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दैनिक भास्कर हिंदी: लोकसभा चुनाव 2019: गडकरी से मुकाबला करेंगे पटोले, अपनों को मनाना है पहली चुनौती

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में इस बार रोचक मुकाबला होने जा रहा है। भाजपा के नितिन गडकरी का मुकाबला कांग्रेस के नाना पटोले से होगा। 1951 में नागपुर लोकसभा बनने के बाद यहां केवल दो बार भाजपा जीत पाई है। 1996 में मंदिर आंदोलन में शामिल हुए बनवारीलाल पुरोहित को कांग्रेस से बाहर होना पड़ा। तब पुरोहित ने भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था। उनकी जीत भाजपा की पहली जीत थी। बाद में भी यहां कांग्रेस ही जीतती रही।
1996 के बाद यहां लोकसभा के लिए भाजपा उम्मीदवार तय करने में गडकरी की प्रमुख भूमिका रहती थी, लेकिन भाजपा के लिए उम्मीदवार ढूंढकर लाने की स्थिति बनी रही। कभी उद्यमी रमेश मंत्री तो कभी लोकमंच के अटलबहादुर सिंह पर भाजपा ने दांव लगाया। राजनीतिक जोखिम को दूर से भी भांप लेने में कुशल गडकरी यहां से चुनाव नहीं लड़ते थे। 1985 में विधानसभा चुनाव लड़े भी तो सफल नहीं हुए थे। 29 वर्ष बाद गडकरी ने 2014 में लोकसभा चुनाव लड़ा तब तक वे भाजपा के अध्यक्ष पद की पारी खेल चुके थे। उस चुनाव में गडकरी ने सर्वाधिक 5,87,867 मत लिए। 6 बार लोकसभा सदस्य रहे कांग्रेस के विलास मुत्तेमवार 3,02,939 मत ही पा सके। बसपा के मोहन गायकवाड़ ने 96,433 व आम आदमी पार्टी की अंजलि दमानिया ने 69,081 मत लिए थे। 2.85 लाख मतों के अंतर से गडकरी की जीत को नागपुर भाजपा के लिए ऐतिहासिक माना जाता है।
गडकरी के कार्य दिल्ली तक सराहे गए
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि भाजपा के लिए सब कुछ हरा भरा नहीं है। बसपा ने अनजान से गायकवाड़ को मैदान में उतारा था। दमानिया का नागपुर से कोई संबंध नहीं रहा है। ऐसे में दोनों को मिले मतों को भाजपा विरोध व कुछ हद तक चुनौती माना जाता है। फिलहाल यह जरूर है कि विकास मामले में गडकरी की सराहना नागपुर से दिल्ली तक विरोधी दल के नेता भी करते हैं।
कांग्रेस की गुटबाजी को खत्म करना आसान नहीं
नाना पटोले भंडारा जिले के साकोली क्षेत्र के विधायक रहे हैं। 2009 में उन्होंने भंडारा गोंदिया लोकसभा क्षेत्र में निर्दलीय चुनाव लड़ा। दूसरे स्थान पर रहे। तब गाेपीनाथ मुंडे जैसे भाजपा नेताओं से उनकी करीबी बनी। भाजपा में शामिल हुए। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने राकांपा के प्रफुल पटेल को पराजित कर दिया। बाद में भाजपा से भी मन खट्टा कर बैठे। भाजपा व लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया। कांग्रेस में किसान मोर्चा के अखिल भारतीय अध्यक्ष बन गए। पटोले ओबीसी नेता के तौर पर भी पहचान बनाने का प्रयास करते रहे हैं। छावा संगठन का नेतृत्व करते हैं।
खैरलांजी हत्याकांड के समय निरपराधों पर अन्याय नहीं करने की मांग के साथ वे चर्चा में आए थे। अब वहीं मामला उनके लिए गले की हड्डी बनने की आशंका जताई जा रही है। शहर कांग्रेस में गुटबाजी सबको मालूम है। पटोले की उम्मीदवारी का अंदरूनी विरोध भी चर्चा में रहा है। ऐसे में सभी गुटों को साथ लेकर चलना चुनौती पूर्ण होगा। सुरेश भट सभागृह में सत्कार सम्मेलन व मानकापुर स्टेडियम में बहुजन सम्मेलन के नाम पर पटोले ने अपने समर्थकों के माध्यम से एकता का प्रयास अवश्य किया है।
पटोले के सामने है चुनौती
नागपुर में जातीय आधार की बात हो तो पटोले की जाति की संख्या अधिक है। राजनीति में भी उनकी जाति के कार्यकर्ता नेता अधिक हैं। ऐसे में गुटबाजी व जातीय गणित पर कांग्रेस व पटोले की ताकत निर्भर रहेगी। दलित, अल्पसंख्यक मत विभाजन को रोकने के लिए मशक्कत करनी पड़ेगी। प्रकाश आंबेडकर से लेकर अन्य नेताओं की चुनौती को भी कांग्रेस नकार नहीं सकती है। फिलहाल नाम तय हुआ है। एक दो दिन में पटोले के समर्थन में कांग्रेस व अन्य घटक की तस्वीर साफ होने के आसार हैं।
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।
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