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कचरा उठाने वाली कंपनी नेताओं के नाम पर कर रही वसूली
डिजिटल डेस्क, नागपुर । नागपुर महानगरपालिका ने हाल ही में कचरा उठाने का ठेका दो कंपनियों को दिया है, लेकिन अब यह कंपनियां नेताओं के नाम पर वसूली करने उतर गई हैं। एजी एन्वॉयरो कंपनी में कार्यरत कुछ कर्मचारी नौकरी लगाने के नाम पर वसूली गिरोह चला रहे हैं। इसमें शहर के एक बड़े नेता के नाम का इस्तेमाल किया जा रहा है। नौकरी मांगने वाले से कहा जा रहा है कि साहब को इतनी-इतनी रकम देनी पड़ती है। जब इसका पता चला तो राकांपा उत्तर नागपुर विभाग के अध्यक्ष विशाल खांडेकर के नेतृत्व में पदाधिकारियों ने जाल बिछाकर बुधवार को उसे रंगेहाथ पकड़ा और एमआईडीसी पुलिस स्टेशन के निरीक्षक हेमंत खराबे के सामने पेश किया। खबर लिखे जाने तक पुलिस स्टेशन में उनके बयान दर्ज किए जा रहे थे। पीआई खराबे ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि कुछ लोगों को थाने लाया गया है। उनके बयान दर्ज किए जा रहे हैं।
कंपनी के कुछ कर्मचारी शामिल
शहर का कचरा उठाने का ठेका मनपा ने एजी एन्वॉयरो और बीवीजी कंपनी को दिया है। पिछले काफी समय से कनक कंपनी के कर्मचारियों को नई कंपनियों में समायोजित करने की मांग की जा रही है। कुछ को शामिल किया गया, कुछ अभी भी अधर में हैं। नई कंपनियां होने से नौकरी मांगने वालों की संख्या भी बढ़ी है। ऐसे में पता चला कि कंपनी के कुछ कर्मचारी गिरोह बनाकर वसूली कर रहे हैं। राकांपा पदाधिकारी रोशन भिमटे बेरोजगार बनकर एजी एन्वॉयरो कंपनी के कर्मचारी रवि डोंगरे नामक व्यक्ति के पास पहुंचा। डोंगरे ने उसके सामने ड्राइवर के लिए एक लाख और कर्मचारी के लिए 70 हजार रुपए देने की मांग रखी और कहा कि इसमें से बड़ा हिस्सा शहर के एक बड़े नेता को दिया जाता है।
रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा
रोशन भिमटे ने सारा किस्सा पार्टी के नेताओं को बताया, जिसके बाद विशाल खांडेकर के नेतृत्व में इसकी शिकायत पुलिस आयुक्त, एसीबी और क्राइम ब्रांच से की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में नेताओं ने खुद इसका पर्दाफाश करने की योजना बनाई। योजना अनुसार रोशन भिमटे ने पैसे देने की सहमति जताई। 15 दिन पहले बात तय हुई। आखिरकार रवि डोंगरे ने बुधवार को दोपहर 3 बजे दिघोरी के पास उसे बुलाया। 5 बजे वह पहुंचा।
दिघोरी से वह जयताला की तरफ ले गया। उनका पीछा करते हुए विशाल खांडेकर व अन्य पदाधिकारी भी पहुंचे। वहां डोंगरे के साथ और दो लोग जुड़ गए। जयताला की एक शांत जगह पर रोशन भिमटे को ले जाकर उसे रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने और पैसे देने को कहा गया। इसी दौरान विशाल खांडेकर सहित अन्य पदाधिकारियों ने तीनों कर्मचारियों को पकड़ लिया। उसमें से एक भागने में कामयाब हो गया। दो कर्मचारियों को पकड़कर एमआईडीसी पुलिस के हवाले किया गया। खांडेकर की शिकायत पर पुलिस ने शिकायत ले कर आरोपियों के बयान दर्ज करने शुरू किए थे।
Created On :   30 Jan 2020 12:00 PM IST