कोरोना : बड़ी संख्या में महाराष्ट्र सहित दूसरे राज्यों में गई पत्रकारों की जान

Corona: Large number of journalists lost their lives in other states including Maharashtra
कोरोना : बड़ी संख्या में महाराष्ट्र सहित दूसरे राज्यों में गई पत्रकारों की जान
कोरोना : बड़ी संख्या में महाराष्ट्र सहित दूसरे राज्यों में गई पत्रकारों की जान

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। कोरोना संक्रमण का आंकड़ा रोजाना चार लाख से पार जा रहा है। संकट की इस घड़ी में देश के तमाम पत्रकार भी अपनी जान जोखिम में डालकर अपना कर्त्तव्य निभा रहे हैं। लेकिन इस दौरान बड़ी संख्या में पत्रकार भी कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। आंकड़े बताते हैं कि देश में अब तक 170 से ज्यादा पत्रकार कोरोना की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं। यही वजह है कि डॉक्टरों व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की तरह पत्रकारों को भी फ्रंटलाइन वर्कर्स घोषित करने की मांग तेज हो गई है। महाराष्ट्र और दिल्ली 22-22 पत्रकारों की मौत हो चुकी है, जिसके साथ ही राज्य देशभर में दूसरे नंबर पर हैं। तेलंगाना में 21, ओडिशा में 17 और मध्यप्रदेश में 11 पत्रकार कोरोना की भेंट चढ़ चुके हैं। जब्कि 1 अप्रैल 2020 से 5 मई 2021 के बीच सिर्फ 6 राज्यों में 119 पत्रकारों की मौत की वजह कोरोना महामारी बनी है। इस मामले में टॉप पर उत्तरप्रदेश है जहां 26 पत्रकारों की जान गई है।

इंस्टीट्यूट ऑफ परसेप्शन स्टडीज की कोटा नीलिमा बताती हैं कि पत्रकारों की मौत के ये आंकड़े सत्यापित हैं। बिना सत्यापन के आंकड़ों की बात करें तो यह संख्या इससे दोगुनी हो सकती है। इंस्टीट्यूट ऑफ परसेप्शन स्टडीज के मुताबिक अब तक कोरोना की वजह से देश में 164 से ज्यादा पत्रकारों की जान जा चुकी है। 

कई राज्यों ने पत्रकारों को माना फ्रंटलाइन वर्कर्स

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया और भारतीय प्रेस परिषद जैसी अहम संस्थाओं की ओर से की गई मांग के मद्देनजर अब तक 8 से ज्यादा राज्य सरकारों ने पत्रकारों को फ्रंटलाइन वर्कर्स मानते हुए उन्हें जल्द वैक्सीन लगाने की घोषणा की है। सबसे पहले ओडिशा की नवीन पटनायक सरकार ने पत्रकारों को कोरोना योद्धा माना। इसके बाद बिहार, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, पंजाब, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक की सरकारों ने भी पत्रकारों को फ्रंटलाइन वर्कर्स मानने की घोषणा की है। तमिलनाडु के होने वाले मुख्यमंत्री एम के स्टालिन भी इस तरह की घोषणा कर चुके हैं। माना जा रहा है कि दूसरी राज्य सरकारें भी जल्द ही पत्रकारों को प्राथमिकता के आधार पर कोरोना का टीका लगाने का ऐलान करेंगी।

पत्रकार मौत मामले में टॉप तीन देशों में है भारत  

प्रेस इंब्लेम कैंपेन के मुताबिक कोरोना महामारी से पत्रकारों की मौत के मामले में भारत टॉप तीन देशों में शामिल है। इस सूचि में ब्राजील और पेरू क्रमश: पहले और दूसरे नंबर पर हैं। इंस्टीट्यूट ऑफ परसेप्शन स्टडीज के मुताबिक कोविड-19 के चलते भारत में अब तक 164 पत्रकारों की जान जा चुकी है। वर्ष 2021 की बात करें तो 1 जनवरी 2021 से 5 मई 2021 की अविध में देश के 115 पत्रकार कोरोना के शिकार हुए। पत्रकारों के लिए अप्रैल महीना सबसे बुरा रहा। अप्रैल में सबसे ज्यादा 89 पत्रकारों की मौत कोरोना से हुई है। मई के पांच दिनों में ही 19 पत्रकार काल के गाल में समा गए।

77 पत्रकारों के परिजनों को मिली केन्द्र से मदद  

पत्रकारों की मौत के बाद पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) उनके परिजनों को पत्रकार कल्याण कोष से मदद उपलब्ध कराता है। पीआईबी के मुताबिक पिछले तीन वर्ष के दौरान 77 पत्रकारों की मौत के बाद उनके परिजनों को इस कोष से 3 करोड़ 85 लाख रूपये की मदद उपलब्ध कराई गई है। 

पत्रकारों की मौत मामले में टॉप 6 राज्य 

(1 अप्रैल 2020 से 5 मई 2021 के बीच)

उत्तरप्रदेश  26
महाराष्ट्र   22
दिल्ली    22
तेलंगाना   21
ओडिशा    17
मध्यप्रदेश   11
 

Created On :   6 May 2021 3:12 PM GMT

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