निविदा 70 लाख की, सामान 95 लाख का खरीदा, सीएमओ सहित तीन को नोटिस

Commissioner issue notice for CMO and three in purchase scam
निविदा 70 लाख की, सामान 95 लाख का खरीदा, सीएमओ सहित तीन को नोटिस
निविदा 70 लाख की, सामान 95 लाख का खरीदा, सीएमओ सहित तीन को नोटिस

डिजिटल डेस्क, शहडोल। धनपुरी नगर पालिका में हुए हाईमास्ट लाइट खरीदी घोटाले का जिन्न फिर बाहर निकल आया है। कमिश्नर शोभित जैन ने नगर पालिका की ओर से की गई खरीदी पर सवाल उठाए हैं। सीएमओ सहित तीन अधिकारियों को नोटिस जारी कर कहा गया है कि निविदा जब 70 लाख रुपए की जारी की गई थी, तो 95 लाख रुपए की खरीदी कैसे की गई। 

2016 में हाईमास्ट लाइटों की खरीदी का मामला
धनपुरी नगर पालिका में करीब 3 साल पहले 2016 में हाईमास्ट लाइटों की खरीदी की गई थी। बुधवार को इस मामले में धनपुरी के मुख्य नगर पालिका अधिकारी रविकरण त्रिपाठी, तत्कालीन उपयंत्री (वर्तमान में शहडोल नपा में पदस्थ) विवेक श्रीवास्तव और राजस्व उपनिरीक्षक एवं प्रभारी भंडार लिपिक वृषेश्वर प्रसाद गर्ग को नोटिस जारी किया है। नोटिस में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि सीएमओ फरवरी 2012 से वर्तमान समय तक नगर पालिका धनपुरी में पदस्थ हैं। वहीं राजस्व उप निरीक्षक जुलाई 1986 से अब तक उसी पद पर नगर पालिका परिषद धनपुरी में जमे हैं।

गौरतलब है कि इस मामले की शिकायत प्रदेश के मुख्यमंत्री तक की जा चुकी है। वहीं तीन बार जांच भी हो चुकी है। सबसे पहले संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन विभाग ने जांच की। इसके बाद पिछले वर्ष फरवरी मार्च में तत्कालीन सोहागपुर एसडीएम लोकेश जांगिड़ ने मामले की जांच की। उन्होंने अपने जांच प्रतिवेदन में खरीदी में भ्रष्टाचार की बात कही थी। इसके बाद कमिश्नर के आदेश पर कलेक्टर ने एक अन्य जांच कमेटी बनाई थी। जिसने कलेक्टर से अनुमोदन कराए बिना ही कमिश्नर को जांच रिपोर्ट सौंप दी थी। 

हो सकती है कार्रवाई
नोटिस में कहा गया है कि इस तरह का कृत्य कर्तव्यों के प्रति लापरवाही और स्वेच्छाचारिता को प्रदर्शित करता है। खरीदी प्रक्रिया में मप्र नपा अधिनियम के लेखा नियम 132 (1)(2) का उल्लंघन किया गया है। जो मप्र नगर पालिका अधिनियम की धारा 92 के विपरीत है। नोटिस में तीनों कर्मचारियों को 10 दिनोंं के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है। ऐसा नहीं होने पर मप्र सिविल सेवा नियम 1966 के अंतर्गत अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी। 

खरीदी में नहीं बरती मितव्ययता व पारदर्शिता 
नोटिस में कहा गया है कि केंद्रीय सतर्कता आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार यदि निविदा की राशि में 25 फीसदी से अधिक का व्यय होना होता है तो उस वृद्धि के लिए स्पष्ट कारण का लेख करते हुए  ही क्रय आदेश जारी किया जाना चाहिए। ऐसी स्थिति में निविदा समिति को संबंधित बाजार सामग्री के बाजार मूल्य की खोज के लिए और प्रयास होने चाहिए थे। ताकि क्रय में मितव्ययता, पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सकती, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। 
 

Created On :   25 April 2019 1:46 PM IST

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