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नागपुर के यह कॉलेज स्वच्छता मॉडल के रूप में होंगे विकासीत, ऑफलाइन परीक्षा पर भी विचार
डिजिटल डेस्क, नागपुर। केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत मिशन" के तहत राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज विश्वविद्यालय ने एक बहुप्रत्याशित योजना बनाई है। विवि ने 5 संलग्नित कॉलेजों और एक पीजी विभाग को स्वच्छता मॉडल के रूप में विकासीत करने का निर्णय लिया है। इनमें रामटेक स्थित ताई गोलवलकर कॉलेज, भंडारा का जेएम पटेल कॉलेज, नागपुर का वीएमवी कॉलेज, सेलू का यशवंत कॉलेज और भभूति कॉलेज तथा अमरावती स्थित कैंपस का फिजिक्स पोस्ट ग्रेजुएट विभाग का चयन किया गया है। 2 अक्टूबर 2021 तक इन सभी संस्थानों में स्वच्छता, जल प्रबंधन, ग्रीन एनर्जी, ई-वेस्ट मैनेजेंट जैसे पहलूओं पर काम किया जाएगा। इस आधार पर इन कॉलेजों को राष्ट्रीय रैंकिंग भी मिलेगी। नागपुर विवि ने अपने बजट का 2% इस योजना के लिए तय कर रखा है। यह पायलट प्रोजेक्ट सफल होने के बाद उक्त संस्थानों को अन्य शिक्षा संस्थानों के आगे आदर्श के रूप में रखा जाएगा। विवि प्रकुलगुरु डॉ.संजय दुधे इस मुहिम का नेतृत्व कर रहे हैं। विद्यार्थी विकास विभाग संचालक डॉ.अभय मुद्गल को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। इस स्वच्छता अभियान के तहत नागपुर विवि केंद्र सरकार से बेहतर रैंकिंग और फंडिंग प्राप्त करने का प्रयास करेगा। उल्लेखनीय है कि इस अभियान के तहत न केवल कैंपस को स्वच्छ रखना है, बल्कि विद्यार्थी, शिक्षकों व कर्मचारियों की मदद से स्वच्छता के प्रति जागरुकता भी फैलानी है। इसके लिए कैंप, पोस्टर बैनर, कार्यक्रम, रैली व अन्य प्रकार के उपक्रम भी शुरू किए जाने हैं। वहीं, कैंपस को ग्रीन कैंपस बनाने पर भी जाेर दिया जाएगा। इसमें सौर ऊर्जा के इस्तेमाल से लेकर वेस्ट मैनेजमेंट व अन्य प्रकल्प भी शामिल है। डॉ.संजय दुधे, प्रकुलगुरु विश्वविद्यालय के मुताबिक स्वच्छ भारत अभियान केंद्र सरकार की सराहनीय पहल है, जिसमें नागपुर विवि भी अहम भूमिका निभाने जा रहा है। हम चयनित शिक्षा संस्थानों को स्वच्छता के आदर्श के रूप में स्थापित करके अन्य कॉलेजों और पूरे समाज को स्वच्छता का संदेश देना चाहते हैं। 2 अक्टूबर तक यह प्रोजेक्ट पूरा कर लिया जाएगा।
प्रत्यक्ष कॉलेज शुरू हो तो ऑफलाइन परीक्षा पर विचार
विश्वविद्यालय प्रकुलगुरु डॉ.संजय दुधे ने कहा है कि यदि 31 जनवरी के बाद राज्य सरकार प्रत्यक्ष कॉलेज शुरू करने की अनुमति देती है, तो नागपुर विवि की शीतकालीन परीक्षाएं ऑफलाइन मोड में होगी। इसके लिए नागपुर विश्वविद्यालय की तैयारियां भी चल रही हैं। डॉ.दुधे के अनुसार कॉलेज तो पहले ही ऑनलाइन मोड में विद्यार्थियों की पढ़ाई करा रहे हैं, लेकिन उनकी परीक्षा ऑनलाइन लेनी है या फिर ऑफलाइन यह अभी तक तय नहीं हुआ है। राज्य सरकार के आदेश का इंतजार किया जा रहा है। डॉ.दुधे ने कहा है कि उनकी राय में परीक्षा ऑफलइन ही होनी चाहिए। विवि ने राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार ही ग्रीष्मकालीन परीक्षा ऑनलाइन ली थी, ग्रीष्मकालीन परीक्षा में 99 प्रतिशत से अधिक परिणाम लगने, 100 में 100 अंक मिलने जैसे मामले सामने आए थे। जिसके बाद नागपुर विवि ने इससे सबक लेते हुए एटीकेटी परीक्षा में बदलाव किया था। परीक्षा की जिम्मेदारी कॉलेजों को सौंपी गई थी। ऑनलाइन, ऑफलाइन या मिक्स मोड में यह परीक्षा लेने के निर्देश दिए गए। ऑनलाइन परीक्षा बहुवैकल्पिक प्रश्न, रिक्त स्थान भरें, सही जोड़ी मिलाए, एक वाक्य में उत्तर जैसे पैटर्न पर लेने को कहा गया था। प्रश्नों की कठिनाई भी बढ़ाने का दावा किया गया था।
Created On :   22 Jan 2021 7:12 PM IST