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सरकारी आदिवासी आश्रमशालाओं में ठेके पर नियुक्त किए जाएंगे कम्प्यूटर शिक्षक

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के सरकारी आदिवासी आश्रमशालाओं में ठेके पर कम्प्यूटर शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। इन शिक्षकों को कक्षा 5 वीं से 12 वीं तक के विद्यार्थियों को कम्प्यूटर की शिक्षा देनी होगी। इसके लिए आगामी समय में सभी आश्रमशालाओं में आधुनिक कम्प्यूटर कक्ष बनाए जाएंगे। कम्प्यूटर शिक्षकों को प्रति महीने 20 हजार रुपए मानधन मिलेगा। राज्य सरकार के आदिवासी विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है। इसके अनुसार कम्प्यूटर शिक्षक पद पर नियुक्ति ठेके पद्धति पर होगी। नियुक्त कम्प्यूटर शिक्षक को सरकारी कर्मचारी के रूप में नहीं गिना जाएगी। पहली बार कम्प्यूटर शिक्षकों की नियुक्ति 11 महीने के लिए होगी। समाधानकारक सेवा देने के बाद 11 महीने बाद करार की अवधि बढ़ाई जाएगी। लेकिन यह अवधि भी 11 महीने से अधिक नहीं होगी। अधिकतम दो बार सेवा की अवधि बढ़ाई जा सकेगी। इसके बाद संबंधित कम्प्यूटर शिक्षक की दोबारा नियुक्ति करना आवश्यक होगा। सरकार ने स्पष्ट किया है कि कम्प्यूटर शिक्षकों को कभी भी बिना कारण बताए सेवा से निकाला जा सकता है।
कम्प्यूटर शिक्षकों को ई-लर्निंग पद्धति से विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों को तकनीकी मदद भी करनी होगी। आश्रमशाला के कार्यालयीन काम के लिए कम्प्यूटर से संबंधित काम के लिए तकनीकी मदद करनी होगी। कम्प्यूटर कक्ष के इस्तेमाल पर निगरानी रखनी होगी। कम्प्यूटर शिक्षक पद के लिए न्यूनतम शैक्षणिक पात्रता बीएससी कम्प्यूटर साइंस और आईटी, बीसीए, बीई (कम्प्यूटर), बीटेक कम्प्यूटर जैसी डिग्री होगी। इसके अलावा उच्च शिक्षित एमसीए, एमएससी इन कंप्यूटर साइंस या आईटी व अनुभवी उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाएगी। छात्राओं के आश्रमशालाओं के लिए महिला कम्प्यूटर शिक्षका का चयन किया जाएगा। चयन प्रक्रिया में जिले के स्थानीय उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाएगी। सरकारी आश्रमशालाओं के लिए कम्प्यूटर शिक्षकों की नियुक्ति के लिए हर जिले में समिति गठित की जाएगी। एकात्मिक आदिवासी विकास परियोजना कार्यालय के जिले के जिलाधिकारी या अतिरिक्त जिलाधिकारी समिति के अध्यक्ष होंगे। समिति के सदस्य के रूप में जिले के माध्यमिक शिक्षाधिकारी और सरकारी पॉलिटेक्निक या इंजीनियरिंग महाविद्यालय के कम्प्यूटर विभाग प्रमुख को शामिल किया जाएगा। एकात्मिक आदिवासी विकास परियोजना के परियोजना अधिकारी सदस्य सचिव के रूप में काम करेंगे।
सरकार का कहना है कि 21 वीं सदी की चुनौतियों का समर्थ रूप से मुकाबला करने के लिए कम्प्यूटर के ज्ञान को अत्यंत जरूरत है। इसलिए कम्प्यूटर आधारित शिक्षा समय की जरूरत बन गई है। आश्रमशालाओं के विद्यार्थियों को कम्प्यूटर का ज्ञान देना जरूरी है, लेकिन आश्रमशालाओं में कम्प्यूटर शिक्षक के पद मंजूर न होने से विद्यार्थियों को कम्प्यूटर के ज्ञान से वंचित रहना पड़ता है। इसके मद्देनजर आदिवासी आश्रमशालाओं में अस्थायी कम्प्यूटर शिक्षकों नियुक्ति करने का फैसला किया गया है।
Created On :   16 Dec 2018 11:56 PM IST