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ओबीसी के पिछड़ापन के आंकड़े जुटाने बनेगी कमेटी, वडेट्टीवार का ऐलान
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार ओबीसी के राजनीतिक पिछड़ेपन के आंकड़े जुटाने के लिए राज्य के पूर्व मुख्य सचिव जयंत कुमार बांठिया की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति का गठन करेगी। इस समिति के सदस्यों में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी महेश झगडे, टाटा संस्थान की शालिनी भगत, आईटी विभाग के नरेश गीते और हमीद पटेल शामिल होंगे। गुरुवार को प्रदेश के अन्य पिछड़ा बहुजन कल्याण मंत्री विजय वडेट्टीवार ने विधान परिषद में यह जानकारी दी।
प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर ने राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को ओबीसी के एम्पिरिकल डाटा तैयार करने के लिए पर्याप्त निधि उपलब्ध न करने के संबंध में सवाल पूछा था। इस पर वडेट्टीवार ने राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के तत्कालीन सदस्य सचिव डी डी देशमुख के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सरकार ने ओबीसी के एम्पिरिकल डाटा के लिए देशमुख को दस्तावेज और तथ्य उपलब्ध कराए थे। लेकिन देशमुख ने जानबूझकर उन दस्तावेज को आयोग के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया। वडेट्टीवार ने कहा कि देशमुख ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है। देशमुख का तबादला भी कर दिया गया है। लेकिन मैंने देशमुख के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए राज्य के मुख्य सचिव मनु कुमार श्रीवास्तव को पत्र लिखा है।
इस दौरान वडेट्टीवार ने बताया कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने राज्य में जातिगत जनगणना के लिए 427 करोड़ रुपए मांगे थे। जबकि सरकार ने आयोग को केवल ओबीसी का आंकड़ा जुटाने का काम दिया था। इसलिए सरकार ने निधि उपलब्ध नहीं कराई थी। लेकिन बाद में सरकार ने आयोग को ओबीसी का आंकड़ा जुटाने के काम के लिए लगभग 87 करोड़ रुपए प्रदान किए थे। लेकिन आयोग ने कोई ठोस काम नहीं किया। इस दौरान लोकभारती के सदस्य कपिल पाटील ने कहा कि राज्य सरकार को ओबीसी की जनगणना करानी चाहिए। इसके जवाब में वडेट्टीवार ने कहा कि मैं अकेले ओबीसी की जनगणना के बारे में फैसला नहीं ले सकता हूं। ओबीसी की जनगणना के लिए राज्य मंत्रिमंडल को सामूहिक फैसला करना पड़ेगा।
Created On :   10 March 2022 9:03 PM IST