान परिषद में भाजपा सदस्य गोपीचंद पडलकर धनगर आरक्षण की मांग को लेकर विधानभवन परिसर में धनगर समाज की पारंपारिक वेशभूषा पहनकर आए थे। पडलकर अपनी वेशभूषा के साथ पोस्टर लेकर विधान भवन में प्रवेश करना चाह रहे थे लेकिन सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें प्रवेश नहीं दिया। इससे नाराज पडलकर भाजपा समर्थित विधान परिषद सदस्य सदाभाऊ खोत के साथ प्रवेश द्वार पर ही जमीन पर बैठ गए। जिसके बाद विधानमंडल के सचिव राजेंद्र भागवत ने उन्हें समझाया। फिर पडलकर और खोत ने विधान भवन में प्रवेश किया।
तालिका सभापति और अध्यक्ष की नियुक्ति
विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के लिए विधान परिषद में तालिका सभापति के रूप में भाजपा सदस्य प्रसाद लाड, राकांपा सदस्य सतीश चव्हाण, शिवसेना सदस्य गोपीकिशन बाजोरिया और कांग्रेस सदस्य सुधीर तांबे की नियुक्ति की गई है। सोमवार को विधान परिषद के सभापति रामराजे नाईक निंबालकर ने सदन में यह घोषणा की। जबकि विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने विधानसभा के तालिका अध्यक्ष पद पर चार सदस्यों को नियुक्ति किया है। सदन में भाजपा सदस्य कालीदास कोलंबकर, शिवसेना सदस्य संजय शिरसाट, राकांपा सदस्य अशोक पवार, कांग्रेस सदस्य संग्राम थोपटे को तालिका अध्यक्ष बनाया गया है।
निधन के बाद पूर्व विधानसभा सदस्यों के परिजनों को सौंपा जाएगा स्मृतिपत्र
विधानसभा सदस्यों के निधन के बाद विधानसभा में शोक प्रस्ताव पास कर उसकी प्रति परिवार को भेजी जाती है। लेकिन अब शोक प्रस्ताव के साथ उनके कामों का उल्लेख करने वाला स्मृतिपत्र भी मृतक के परिजन को सौंपा जाएगा। स्मृतिपत्र सौंपने स्थानीय विधायक के साथ स्थानीय तहसीलदार भी मिलकर परिवार को सांत्वना देंगे। सोमवार को पेश शोक प्रस्ताव पास होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने यह नई परंपरा शुरू करने के निर्देश दिए। इससे पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विधानसभा के सदस्य रह चुके भारत भालके, पूर्व मंत्री विष्णु सावरा, पूर्व मंत्री जावेद इकबाल खान, पूर्व राज्य मंत्री विनायकराव पाटील, पूर्व विधानसभा सदस्य सरदार तारासिंह, अनंतराव देवसरकर, नरसिंगराव घारफलकर, नारायण पाटील, किसनराव खोपडे, सुरेश गोरे और डॉ जगन्नाथ ढोणे के निधन पर शोक प्रस्ताव रखते हुए दिवंगत पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि दी। विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, नगरविकास मंत्री एकनाथ शिंदे, राजस्वमंत्री बालासाहेब थोरात समेत कई सदस्यों ने मृतकों को श्रद्धांजलि देते हुए उनके साथ अपनी यादें साझा कीं।
विधान परिषद में भी श्रद्धांजलि
विधान परिषद में बिहार व अरुणाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल तथा सदन के पूर्व सदस्य राम प्रधान, पूर्व राज्य मंत्री तथा सदन के पूर्व सदस्य संदेश कोंडविलकर और सदन के पूर्व सदस्य विनायकराव पाटील के निधन पर शोक प्रस्ताव के जरिए श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस दौरान सदन में सदस्यों ने प्रधान के भारतीय प्रशासनिक सेवा में रहते हुए किए गए महत्वूर्ण कामों को याद किया।
मनपा आयुक्त के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव दाखिल करूंगा - दरेकर
विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर मुंबई मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव दाखिल करेंगे। सोमवार को दरेकर ने विधान भवन परिसर में पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी। दरेकर ने कहा कि मैंने मनपा आयुक्त को कोरोना महामारी के संबंध में सैकड़ों पत्र दिया। इसमें कोरोना संकट से निपटने में हुई घोटाले और कुछ सुझावों का समावेश था। लेकिन चहल ने विपक्ष के नेता के पत्र को दो लाइनों का जवाब देने का सौजन्य भी नहीं दिखाया। वे मेरे पत्रों का जवाब देने के लिए लगातार टालमटोल करते रहे। विपक्ष के नेता के रूप में मुझे मिले अधिकार को न्याय नहीं दिया गया। इसलिए मैं चहल के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव दाखिल करूंगा।
महाविकास आघाड़ी सरकार के गठन में पटेल की भूमिका अहम- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार के गठन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिवंगत अहमद पटेल ने अहम भूमिका निभाई थी। सोमवार को कांग्रेस नेता पटेल के निधन पर यशवंतराव चव्हाण सेंटर में शोक सभा का आयोजन किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार गठन की प्रक्रिया के दौरान उन्होंने मुझे पटेल ने फोन पर कहा था कि आप चिंता मत करिए सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि पटेल ने मंत्री पद के बजाय संगठन को मजबूत करने का काम निस्वार्थ भाव से किया। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि पटेल ने पूरे जीवन भर कांग्रेस संगठन के लिए काम किया। यूपीए सरकार के समय उन्होंने अलग-अलग दलों से तालमेल के साथ काम किया था। कांग्रेस नेता तथा प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के फैसले के बाद महाविकास आघाड़ी सरकार के गठन में पटेल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि पटेल ने जीवन भर परदे के पीछे रहकर अहम योगदान दिया था।
Created On :   14 Dec 2020 9:06 PM IST