बिजली सब्सिडी को लेकर अजित-राऊत में तनातनी, समिति की रिपोर्ट पर उठे सवाल 

Controversy in the cabinet meeting- Ajit-Rout tussle over electricity subsidy
बिजली सब्सिडी को लेकर अजित-राऊत में तनातनी, समिति की रिपोर्ट पर उठे सवाल 
 कैबिनेट बैठक में विवाद बिजली सब्सिडी को लेकर अजित-राऊत में तनातनी, समिति की रिपोर्ट पर उठे सवाल 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बिजली विभाग के लिए निधि को लेकर एक बार फिर राज्य के ऊर्जामंत्री नितीन राऊत और उपमुख्यमंत्री व वित्तमंत्री अजित पवार में ठन गई है। गत दिनों हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में  पवार ने दो टूक जवाब दे दिया कि बिजली सब्सिडी को लेकर जब तक रिपोर्ट नहीं मिल जाती, तब तक इस दिशा में कुछ नहीं कर सकते। सूत्रों के अनुसार मुख्यंत्री उद्धव ठाकरे भी अजित की भूमिका से सहमत हैं। दरअसल औद्योगिक रुप से राज्य के पिछडे इलाकों विदर्भ, मराठवाडा सहित अन्य पिछड़े जिलों में उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए तत्कालीन फडणवीस सरकार ने 2016 में बिजली बिल पर सब्सिडी देने का निर्णय लिया था। इन क्षेत्रों में 7500 से ज्यादा उद्योग हैं, जिन्हें सालाना 1200 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई थी। पर सब्सिडी के नियमों के चलते इसका लाभ केवल कुछ बड़े उद्योग ही उठा रहे थे। इसको लेकर पेश से वकील एडवोकेट विनोद सिंह ने अदालत में याचिका भी दाखिल की है। 1200 करोड़ रुपये की कुल सब्सिडी में महज 15 उद्योगपति ही 65 प्रतिशत रकम ले जा रहे थे, जिससे अन्य उद्योगपतियों को उसका लाभ नहीं मिल पा रहा था। 

ठाकरे सरकार ने खबर ली

राज्य में ठाकरे सरकार बनने के बाद मामले की शिकायत वित्त मंत्री अजित पवार और ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत तक पहुंची तो उन्होंने बिजली सब्सडी के तौर पर दिए जाने वाले अनुदान राशि को रोक लगा कर इसकी समीक्षा के लिए मार्च 2021 में सात सदस्यीय समिति का गठन किया गया। समिति को 15 दिन में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया, लेकिन नौ महीने बीतते के बाद भी रिपोर्ट नहीं मिल सकी। हालांकि, ऊर्जा मंत्री राऊत कहते हैं रिपोर्ट आ गई है। 

बैठक में हुई विवाद 

अपारंपरिक ऊर्जा को बढ़ावा देने तथा उद्योग लगाने के लिए कई तरह की सब्सिडी ऊर्जा विभाग देता है। पर लंबे समय से बिजली विभाग आर्थिक संकट में है। बीते गुरुवार को मंत्रिमंडल की बैठक में ऊर्जा मंत्री राऊत ने सरकार से ऊर्जा विभाग के लिए पैसे की मांग की तो वित्तमंत्री पवार नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि जब पैसा नहीं था तो सब्सिडी क्यों दिया जा रहा था, जबकि उस वक्त सब्सिडी में धांधली का मामला सामने आया था। यहां तक की इसको लेकर समिति भी बनाई गई थी। अभी तक उसकी कोई रिपोर्ट भी नहीं आई। पवार ने बिजली विभाग को आर्थिक मदद देने से एक तरह से पल्ला झाड़ लिया है। सब्सिडी मामले को लेकर पवार ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भी विस्तार से जानकारी दी है। इसके पहले लॉकडाउन के वक्त लोगों को बढ़े बिजली बिल से राहत के लिए ऊर्जामंत्री छूट देना चाहते थे पर उस वक्क भी वित्तमंत्री पवार इसके लिए तैयार नहीं हुए थे। 
  
 
 

Created On :   22 Jan 2022 8:15 PM IST

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