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जलस्रोतों का उपयोग सिर्फ पेयजल के लिए, शहडोल जिला पेयजल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित
डिजिटल डेस्क, शहडोल। जिले के तमाम जलस्रोतों का उपयोग अब सिर्फ पेयजल के लिए ही किया जा सकेगा। कलेक्टर ने शहडोल जिले में अल्पवर्षा को दृष्टिगत रखते हुए मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण संशोधित अधिनियम 1986 की धारा 3 के अन्तर्गत सम्पूर्ण जिले को पेयजल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित कर दिया है। अधिनियम की धारा 5 एवं 7 के तहत जल स्त्रोतों का उपयोग पेयजल एवं घरेलू उपयोग के लिए ही किया जा सकेगा।
आदेश में कहा गया है कि पर्याप्त पेयजल आपूर्ति बनाए रखने के लिए किसी भी प्रकार के उपयोग के लिए नलकूप खनन एवं समस्त जल स्त्रोतों का उपयोग आगामी आदेश तक पेयजल के लिए छोड़कर अन्य कार्यों के लिये प्रतिबंधित किया गया है। जिले की सीमा में व्यक्तियों एवं पशुओं के उपयोग के पेयजल स्त्रोतों का सिंचाई या अन्य प्रयोजन के लिए उपयोग पूर्णत: प्रतिबंधित कर दिया गया है। यह प्रतिबंध पीएचई एवं नगरीय क्षेत्र में खनन किए जाने वाले नलकूपों एवं पूर्व से सिंचाई के उपयोग के लिए निर्धारित स्त्रोतों पर लागू नहीं होगा।
आवेदनों का समयसीमा में निराकरण नहीं करते विभाग
लोक सेवा केंद्र से लोगों को तय समय पर सेवाएं नहीं मिल रही हैंं। ऋण पुस्तिका प्राप्त करने के लिए भी लोगों को एक सप्ताह तक चक्कर लगाने पड़ते हैं। वहीं 15 दिन की समय सीमा में होने वाले कार्य भी अधिकारियों की लापरवाही की वजह से एक माह बाद तक नहीं हो पा रहे हैं। कलेक्टर कार्यालय भी इस लेटलतीफी में शामिल हैं।
वार्ड नंबर 5 कोर्ट के पास रहने वाले कमाल खान ने 14 दिसंबर 2018 को लोक सेवा केंद्र के माध्यम से शस्त्र लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए आवेदन दिया था। लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत लोक सेवा केंद्र से इसकी समयसीमा 3 जनवरी तय की गई थी, लेकिन आज तक उनको सर्टिफिकेट प्राप्त नहीं हुआ है। इसी तरह वार्ड नंबर 11 सोहागपुर निवासी रामविशाल मिश्रा ने भी शस्त्र लाइसेंस नवीनीकरण के लिए 20 दिसंबर को आवेदन किया था।
आवेदन के निराकरण के लिए निश्चित की गई समयसीमा की आखिरी तारीख 8 जनवरी थी, लेकिन लगभग एक माह बाद भी उन्हें शस्त्र लाइसेंस नवीनीकरण का प्रमाण पत्र नहीं मिला है। दोनों ही आवेदक रोजाना लोक सेवा केंद्र के चक्कर काट रहे हैं। यहां मौजूद कर्मचारी बता देते हैं अभी तक कलेक्टर कार्यालय से ही कागज नहीं आया है।
Created On :   17 Jan 2019 2:06 PM IST