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कलेक्ट्रेट में किया आत्महत्या का प्रयास - भ्रष्टाचार की जांच नहीं होने पर क्षुब्ध था किसान नेता
डिजिटल डेस्क शहडोल ।कलेक्ट्रेट परिसर में उस समय सनाका खिंच गया जब किसान नेता व ग्राम पंचायत देवगवां के उपसरपंच अरुण तिवारी द्वारा आत्महत्या का प्रयास किया। प्रशासनिक अधिकारियों की गैर मौजूदगी में पुलिस ने उन्हें जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया, जहां उनका आईसीयू में उपचार चल रहा है। किसान परिवार कल्याण संगठन के जिलाध्यक्ष अरुण तिवारी द्वारा विगत सप्ताह ग्राम पंचायत देवगवां में हुए भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच को लेकर कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों को आवदेन देकर आत्मदाह की चेतावनी दी थी। उनके अनुसार निष्पक्ष जांच शुरु नहीं हुई। मंगलवार से कलेक्ट्रेट के समक्ष समर्थकों के साथ अनशन पर बैठ गए। ज्ञापन में उन्होंने अपनी ईहलीला समाप्त करने को कहा था। दूसरे दिन बुधवार की दोपहर वे कलेक्ट्रेट पहुंचे और कलेक्टर आफिस के बगल में स्थित जनसुनवाई कक्ष में किसी ऐसी दवा का सेवन कर लिया, जिससे बेहोशी छा गई। उस समय कलेक्ट्रेट में कोई सक्षम अधिकारी नहीं थे। पत्रकारों द्वारा पुलिस को जानकारी दी गई। टीआई कोतवाली रावेंद्र द्विवेदी पहुंचे और अरुण तिवारी को एम्बुलेंस से ले जाकर जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया। ड्यूटी डॉक्टर वसीम खान द्वारा चेकअप कर आईसीयू में भर्ती कराया गया।
ये है मामला
जनपद पंचायत सोहागपुर के ग्राम पंचायत देवगवां अंतर्गत हुए भ्रष्टाचार की हुई शिकायतों की सही जांच नहीं होने को लेकर किसान नेता अरुण तिवारी द्वारा पूर्व में अनेकों शिकायतें की गईं। जनसुनवाई व अन्य माध्यमों से अनेकों बार शिकायत की गई। पंचायत में शौचालय निर्माण तथा पौधरोपण आदि कार्यों में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। उनका आरोप था कि जांच में पक्षपात हो रहा है।
इनका कहना है
शिकायती आवेदन के बाद जांच के निर्देश दिए थे। जांच रिपोर्ट आने का इंतजार करना चाहिए। जांच में जो भी दोषी होगा बख्शा नहीं जाएगा। नियमानुसार कार्रवाई होगी।
ललित दाहिमा, कलेक्टर
Created On :   19 Sept 2019 2:47 PM IST