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डेढ़ करोड़ की धान रिजेक्ट, कलेक्टर द्वारा गठित टीम करेगी जांच
डिजिटल डेस्क शहडोल । नागरिक आपूर्ति निगम नान ने केंद्रों से उपार्जित धान में से डेढ़ करोड़ रुपये कीमत की धान रिजक्ट करने का मामला झमेले में पड़ गया है। जिले में अब तक खरीदे गए 3 लाख 22 हजार क्विंटल धान में नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने गत दिवस करीब 1 करोड़ 68 लाख रुपए मूल्य की 10862 क्विंटल धान बेयर हाउस में अमानक बताकर रिजेक्ट कर दिया। विभाग की इस कार्रवाई को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं कि जब नान के पास क्वालिटी कंट्रोलर नहीं हैं तो किस आधार पर इसे अमानक बता दिया गया। इस संबंध में सहकारिता उपायुक्त द्वारा कलेक्टर का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि भी है कि नान के पास कोई क्वालिटी कंट्रोलर नहीं इसके बावजूद धान रिजेक्ट कर दी गई। इस पर कलेक्टर ने जिला समिति के माध्यम से जांच कराने की बात कही है।
ज्ञातव्य है कि धान की अमानकता के मुख्य तीन आधार हैं पहला गीली धान, दूसरा कचरा मिक्स बदरा धान तीसरा चमक विहीन होना। जिले में धान उपार्जन के 39 केन्द्र हैं और 1550 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदी की जा रही है। खरीदी की प्रक्रिया 15 नवंबर से शुरू हुई जो कि 15 जनवरी तक चलेगी।
क्वालिटी कंट्रोलर किसी केन्द्र में नहीं
नियमत:सभी उपार्जन केन्द्रों में धान की गुणवत्ता परीक्षण के लिए एक प्रशिक्षित क्वालिटी निरीक्षक होना चाहिए। लेकिन किसी भी उपार्जन केन्द्र में इस कर्मचारी की पदस्थापना नहीं की गई है। इसलिए धान की अमानकता पर उठे प्रश्र चिन्ह का अंतिम निराकरण कमेटी या भोपाल के क्वालिटी परीक्षक अधिकारियों द्वारा किया जाता है। जबकि यहां नागरिक आपूर्ति निगम ने 10862 क्विंटल धान में बदरा बताकर उसे अमानक कह दिया है।
हर केन्द्र में नमीमापक और छन्ने का प्रावधान
बताया गया कि सभी केन्द्रों में शासन ने नमीमापक यंत्र उपलब्ध कराए हैं ताकि धान की नमी व उसकेे गीलेपन की गणना की जा सके। इसके अलावा धान की सफाई के लिए छन्ने दिये गए हैं। छन्ना करने के बाद ही धान लिए जाने का प्रावधान है। इसलिए केन्द्रो में अधिकांशत: इन दोनो प्रावधानों का पालन किया जाता है। इस संबंध में मानीटरिंग करने वाले अधिकारियों ने भी कोई शिकायत नहीं की।
केंद्रों में ऐसी भी गड़बड़ी
उपार्जन केंद्रों मेें भी कई तरह की गड़बडिय़ां सामने आई हैं। कंद्रों में उपज लेकर आने वाले किसानों के श्रमिकों से तुलाई व सिलाई का कार्य कराया जाता है। साथ ही जिन केंद्रों में श्रमिक लगे हैं उनको भुगतान नियमानुसार प्रबंधकों द्वारा नहीं किया जा रहा है। जिला आपूर्ति अधिकारी के निरीक्षण में विगत दिवस उक्त तरह की गड़बड़ी सामने आई थी, जिसमें प्रबंधकों को नोटिस जारी किया गया था। सूत्रों की माने तो केंद्रों में इस तरह की अनयिमितता जारी है।
इनका कहना है
मामला संज्ञान में आया है, अमानक धान की जांच जिला कमेटी करेगी, उपार्जन केन्द्रों में इतनी मात्रा मेें अमानक धान कैसे खरीदी गई। इसकी भी जांच की जाएगी। मैं मामले को दिखवाता हूं।
नरेश पाल, कलेक्टर शहडोल
Created On :   6 Jan 2018 1:56 PM IST