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सुप्रीम कोर्ट का महाराष्ट्र चुनाव आयोग को निर्देश, जहां कम बारिश होती है वहां निर्धारित समय में कराए चुनाव
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र में मानसून के बाद दो-तीन चरणों में स्थानीय निकाय चुनाव कराने संबंधी दायर हलफनामें पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राज्य चुनाव आयोग को निर्देश दिए है कि जहां बाढ़ जैसी स्थिति रहती है वहां मानसून के बाद और जहां बारिश कम होती है वहां निर्धारित समय पर चुनाव कराए जाए। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद मराठवाडा और विदर्भ में निकाय चुनाव तय समय में कराने का रास्ता साफ हो गया है। जबकि कोकण और मुंबई में चुनाव मानसून के बाद होंगे। गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने बीते बुधवार को राज्य चुनाव आयोग को अगले दो हफ्ते में स्थानीय निकायों के लंबित चुनावों की तारीखों का ऐलान करने का निर्देश दिया था। इसके बाद राज्य चुनाव आयोग ने 13 मई को एक हलफनामा दायर कर शीर्ष अदालत को जानकारी दी थी कि वह मानसून के बाद दो-तीन चरणों में स्थानीय निकाय चुनाव कराएगा। राज्य चुनाव आयोग ने बताया था कि 20 नगर निगमों के चुनाव सितंबर-अक्टूबर में कराए जा सकते है। इसके साथ ही 25 जिला परिषदों, 284 पंचायत समितियों और करीब 2000 ग्राम पंचायतों के चुनाव अक्टूबर-नवंबर में हो सकते है। जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने आज मामले पर सुनवाई की और इस दौरान कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि जहां बारिश कम होती है वहां तय समय में और जहां बारिश ज्यादा होती है वहां मानसून के बाद चुनाव कराए जाए।
राज्य चुनाव आयोग ने यह कहा था
राज्य चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध करते हुए कहा था कि मानसून में प्रदेश के कई इलाकों में बाढ सदृश्य स्थिति होती है। राज्य क र्मचारी बाढ़ नियंत्रण के कामों में व्यस्त रहते है। लिहाजा इस दौरान चुनाव कराना मुश्किल है। साथ ही मानसून में कम वोटिंग होने का भी डर है। ऐसे में सभी निकायों के चुनाव एक साथ कराए जाने पर मतदान केन्द्रों पर पुलिस बल उपलब्ध कराना भी मुश्किल होगा। इन समस्याओं पर शीर्ष विचार करें।
Created On :   17 May 2022 9:46 PM IST